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जयपुर कोचिंग हादसा: जांच कमेटी ने सीवरेज की बदबू, गैस रिसाव जैसे कारण से किया इनकार, इस बात की जताई संभावना - INQUIRY COMMITTEE IN COACHING CASE

जयपुर की एक कोचिंग में हुए हादसे को लेकर जांच कमेटी ने सीवरेज की बदबू, गैस रिसाव जैसे कारण से इनकार किया है.

Investigation committee report
जयपुर कोचिंग हादसे में जांच कमेटी की रिपोर्ट (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 5 hours ago

जयपुर: राजधानी के गोपालपुरा बायपास स्थित उत्कर्ष कोचिंग सेंटर में रविवार को छात्रों के बेहोश होने के मामले में मानसरोवर जोन उपायुक्त ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. जिसमें उन्होंने ये घटना सीवरेज की बदबू से नहीं बल्कि किसी स्टूडेंट की ओर से कोई स्प्रे करने की संभावना व्यक्त की. उधर, 24 घंटे पुलिस गिरफ्त में रहने के बाद एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ को जमानत पर रिहा किया गया. जिसके बाद उन्होंने छात्र हित में आगे भी संघर्ष जारी रहने की बात कही.

जयपुर कोचिंग हादसे में जांच कमेटी ने दी ये राय (ETV Bharat Jaipur)

महेश नगर थाना इलाके में गोपालपुरा बायपास स्थित उत्कर्ष कोचिंग में रविवार शाम 6:45 पर अचानक 10 बच्चे बेहोश हो गए थे. जिन्हें अस्पताल में एडमिट करवाया गया था. इसके बाद सोमवार को कोचिंग को जांच पूरी होने तक के लिए सील किया गया. वहीं मामले में ग्रेटर नगर निगम मानसरोवर जोन उपायुक्त लक्ष्मीकांत कटारा के नेतृत्व में जांच बैठाई गई. कटारा ने मंगलवार को रिपोर्ट सौंपते हुए बताया कि जांच में ऐसा कोई कारण नहीं दिखा जिससे ये कहा जा सके कि ये घटना इस कारण से हुई है. गैस लीकेज या एसी के आसपास से कोई गैस का रिसाव भी सामने नहीं आया है. न ही सीवरेज की गैस का कोई कारण दिखा. हालांकि उन्होंने किसी स्टूडेंट की ओर से कोई स्प्रे करने जैसी घटना होने की भी संभावना जताई. इसके लिए सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं.

पढ़ें: जयपुर की निजी कोचिंग में अचानक बेहोश हुए 10 स्टूडेंट, सांस फूलने पर कराया अस्पताल में भर्ती, मचा हड़कंप - STUDENTS FAINTED IN COACHING

इसके साथ ही निगम की टीम ने कोचिंग सेंटर के आसपास के सीवर लाइन और चेम्बर की भी जांच की. जहां कोई ब्लॉकेज और भराव जैसी स्थिति नहीं मिली. जांच रिपोर्ट में सीवर चैंबर से निकले वाली मीथेन गैस से हादसा होने की बात से इनकार किया है. हालांकि सोमवार को एफएसएल की टीम भी जांच के लिए पहुंची थी. जिन्होंने यहां से सीवरेज के पानी और डस्ट के सैम्पल उठाए थे. जिसकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है.

पढ़ें: कोचिंग सेंटर्स न गाइडलाइन फॉलो कर रहे, न कोचिंग हब में शिफ्ट हो रहे, कैसे लगेगी हादसों पर लगाम ? - COACHING INCIDETS

उधर, छात्रों के बेहोश होने की घटना पर एनएसयूआई की ओर से सोमवार को दिए जा रहे धरने के दौरान प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ को गिरफ्तार किया गया. उन्हें 24 घंटे बाद जमानत पर रिहा किया गया. रिहा होने के बाद जाखड़ ने कहा कि पुलिस जेल में डाल सकती है, लेकिन उनका संघर्ष जारी रहेगा. जब तक छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाते, वो पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार जल्द से जल्द उनकी मांगों पर ठोस कदम उठाएं. अन्यथा, छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए ये संघर्ष और तेज होगा.

पढ़ें: कोचिंग हादसा : बिल्डिंग को किया सीज, प्रदर्शन के दौरान NSUI प्रदेशाध्यक्ष को लिया हिरासत में - JAIPUR COACHING INCIDENT

एनएसयूआई ने ये रखी मांग:

  1. सभी कोचिंग संस्थानों के मानकों (मापदंडों) की विस्तृत जांच की जाए और ये सुनिश्चित किया जाए कि उन्हें एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) किस आधार पर दी गई है. दोषी अधिकारियों और संस्थानों पर सख्त कार्रवाई की जाए.
  2. कोचिंग संस्थाओं के लिए सरकार एक कानून पारित करे, कोचिंग और करियर काउंसलिंग पाठ्यक्रमों की फीस सरकार द्वारा तय की जाए, ताकि छात्रों और उनके परिवारों पर आर्थिक बोझ कम हो.
  3. प्रत्येक कोचिंग संस्थान में प्रति बैच छात्रों की संख्या सीमित की जाए और इसे लागू करने के लिए सख्त मानक बनाए जाएं.
  4. छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोचिंग संस्थानों में मेडिकल सुविधाएं और मानसिक स्वास्थ्य परामर्शदाताओं की उपलब्धता अनिवार्य की जाए.

जयपुर: राजधानी के गोपालपुरा बायपास स्थित उत्कर्ष कोचिंग सेंटर में रविवार को छात्रों के बेहोश होने के मामले में मानसरोवर जोन उपायुक्त ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. जिसमें उन्होंने ये घटना सीवरेज की बदबू से नहीं बल्कि किसी स्टूडेंट की ओर से कोई स्प्रे करने की संभावना व्यक्त की. उधर, 24 घंटे पुलिस गिरफ्त में रहने के बाद एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ को जमानत पर रिहा किया गया. जिसके बाद उन्होंने छात्र हित में आगे भी संघर्ष जारी रहने की बात कही.

जयपुर कोचिंग हादसे में जांच कमेटी ने दी ये राय (ETV Bharat Jaipur)

महेश नगर थाना इलाके में गोपालपुरा बायपास स्थित उत्कर्ष कोचिंग में रविवार शाम 6:45 पर अचानक 10 बच्चे बेहोश हो गए थे. जिन्हें अस्पताल में एडमिट करवाया गया था. इसके बाद सोमवार को कोचिंग को जांच पूरी होने तक के लिए सील किया गया. वहीं मामले में ग्रेटर नगर निगम मानसरोवर जोन उपायुक्त लक्ष्मीकांत कटारा के नेतृत्व में जांच बैठाई गई. कटारा ने मंगलवार को रिपोर्ट सौंपते हुए बताया कि जांच में ऐसा कोई कारण नहीं दिखा जिससे ये कहा जा सके कि ये घटना इस कारण से हुई है. गैस लीकेज या एसी के आसपास से कोई गैस का रिसाव भी सामने नहीं आया है. न ही सीवरेज की गैस का कोई कारण दिखा. हालांकि उन्होंने किसी स्टूडेंट की ओर से कोई स्प्रे करने जैसी घटना होने की भी संभावना जताई. इसके लिए सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं.

पढ़ें: जयपुर की निजी कोचिंग में अचानक बेहोश हुए 10 स्टूडेंट, सांस फूलने पर कराया अस्पताल में भर्ती, मचा हड़कंप - STUDENTS FAINTED IN COACHING

इसके साथ ही निगम की टीम ने कोचिंग सेंटर के आसपास के सीवर लाइन और चेम्बर की भी जांच की. जहां कोई ब्लॉकेज और भराव जैसी स्थिति नहीं मिली. जांच रिपोर्ट में सीवर चैंबर से निकले वाली मीथेन गैस से हादसा होने की बात से इनकार किया है. हालांकि सोमवार को एफएसएल की टीम भी जांच के लिए पहुंची थी. जिन्होंने यहां से सीवरेज के पानी और डस्ट के सैम्पल उठाए थे. जिसकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है.

पढ़ें: कोचिंग सेंटर्स न गाइडलाइन फॉलो कर रहे, न कोचिंग हब में शिफ्ट हो रहे, कैसे लगेगी हादसों पर लगाम ? - COACHING INCIDETS

उधर, छात्रों के बेहोश होने की घटना पर एनएसयूआई की ओर से सोमवार को दिए जा रहे धरने के दौरान प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ को गिरफ्तार किया गया. उन्हें 24 घंटे बाद जमानत पर रिहा किया गया. रिहा होने के बाद जाखड़ ने कहा कि पुलिस जेल में डाल सकती है, लेकिन उनका संघर्ष जारी रहेगा. जब तक छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाते, वो पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार जल्द से जल्द उनकी मांगों पर ठोस कदम उठाएं. अन्यथा, छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए ये संघर्ष और तेज होगा.

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एनएसयूआई ने ये रखी मांग:

  1. सभी कोचिंग संस्थानों के मानकों (मापदंडों) की विस्तृत जांच की जाए और ये सुनिश्चित किया जाए कि उन्हें एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) किस आधार पर दी गई है. दोषी अधिकारियों और संस्थानों पर सख्त कार्रवाई की जाए.
  2. कोचिंग संस्थाओं के लिए सरकार एक कानून पारित करे, कोचिंग और करियर काउंसलिंग पाठ्यक्रमों की फीस सरकार द्वारा तय की जाए, ताकि छात्रों और उनके परिवारों पर आर्थिक बोझ कम हो.
  3. प्रत्येक कोचिंग संस्थान में प्रति बैच छात्रों की संख्या सीमित की जाए और इसे लागू करने के लिए सख्त मानक बनाए जाएं.
  4. छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोचिंग संस्थानों में मेडिकल सुविधाएं और मानसिक स्वास्थ्य परामर्शदाताओं की उपलब्धता अनिवार्य की जाए.
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