जयपुर : साउथ एशिया क्लीन एनर्जी फोरम के मंच पर मंगलवार को ग्रेटर नगर निगम ने ICLEI यूएसए और ICLEI साउथ एशिया के साथ एमओयू साइन किया. इसके तहत सस्टेनेबल एनर्जी ट्रांजिशन, एनर्जी एफिशिएंसी, वेस्टवाटर ट्रीटमेंट, सॉलिड वेस्ट हैंडलिंग और एयर पॉल्यूशन अबेटमेंट पर काम किया जाएगा. इस दौरान देश-विदेश के 18 शहरों के मेयर और प्रतिनिधि मौजूद रहे. जयपुर ग्रेटर नगर निगम ने राइजिंग राजस्थान के मद्देनजर मंगलवार को दक्षिण एशिया क्लीन एनर्जी फोरम की ओर से आयोजित कार्यक्रम में यूएस के सात प्रातों के साथ एमओयू किया. इससे दोनों देशों के स्वायत्त निकाय एक दूसरे के तकनीक, नवाचार और प्रशासन के लिए एकजुट होकर कार्य करेंगे.
18 शहरों के मेयर हुए शामिल : इस संबंध में महापौर सौम्या गुर्जर ने बताया कि ये एमओयू दोनों देशों के बीच एक ऐतिहासिक पहल है. इससे शहरीकरण में आ रही चुनौतियों का सामना करने और फॉरेन की आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर शहर के आधुनिकिरण के साथ जल्द और सुव्यवस्थित विकास के रास्ते खुलेंगे. साथ ही सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा दिया जाएगा और व्यवस्थाओं में सुधार करने के प्रयास होंगे. इससे आम नागरिकों के जीवन को भी सुगम बनाया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में 18 शहरों के मेयर और प्रतिनिधि मौजूद रहे. आबु धाबी, कोलम्बस, सिटी ऑफ फेयरमाउन्ट, श्रीलंका, राजकोट, सिटी ऑफ बाल्टिमोर, कोल्हापुर, पटना, ICLEI साउथ एशिया के एकज्यूकेटिव डायरेक्टर, ICLEI यूएसए की पूर्व एकज्यूकेटिव डायरेक्टर सहित विदेश से आए प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
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महापौर ने इस मौके पर साउथ एशिया मेयरल प्लेटफॉर्म ऑन सस्टेनेबल सिटीज सब्जेक्ट पर अपने विचार रखते हुए विदेशी प्रतिनिधियों को निगम की ओर से किए जा रहे नवाचारों की जानकारी दी. साथ ही 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत किए गए कार्यों की भी जानकारी दी. इसके साथ ही ग्रेटर नगर निगम की ओर से आगामी दिनों में आयोजित होने वाले जयपुर समारोह में आने का भी न्यौता दिया.
इससे पहले भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने दक्षिण एशियाई रीजन में क्लीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए तीन नए कार्यक्रम शहरों के पर्यावरण अनुकूल विकास पर अमेरिका-दक्षिण एशिया मेयरल प्लेटफॉर्म, इंडो-अमेरिकी लो कार्बन कम्फर्ट एंड कूलिंग कलेक्टिव और क्लीन एनर्जी इन्वेस्टमेंट फैसिलिटेशन प्लेटफॉर्म की घोषणा की. उन्होंने बताया कि कूलिंग कलेक्टिव प्रोग्राम के माध्यम से वर्ष 2030 तक सुपर एफिशिएंट कूलिंग तकनीक के लिए एक बिलियन डॉलर जुटाने का लक्ष्य है. वहीं, प्रदेश के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने सोलर एनर्जी, विंड एनर्जी, पंप स्टोरेज और बैट्री स्टोरेज प्लांट्स के जरिए ग्रीन एनर्जी और क्लीन एनर्जी डेवलप करने का मैसेज देते हुए, राजस्थान में जल्द बिजली लागत में कमी लाने के प्रयास करने की बात कही.