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जयपुर जिला प्रशासन ने की आमजन से लू और तापघात से बचाव के लिए एहतियात बरतने की अपील - appeal to take precautions

बढ़ती गर्मी एवं लू के प्रकोप को ध्यान में रखते हुए जयपुर जिला प्रशासन ने आमजन से एहतियात बरतने की अपील की है. साथ ही जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष सावधानी बरतने के जिला प्रशासन ने निर्देश दिए हैं.

Jaipur district administration
जयपुर जिला प्रशासन (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 3, 2024, 5:19 PM IST

जयपुर. आगामी दिनों में बढ़ती गर्मी एवं लू के प्रकोप से आमजन के बचाव के लिए जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है. आमजन से भी ऐहतियात बरतने की अपील की जा रही है. आमजन अत्यधिक गर्मी व लू-तापघात होने से बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं. खासकर हाई रिस्क वाले लोगों को खास ख्याल रखने की जरूरत है. वहीं गर्मी के मौसम में जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष सावधानी बरतने के जिला प्रशासन ने निर्देश दिए हैं.

जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ शिल्पा सिंह ने शुक्रवार को बताया कि आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग से मिले निर्देशों के तहत जिले में गर्मी के मौसम में वर्तमान में चल रही लू एवं तापघात के प्रभाव से निराश्रित, बेघर, बेसहारा एवं खुले आसमान के नीचे सोने वाले व्यक्तियों के बचाव के लिए स्थाई अथवा अस्थाई रैन बसेरों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं.

पढ़ें: प्रदेश के कुछ भागों में आंशिक बादल छाए रहने के साथ हल्की बूंदाबादी की संभावना, 7 मई से कहीं-कहीं चलेगी लू - Weather Of Rajasthan

रैन बसेरों में दिन के समय आराम करने वाले व्यक्तियों को बिछाने के लिए दरियों की व्यवस्था करने, खुले आसमान के नीच रहने वालों को रैन बसेरों में लाने के लिए आवश्यक वाहन की व्यवस्था करने, लू एवं तापघात के प्रभाव से पीड़ित व्यक्ति के तत्काल उपचार की व्यवस्था करने, रैन बसेरों में आराम करने वाले परिवारों अथवा व्यक्तियों को लू से बचाव के लिए पर्याप्त आवश्यक सुविधाएं मुहैया करवाएं. जैसे पर्याप्त ठंडे पेयजल, आवश्यक जीवन रक्षक दवाइयां, ओआरएस घोल के पैकेट, स्वास्थ्य की जांच कर मौके पर ही जीवन रक्षक औषधियां उपलब्ध कराने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.

पढ़ें: राज्य में हीटवेव का अलर्ट !, स्थानीय निकाय विभाग ने जारी की एडवाइजरी - Heatwave Alert

शिल्पा सिंह ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि मौसम विभाग के अलर्ट एवं पूर्वानुमान अनुसार आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित की जाएं. लू, ताप संबंधी रिपोर्ट एकत्र करें तथा अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर आवश्यक कार्यवाही पूरी करें. सभी अस्पतालों में रोगियों के उपचार के लिए इंतजाम, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, रोगी के उपचार के लिए आपातकालीन किट में ओआरएस, ड्रिप सेट, ब्लीचिंग पाउडर सहित अन्य आवश्यक दवाइयां रखने के निर्देश दिए गए हैं.

उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि गर्मी से होने वाली बीमारियां जैसे उल्टी, दस्त, पीलिया, आंत्र दोष एवं अन्य मौसमी बीमारियों के रोगियों की सतर्कता से निगरानी रखें एवं उपचार उपलब्ध करवाएं. प्रचार-प्रसार कर आमजन को गर्मी से बचाव के बारे में जानकारी दी जाए तथा रैपिड रिस्पांस टीम एवं नियंत्रण कक्ष स्थापित करें.

पढ़ें: चिलचिलाती धूप और लू के बीच देने जा रहे हैं Vote! इलेक्शन में नहीं पड़ेगी खलल, साथ रखें ये Cool गैजेट्स - Lok Sabha Elections 2024

यह है लू एवं तापघात के लक्षण: शरीर में लवण व पानी अपर्याप्त होने पर विषम गर्म वातावरण में लू व तापघात से सिर का भारीपन व अत्यधिक सिरदर्द होने लगता है. इसके अलावा अधिक प्यास लगना, शरीर में भारीपन के साथ थकावट, जी मिचलाना, सिर चकराना व शरीर का तापमान बढ़ना, पसीना आना बंद होना, मुंह का लाल हो जाना, त्वचा का सूखा होना, अत्यधिक प्यास का लगना व बेहोशी जैसी स्थिति का होना आदि लक्षण आने लगते हैं. चिकित्सकीय दृष्टि से लू-तापघात के लक्षण लवण व पानी की आवश्यकता और अनुपात विकृति के कारण होती है. ऐसे में रोगी को तुरंत छायादार जगह पर कपड़े ढीले कर लेटा दिया जाए. रोगी को होश में आने की दशा मे उसे ठण्डा पेय पदार्थ पिलाएं. सावधानी के बाद भी मरीज ठीक नहीं होता है, तो उसे तत्काल निकट की चिकित्सा संस्थान ले जाया जाए.

यह सावधानी अपनाएं आमजन: जयपुर जिला प्रशासन ने आमजन से भीषण गर्मी के चलते एहतियात बरतने की अपील की है. जहां तक संभव हो धूप में न निकलें, धूप में शरीर पूर्ण तरह से ढका हो. आमजन जब भी बाहर निकलें, छाता व पानी आदि की व्यवस्था अनुरूप घर से निकलें. धूप में बाहर जाते समय हमेशा सफेद या हल्के रंग के ढीले व सूती कपड़ों का उपयोग करें. बहुत अधिक भीड़ व गर्म घुटन भरे कमरों से बचें.

बिना भोजन किए बाहर न निकलें. गर्दन के पिछले भाग कान एवं सिर को गमछे या तौलिये से ढक कर ही जरूरी होने पर बाहर निकलें. रंगीन चश्मे एवं छतरी का प्रयोग करें. गर्मी मे हमेशा पानी अधिक मात्रा में पिएं एवं पेय पदार्थों जैसे नींबू पानी, नारियल पानी, जूस आदि का प्रयोग करें. लू तापघात से प्राय हाई रिस्क श्रेणी वाले लोग जैसे कि कुपोषित बच्चे, वृद्धजन, गर्भवती महिलाएं व शुगर, बीपी आदि के मरीज शीघ्र प्रभावित होते हैं. इन्हें बाहर न निकलने दें व इनका विशेष ध्यान रखें.

स्वास्थ्य संबंधी जरूरत होने पर तत्काल 108 को कॉल करें या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर जाएं. नरेगा अथवा अन्य श्रमिकों के कार्यस्थल पर छाया एवं पानी का पूर्ण प्रबन्ध रखा जाए ताकि श्रमिक थोड़ी-थोड़ी देर में छायादार स्थानों पर विश्राम कर सकें.

जयपुर. आगामी दिनों में बढ़ती गर्मी एवं लू के प्रकोप से आमजन के बचाव के लिए जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है. आमजन से भी ऐहतियात बरतने की अपील की जा रही है. आमजन अत्यधिक गर्मी व लू-तापघात होने से बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं. खासकर हाई रिस्क वाले लोगों को खास ख्याल रखने की जरूरत है. वहीं गर्मी के मौसम में जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष सावधानी बरतने के जिला प्रशासन ने निर्देश दिए हैं.

जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ शिल्पा सिंह ने शुक्रवार को बताया कि आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग से मिले निर्देशों के तहत जिले में गर्मी के मौसम में वर्तमान में चल रही लू एवं तापघात के प्रभाव से निराश्रित, बेघर, बेसहारा एवं खुले आसमान के नीचे सोने वाले व्यक्तियों के बचाव के लिए स्थाई अथवा अस्थाई रैन बसेरों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं.

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रैन बसेरों में दिन के समय आराम करने वाले व्यक्तियों को बिछाने के लिए दरियों की व्यवस्था करने, खुले आसमान के नीच रहने वालों को रैन बसेरों में लाने के लिए आवश्यक वाहन की व्यवस्था करने, लू एवं तापघात के प्रभाव से पीड़ित व्यक्ति के तत्काल उपचार की व्यवस्था करने, रैन बसेरों में आराम करने वाले परिवारों अथवा व्यक्तियों को लू से बचाव के लिए पर्याप्त आवश्यक सुविधाएं मुहैया करवाएं. जैसे पर्याप्त ठंडे पेयजल, आवश्यक जीवन रक्षक दवाइयां, ओआरएस घोल के पैकेट, स्वास्थ्य की जांच कर मौके पर ही जीवन रक्षक औषधियां उपलब्ध कराने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.

पढ़ें: राज्य में हीटवेव का अलर्ट !, स्थानीय निकाय विभाग ने जारी की एडवाइजरी - Heatwave Alert

शिल्पा सिंह ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि मौसम विभाग के अलर्ट एवं पूर्वानुमान अनुसार आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित की जाएं. लू, ताप संबंधी रिपोर्ट एकत्र करें तथा अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर आवश्यक कार्यवाही पूरी करें. सभी अस्पतालों में रोगियों के उपचार के लिए इंतजाम, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, रोगी के उपचार के लिए आपातकालीन किट में ओआरएस, ड्रिप सेट, ब्लीचिंग पाउडर सहित अन्य आवश्यक दवाइयां रखने के निर्देश दिए गए हैं.

उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि गर्मी से होने वाली बीमारियां जैसे उल्टी, दस्त, पीलिया, आंत्र दोष एवं अन्य मौसमी बीमारियों के रोगियों की सतर्कता से निगरानी रखें एवं उपचार उपलब्ध करवाएं. प्रचार-प्रसार कर आमजन को गर्मी से बचाव के बारे में जानकारी दी जाए तथा रैपिड रिस्पांस टीम एवं नियंत्रण कक्ष स्थापित करें.

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यह है लू एवं तापघात के लक्षण: शरीर में लवण व पानी अपर्याप्त होने पर विषम गर्म वातावरण में लू व तापघात से सिर का भारीपन व अत्यधिक सिरदर्द होने लगता है. इसके अलावा अधिक प्यास लगना, शरीर में भारीपन के साथ थकावट, जी मिचलाना, सिर चकराना व शरीर का तापमान बढ़ना, पसीना आना बंद होना, मुंह का लाल हो जाना, त्वचा का सूखा होना, अत्यधिक प्यास का लगना व बेहोशी जैसी स्थिति का होना आदि लक्षण आने लगते हैं. चिकित्सकीय दृष्टि से लू-तापघात के लक्षण लवण व पानी की आवश्यकता और अनुपात विकृति के कारण होती है. ऐसे में रोगी को तुरंत छायादार जगह पर कपड़े ढीले कर लेटा दिया जाए. रोगी को होश में आने की दशा मे उसे ठण्डा पेय पदार्थ पिलाएं. सावधानी के बाद भी मरीज ठीक नहीं होता है, तो उसे तत्काल निकट की चिकित्सा संस्थान ले जाया जाए.

यह सावधानी अपनाएं आमजन: जयपुर जिला प्रशासन ने आमजन से भीषण गर्मी के चलते एहतियात बरतने की अपील की है. जहां तक संभव हो धूप में न निकलें, धूप में शरीर पूर्ण तरह से ढका हो. आमजन जब भी बाहर निकलें, छाता व पानी आदि की व्यवस्था अनुरूप घर से निकलें. धूप में बाहर जाते समय हमेशा सफेद या हल्के रंग के ढीले व सूती कपड़ों का उपयोग करें. बहुत अधिक भीड़ व गर्म घुटन भरे कमरों से बचें.

बिना भोजन किए बाहर न निकलें. गर्दन के पिछले भाग कान एवं सिर को गमछे या तौलिये से ढक कर ही जरूरी होने पर बाहर निकलें. रंगीन चश्मे एवं छतरी का प्रयोग करें. गर्मी मे हमेशा पानी अधिक मात्रा में पिएं एवं पेय पदार्थों जैसे नींबू पानी, नारियल पानी, जूस आदि का प्रयोग करें. लू तापघात से प्राय हाई रिस्क श्रेणी वाले लोग जैसे कि कुपोषित बच्चे, वृद्धजन, गर्भवती महिलाएं व शुगर, बीपी आदि के मरीज शीघ्र प्रभावित होते हैं. इन्हें बाहर न निकलने दें व इनका विशेष ध्यान रखें.

स्वास्थ्य संबंधी जरूरत होने पर तत्काल 108 को कॉल करें या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर जाएं. नरेगा अथवा अन्य श्रमिकों के कार्यस्थल पर छाया एवं पानी का पूर्ण प्रबन्ध रखा जाए ताकि श्रमिक थोड़ी-थोड़ी देर में छायादार स्थानों पर विश्राम कर सकें.

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