जयपुर. लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में ही जयपुर शहर में मतदान कराया गया, जिसमें 56.58 फ़ीसदी मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया, जो पिछली बार की तुलना में करीब 8.96 फीसदी कम है. जयपुर लोकसभा सीट में जिले की 8 विधानसभा सीट शामिल हैं, जिसमें किशनपोल और आदर्श नगर में कांग्रेस के विधायक जबकि हवा महल, सिविल लाइंस, विद्याधर नगर, मालवीय नगर, सांगानेर और बगरू में बीजेपी के विधायक हैं.
इनमें भी एक सीट प्रदेश के मुखिया भजनलाल शर्मा और एक उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी की है. ऐसे में बीजेपी कैंडिडेट मंजू शर्मा ने बड़ी जीत का दावा किया है. जबकि कांग्रेस ने प्रताप सिंह खाचरियावास को चुनावी मैदान में तो उतारा है, लेकिन बीते दिनों संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में खाचरियावास अपनी सिविल लाइन सीट ही नहीं बचा पाए थे.
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इन दो प्रमुख राजनीतिक दलों के अलावा जयपुर शहर से इस बार बसपा के राजेश तलवार और 10 अन्य कैंडिडेट भी चुनावी मैदान में हैं, जो जातीय और राजनीतिक समीकरण बनाने और बिगाड़ने की जुगत लगाते हुए 4 जून का इंतजार कर रहे हैं. शहर में जातीय समीकरण पर नजर डालें तो यहां 94 फीसदी शहरी आबादी है. जबकि 6 फीसदी ग्रामीण आबादी है. इनमें अनुसूचित जाति के 14 फीसदी, अनुसूचित जनजाति के 4 फीसदी जबकि जनरल और ओबीसी कास्ट के 82 फीसदी लोग निवास करते हैं. इनमें भी 75 से 80 फ़ीसदी बहुसंख्यक और 20 से 25 फीसदी अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं.
बहरहाल, बीते तीन चुनाव में कांग्रेस ने हर बार अपना चेहरा बदला है. 2014 में कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर महेश जोशी मैदान में थे, जिन्हें केवल 24 फीसदी वोट मिले थे. इसके बाद 2019 में कांग्रेस ने ज्योति खंडेलवाल को मैदान में उतारा, जिन्हें 33 फीसदी वोट मिले और इस बार कांग्रेस ने प्रताप सिंह खाचरियावास को चुनावी मैदान में उतारा है.
हालांकि, इस बार बीजेपी का चेहरा भी नया है, लेकिन राजनीति में मंजू शर्मा पहले एक बार हवा महल विधानसभा सीट से भाग्य आजमा चुकी हैं. तब काफी कम वोट से उन्हें शिकस्त मिली थी, लेकिन इस बार वो खुद की एक बड़ी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही हैं.