जयपुर : राजधानी जयपुर में छोटी चौपड़ और बड़ी चौपड़ को बम से उड़ाने की धमकी देने के मामले में विधायकपुरी थाना पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने शराब के नशे में पुलिस कंट्रोल रूम को कॉल करके छोटी चौपड़ और बड़ी चौपड़ पर बम होने की धमकी दी थी. पुलिस ने आरोपी मामा-भांजे को गिरफ्तार किया है. जयपुर के प्रताप नगर निवासी आरोपी नेमीचंद खटीक और पिंटू खटीक को गिरफ्तार किया गया है. इसके साथ ही एक नाबालिग को निरुद्ध किया गया है. पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है.
विधायकपुरी थाना अधिकारी पूनम चौधरी के मुताबिक 15 नवंबर को पुलिस कंट्रोल रूम पर छोटी चौपड़ और बड़ी चौपड़ पर बम होने की सूचना मिलने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया था. सूचना मिलते ही पुलिस के आलाधिकारी, आसपास के थानों का जाप्ता, बम स्क्वायड टीम, डॉग स्क्वायड समेत तमाम सुरक्षा एजेंसियां मौके पर पहुंचीं और सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया. सर्च के दौरान कहीं पर भी कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली और बम की सूचना झूठी पाई गई.
धमकी भरे कॉल करने वाले मोबाइल नंबर को ट्रेसिंग पर लगाया गया था. सिम कार्ड जिस युवक के नाम से था, पुलिस ने उसे पकड़कर पूछताछ की. पूछताछ में आरोपी ने अपने मामा के साथ शराब के नशे में कॉल करके धमकी देना स्वीकार किया. इसके बाद पुलिस ने रविवार को आरोपी नेमीचंद खटीक और पिंटू खटीक को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों आरोपी प्रतापनगर इलाके में रहने वाले हैं. इसके साथ ही एक नाबालिग को भी निरुद्ध किया गया है.
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आरोपियों से पूछताछ में सामने आया है कि सिम कार्ड पिंटू खटीक उर्फ प्रवीण का है. धमकी देने में उपयोग लिया गया मोबाइल नेमीचंद खटीक का था. दोनों आरोपी रिश्ते में मामा-भांजे हैं और मजदूरी का काम करते थे. आरोपी नेमीचंद शराब पीने का आदी है. इनके साथ एक नाबालिग भी था. तीनों आरोपी 15 नवंबर को एक साथ बैठे हुए थे. शराब के नशे में बातचीत करते हुए पुलिस कंट्रोल रूम को फोन करके छोटी चौपड़ और बड़ी चौपड़ को बम से उड़ाने की धमकी दे दी. आरोपियों ने कंट्रोल रूम को फोन करके धमकी दी थी कि छोटी चौपड़ और बड़ी चौपड़ पर बम ब्लास्ट होगा.
सूचना मिलते ही बम स्क्वायड, डॉग स्क्वायड समेत पुलिस की टीमें मौके पर पहुंची. चप्पे-चप्पे पर तलाशी ली गई, लेकिन कहीं पर भी कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली. बम की धमकी झूठी पाई गई है. सर्च ऑपरेशन के दौरान किसी प्रकार की कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिलने पर प्रशासन ने राहत की सांस ली. किसी अज्ञात व्यक्ति ने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन करके भय फैलाने के लिए बम की झूठी सूचना दी थी. पुलिस साइबर एक्सपर्ट की मदद से सूचना देने वाले अज्ञात व्यक्ति की तलाश शुरू की. जिस नंबर से फोन आया था, उसका आईपी एड्रेस पता लगाया गया.