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158 साल का हुआ पिंक सिटी ये पहला गर्ल्स स्कूल, महज 3 बच्चियों से हुई थी शुरुआत, जानें इतिहास - Pink City First Girls School - PINK CITY FIRST GIRLS SCHOOL

Pink City First Girls School, गुलाबी नगरी के पहले बालिका विद्यालय के स्थापना को आज 158 साल पूरा हो गया. इस स्कूल की स्थापना महाराजा सवाई राम सिंह ने की थी. इस स्कूल की शुरुआत तीन बच्चियों से हुई थी और आज यहां 1500 छात्राएं पढ़ रही हैं.

Pink City First Girls School
पिंक सिटी पहला गर्ल्स स्कूल (ETV BHARAT Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 6, 2024, 7:22 PM IST

3 बच्चियों से हुई थी इस स्कूल की शुरुआत (ETV BHARAT Jaipur)

जयपुर. गुलाबी नगरी का पहला बालिका विद्यालय आज 158 साल का हो गया. महाराजा सवाई राम सिंह ने जयपुर में अपनी रियासत की बच्चियों को शिक्षित करने के लिए इस स्कूल की स्थापना की थी. तीन लड़कियों और दो शिक्षकों के साथ शुरू हुए इस स्कूल में वर्तमान में 1500 छात्राएं पढ़ रही है. ये स्कूल बच्चियों के उन चिह्नित स्कूलों में शामिल है, जहां आर्ट्स, कॉमर्स, साइंस तीनों फैकल्टी है. इस स्कूल ने प्रदेश को इला अरुण जैसी कलाकार दी तो कई इंजीनियर, डॉक्टर और सीए भी दिए. हाल ही में इसी स्कूल में पढ़ाने वाली एक शिक्षिका आरएएस भी बनी है.

स्कूल का इतिहास : 6 मई, 1866 को लूणकरण भिखारी दास नाटाणी की हवेली में महाराजा गर्ल्स हाई स्कूल की शुरुआत हुई थी. आज जयपुरवासी इस स्कूल को महाराजा स्कूल के नाम से जानते हैं. जयपुर की विरासत के साथ जुड़े इस स्कूल का अपना एक गौरवशाली इतिहास रहा है. प्राचार्य पुखराज आर्य ने बताया कि इस विद्यालय से कई राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाली छात्राएं निकली हैं. पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा की पत्नी विमला शर्मा और प्रसिद्ध गायक इला अरुण भी यही से पास आउट हैं. इसी वर्ष विद्यालय की छात्रा निलांशी शर्मा ने पीएम मोदी के साथ परीक्षा पर चर्चा की तो वहीं, शिक्षिका पल्लवी गुप्ता आरपीएससी क्रैक कर आरएएस बनी.

Pink City First Girls School
158 साल का हुआ महाराजा गर्ल्स हाई स्कूल (ETV BHARAT Jaipur)

इसे भी पढ़ें - Special : राजस्थान की लोक विरासत का जीवंत साक्षी है यह संग्रहालय...विशालकाय कठपुतलियां हैं गवाह

इन्हें किया गया पुरस्कृत : सोमवार को इस स्कूल का स्थापना दिवस मनाया गया, जिसमें कई समाजसेवी, स्कूल के एल्यूमिनी, शिक्षक और छात्राएं शामिल हुईं. इस दौरान चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और सफाई कर्मचारियों को सम्मानित किया गया. साथ ही शत-प्रतिशत परिणाम देने वाली शिक्षिकाओं के साथ प्रतिभावान छात्राओं को भी पुरस्कृत किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय नाटाणी परिवार समिति के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व संरक्षक विनय कुमार गुप्ता मौजूद रहे. इस दौरान उन्होंने बताया कि छोटी चौपड़ पर बनी सात चौक की इस हवेली के मर्दाना खंड को कोतवाली और जनाना हवेली को बालिकाओं के सरकारी स्कूल के रूप में संचालित किया गया.

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बच्चियों संग वार्तालाप करतीं स्कूल की शिक्षिकाएं (ETV BHARAT Jaipur)

ये स्कूल जयपुर की विरासत से जुड़ा हुआ है, लेकिन कुछ वर्ष पहले इस स्कूल के एक चौक पर कुछ असामाजिक तत्वों की ओर से अतिक्रमण किया जा रहा था और स्कूल भी मरम्मत की बाट जोह रहा था. ऐसे में छात्राओं को सड़कों पर उतरकर विरोध तक जताना पड़ा था. तब नाटाणी समाज ने इस स्कूल के जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया और फिर कई सरकारी महकमे भी सामने आए.

इसे भी पढ़ें - जैसलमेर में खोखले साबित हो रहे शिक्षा को लेकर सरकार के दावे... झोपड़े में पढ़ने को मजबूर विद्यार्थी - Hut School In Jaisalmer

काटा गया केक : इस अवसर पर महिला शिक्षिकाओं ने साफा धारण कर सेल्फी भी क्लिक की. छात्राओं में भी अपनी शिक्षिकाओं के साथ फोटो क्लिक करने की होड़ देखने को मिली. वहीं, स्कूल के स्थापना दिवस के मौके पर केक काटा गया. साथ ही स्कूल की जरूरतों को पूरा करने वाले भामाशाहों को भी सम्मानित किया गया.

3 बच्चियों से हुई थी इस स्कूल की शुरुआत (ETV BHARAT Jaipur)

जयपुर. गुलाबी नगरी का पहला बालिका विद्यालय आज 158 साल का हो गया. महाराजा सवाई राम सिंह ने जयपुर में अपनी रियासत की बच्चियों को शिक्षित करने के लिए इस स्कूल की स्थापना की थी. तीन लड़कियों और दो शिक्षकों के साथ शुरू हुए इस स्कूल में वर्तमान में 1500 छात्राएं पढ़ रही है. ये स्कूल बच्चियों के उन चिह्नित स्कूलों में शामिल है, जहां आर्ट्स, कॉमर्स, साइंस तीनों फैकल्टी है. इस स्कूल ने प्रदेश को इला अरुण जैसी कलाकार दी तो कई इंजीनियर, डॉक्टर और सीए भी दिए. हाल ही में इसी स्कूल में पढ़ाने वाली एक शिक्षिका आरएएस भी बनी है.

स्कूल का इतिहास : 6 मई, 1866 को लूणकरण भिखारी दास नाटाणी की हवेली में महाराजा गर्ल्स हाई स्कूल की शुरुआत हुई थी. आज जयपुरवासी इस स्कूल को महाराजा स्कूल के नाम से जानते हैं. जयपुर की विरासत के साथ जुड़े इस स्कूल का अपना एक गौरवशाली इतिहास रहा है. प्राचार्य पुखराज आर्य ने बताया कि इस विद्यालय से कई राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाली छात्राएं निकली हैं. पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा की पत्नी विमला शर्मा और प्रसिद्ध गायक इला अरुण भी यही से पास आउट हैं. इसी वर्ष विद्यालय की छात्रा निलांशी शर्मा ने पीएम मोदी के साथ परीक्षा पर चर्चा की तो वहीं, शिक्षिका पल्लवी गुप्ता आरपीएससी क्रैक कर आरएएस बनी.

Pink City First Girls School
158 साल का हुआ महाराजा गर्ल्स हाई स्कूल (ETV BHARAT Jaipur)

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इन्हें किया गया पुरस्कृत : सोमवार को इस स्कूल का स्थापना दिवस मनाया गया, जिसमें कई समाजसेवी, स्कूल के एल्यूमिनी, शिक्षक और छात्राएं शामिल हुईं. इस दौरान चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और सफाई कर्मचारियों को सम्मानित किया गया. साथ ही शत-प्रतिशत परिणाम देने वाली शिक्षिकाओं के साथ प्रतिभावान छात्राओं को भी पुरस्कृत किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय नाटाणी परिवार समिति के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व संरक्षक विनय कुमार गुप्ता मौजूद रहे. इस दौरान उन्होंने बताया कि छोटी चौपड़ पर बनी सात चौक की इस हवेली के मर्दाना खंड को कोतवाली और जनाना हवेली को बालिकाओं के सरकारी स्कूल के रूप में संचालित किया गया.

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बच्चियों संग वार्तालाप करतीं स्कूल की शिक्षिकाएं (ETV BHARAT Jaipur)

ये स्कूल जयपुर की विरासत से जुड़ा हुआ है, लेकिन कुछ वर्ष पहले इस स्कूल के एक चौक पर कुछ असामाजिक तत्वों की ओर से अतिक्रमण किया जा रहा था और स्कूल भी मरम्मत की बाट जोह रहा था. ऐसे में छात्राओं को सड़कों पर उतरकर विरोध तक जताना पड़ा था. तब नाटाणी समाज ने इस स्कूल के जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया और फिर कई सरकारी महकमे भी सामने आए.

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काटा गया केक : इस अवसर पर महिला शिक्षिकाओं ने साफा धारण कर सेल्फी भी क्लिक की. छात्राओं में भी अपनी शिक्षिकाओं के साथ फोटो क्लिक करने की होड़ देखने को मिली. वहीं, स्कूल के स्थापना दिवस के मौके पर केक काटा गया. साथ ही स्कूल की जरूरतों को पूरा करने वाले भामाशाहों को भी सम्मानित किया गया.

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