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आवंटित पार्किंग जगह किसी अन्य को बेचना गलत, बिल्डर पर लगाया 16.21 लाख रुपए हर्जाना - Consumer Commission

जिला उपभोक्ता आयोग ने अपार्टमेंट में चार पहिया वाहन के लिए आवंटित पार्किंग की जगह में से किसी अन्य फ्लैट मालिक को भी पार्किग के लिए जगह बेचने को गंभीर सेवा दोष माना है. आयोग ने बिल्डर पर 16.21 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है.

बिल्डर पर लगाया 16.21 लाख रुपए हर्जाना
बिल्डर पर लगाया 16.21 लाख रुपए हर्जाना (ETV Bharat File Photo)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 4, 2024, 9:59 PM IST

जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर-द्वितीय ने अपार्टमेंट में फ्लैट के विक्रय पत्र के जरिए चार पहिया वाहन के लिए आवंटित पार्किंग की जगह में से किसी अन्य फ्लैट मालिक को भी पार्किग के लिए जगह बेचने को गंभीर सेवा दोष माना है. वहीं, ऐसा करने वाले विपक्षी मैसर्स सोना एनक्लेव्स व निदेशक पर 16.21 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है.

उपभोक्ता अदालत ने विपक्षी को निर्देश दिया कि वह परिवादी को एक दिसंबर 2016 के विक्रय पत्र के जरिए जो पार्किंग सुविधा मुहैया कराई गई थी, वह उसी नाम व पैमाइश में उसे मुहैया कराए. आयोग के अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीना व सदस्य हेमलता अग्रवाल ने यह निर्देश डॉ. शिव भगवान पाण्डेय व अन्य के परिवाद को मंजूर करते हुए दिया.

इसे भी पढ़ें- फास्टैग में बैलेंस के बाद भी दुगनी राशि वसूलने पर टोल कंपनी पर लगाया हर्जाना - Penalty on toll company

अधिवक्ता बनवारी लाल पारीक ने बताया कि परिवादी ने दिसंबर 20216 में विपक्षी बिल्डर से 40 लाख रुपए में विक्रय पत्र के जरिए एक फ्लैट खरीदा. विपक्षी ने उसे चौपहिया वाहन की पार्किंग पीपी 601 आवंटित की. वह नियमित तौर पर पार्किंग की जगह का उपयोग करता रहा, लेकिन बिल्डर ने उसे आवंटित की गई कार पार्किंग की जगह में से अन्य फ्लैट मालिक को भी जगह बेच दी, जबकि यह पार्किग एक ही वाहन के लिए थी. उसने विपक्षी से उसकी पार्किंग की जगह से अन्य वाहन को हटवाने के लिए आग्रह किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, इसलिए उसे विक्रय पत्र के अनुसार समान नाप व पैमाइश की जगह ही पार्किंग के लिए मुहैया कराई जाए.

जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर-द्वितीय ने अपार्टमेंट में फ्लैट के विक्रय पत्र के जरिए चार पहिया वाहन के लिए आवंटित पार्किंग की जगह में से किसी अन्य फ्लैट मालिक को भी पार्किग के लिए जगह बेचने को गंभीर सेवा दोष माना है. वहीं, ऐसा करने वाले विपक्षी मैसर्स सोना एनक्लेव्स व निदेशक पर 16.21 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है.

उपभोक्ता अदालत ने विपक्षी को निर्देश दिया कि वह परिवादी को एक दिसंबर 2016 के विक्रय पत्र के जरिए जो पार्किंग सुविधा मुहैया कराई गई थी, वह उसी नाम व पैमाइश में उसे मुहैया कराए. आयोग के अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीना व सदस्य हेमलता अग्रवाल ने यह निर्देश डॉ. शिव भगवान पाण्डेय व अन्य के परिवाद को मंजूर करते हुए दिया.

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अधिवक्ता बनवारी लाल पारीक ने बताया कि परिवादी ने दिसंबर 20216 में विपक्षी बिल्डर से 40 लाख रुपए में विक्रय पत्र के जरिए एक फ्लैट खरीदा. विपक्षी ने उसे चौपहिया वाहन की पार्किंग पीपी 601 आवंटित की. वह नियमित तौर पर पार्किंग की जगह का उपयोग करता रहा, लेकिन बिल्डर ने उसे आवंटित की गई कार पार्किंग की जगह में से अन्य फ्लैट मालिक को भी जगह बेच दी, जबकि यह पार्किग एक ही वाहन के लिए थी. उसने विपक्षी से उसकी पार्किंग की जगह से अन्य वाहन को हटवाने के लिए आग्रह किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, इसलिए उसे विक्रय पत्र के अनुसार समान नाप व पैमाइश की जगह ही पार्किंग के लिए मुहैया कराई जाए.

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