जयपुर: नई थीम डेकोरेशन, नया साहित्य और नए सेशन वेन्यू के साथ 30 जनवरी को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के 18वें संस्करण का आगाज होगा. 5 दिन चलने वाले जेएलएफ में कैलाश खेर, जावेद अख्तर, अमोल पालेकर, हुमा कुरैशी सहित देश-विदेश की कई बड़ी हस्तियां शिरकत करेंगी. खास बात यह है कि विवादों में रहने वाला मुगल टेंट इस बार जेएलएफ में नजर नहीं आएगा. उसकी जगह सूर्य महल नाम से नया वेन्यू बनाया गया है. वहीं, इस बार जेएलएफ वेस्ट टू वंडर का संदेश भी देगा, साथ ही जयपुर की बगरू और सांगानेरी प्रिंट को डेकोरेशन के जरिए प्रमोट भी करेगा.
जयपुर की धरा पर एक बार फिर साहित्य का महाकुंभ सजेगा. जयपुर के होटल क्लार्क्स आमेर में होने वाले इस पांच दिवसीय आयोजन में साहित्य के साथ-साथ म्यूजिक और फूड भी लोग एंजॉय कर सकेंगे. इस बार जनरल एंट्री महज 200 रुपये रखी गई है. इस पास के जरिए यहां पहुंचने वाले लोग सभी सेशन वेन्यू, फूड कोर्ट, बुक स्टोर और आर्ट इंस्टॉलेशन स्पेस में एंट्री कर सकेंगे. वहीं, हर बार की तरह इस बार भी पांच सेशन वेन्यू बनाए गए हैं, जिसमें चारबाग, फ्रंट लॉन, दरबार हॉल, बैठक के साथ-साथ नया वेन्यू सूर्य महल नजर आएगा. जबकि जिस जगह मुगल टेंट सजाया जाता था, वहां इस बार फूड कोर्ट लगाया जा रहा है.
इस आयोजन को लेकर ईटीवी भारत से खास बातचीत में जेएलएफ प्रोड्यूसर संजॉय के रॉय ने बताया कि इस साल सूर्य महल बना है. ये दरबार हॉल जैसा ही एक वेन्यू होगा. पूरे जेएलएफ में इस बार अलग-अलग पांच थीम है, जिनमें से एक तो फूड से रिलेटेड है. जिसमें बहुत सारे इंटरनेशनल शेफ भी जुड़ेंगे. वहीं, क्राईम फिक्शन पर बहुत सारे सेशन होने वाले हैं. वेस्ट एशिया, फिलिस्तीन-इजरायल, यूक्रेन-रूस पर कई सेशन होने वाले हैं. इसके अलावा हिस्ट्री, एनवायरमेंट, स्पिरिचुअल के कई सेशन होंगे. खास बात ये है कि इस बार बहुत सारी बायोग्राफी जेएलएफ में रिवील होगी.
अमोल पालेकर, मोहिन्दर अमरनाथ, मानव कौल, इला अरुण, एमके रैना यहां अपनी बुक्स के साथ मौजूद रहेंगे. इसके अलावा थिएटर अपने आप में एक अलग थीम होगी. वहीं, कैलाश खेर भी यहां मौजूद होंगे. उन्होंने खुद एक किताब भी लिखी है, साथ ही वो यहां परफॉर्मेंस भी देंगे. इसके अलावा हर बार की तरह जावेद अख्तर और शशि थरूर जेएलएफ का हिस्सा होंगे.
उन्होंने बताया कि जब मुगल टेंट बनाया था तो उसका आर्किटेक्चर मुगल टेंट जैसा था, इसलिए ये नाम रखा गया था. अब नया वेन्यू सूर्य महल बन गया है, जहां विभिन्न सत्र होने वाले हैं. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि हर बार की तरह इस बार भी जेएलएफ के आखिरी दिन एक डिबेट रखी जाएगी. फ्रंट लॉन में होने वाली इस डिबेट में वॉर और पैसेफिज्म पर डिस्कशन होगा. आज हर जगह वायलेंस और वॉर देखने को मिलती है. ऐसे में उस वक्त क्या रिएक्शन होना चाहिए, किस तरह के कदम उठाए जाने चाहिए, इसी पर डिस्कशन किया जाएगा.
आखिर में संजॉय ने बताया कि यहां विभिन्न सामाजिक संगठनों और संस्थाओं की ओर से डेकोरेशन की गई है. एक स्कूल की ओर से यहां रियूज मेटल के साथ एक बड़ा मेटल का घोड़ा बनाया है. कश्मीर के एक खास आर्टिस्ट में अपनी स्टोरी को कलर्स दिए हैं. जयपुर के आर्टिस्ट संदीप ने भी अपनी कलाकृतियों प्रस्तुत की है. एंट्री का पूरा थीम उत्सव पर आधारित है, जिसमें जयपुर के कलर्स देखने को मिलेंगे. जयपुर की खास बगरू और सांगानेरी प्रिंट को यहां पर डेकोरेशन के जरिए उकेरा गया है.
बहरहाल, साहित्य में रुचि रखने वालों के लिए ये 5 दिन खास रहने वाले हैं. 30 जनवरी से 3 फरवरी तक यहां इस बार वॉर के साथ-साथ क्रिकेट, बॉलीवुड और आध्यात्म पर भी चर्चा होने वाली है. आखिर में दक्षिण पंथ और वामपंथी के बीच एक खास डिबेट भी देखने को मिलेगी. उससे पहले फिलहाल यहां तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.