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1984 सिख दंगों में आरोपों से जगदीश टाइटलर का इनकार, ट्रायल का करेंगे सामना - 1984 Anti Sikh riots

कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर ने 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा मामले में लगाए गए आरोपों से इनकार कर दिया है. उन्होंने कोर्ट से कहा कि ट्रायल का सामना करने के लिए तैयार है.

राऊज एवेन्यू कोर्ट
राऊज एवेन्यू कोर्ट (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 13, 2024, 6:20 PM IST

नई दिल्ली: 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा मामले में आरोपी जगदीश टाइटलर ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से इनकार कर दिया है. टाइटलर ने कोर्ट से कहा कि वे ट्रायल का सामना करेंगे. इसके बाद राऊज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज राकेश स्याल ने गवाहों के बयान दर्ज करने का आदेश दिया.

कोर्ट ने 20 अगस्त को टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 149,153A,188, 109, 295,, 380, 302 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था. सुनवाई के दौरान जगदीश टाइटलर की ओर से पेश वकील मनु शर्मा ने कहा था कि सीबीआई ने इस मामले में दो क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी. उन्होंने कहा कि 2009 में सह-आरोपी सुरेश कुमार पानेवाला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी, जिसे ट्रायल कोर्ट ने बरी कर दिया. मनु शर्मा ने कहा कि 1984 से 2022-23 तक इस मामले में कोई गवाह नहीं था. इतने लंबे समय बाद बनाए गए गवाहों पर भरोसा कैसे किया जा सकता है.

इसके पहले मनु शर्मा ने जगदीश टाइटलर को इस मामले से बरी करने की मांग की थी. इसके पहले टाइटलर की ओर से गुरपतवंत पन्नून का नाम लेते हुए कहा गया था कि चूंकि पन्नून गवाहों का वकील था और उसे भारत ने आतंकवादी घोषित कर रखा था. ऐसे में जगदीश टाइटलर के खिलाफ मामला चलाने का कोई मतलब नहीं है और उसे इस मामले में बरी किया जाना चाहिए.

यह भी पढ़ेंः 2007 में CBI ने जगदीश टाइटलर को दी थी क्लीनचिट, अब उसी मामले में हो सकती है फांसी तक की सजा

इस मामले में सीबीआई ने 16 अप्रैल को आरोप तय करने पर दलीलें पूरी कर ली थी. 4 अगस्त 2023 को राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने जगदीश टाइटलर को अग्रिम जमानत दी थी. कोर्ट ने 26 जुलाई 2023 को जगदीश टाइटलर के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. सीबीआई ने इस मामले में टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 109 और 302 के तहत लगाया है. CBI के मुताबिक टाइटलर ने भीड़ को उकसाया था. इसके बाद भीड़ ने पुलबंगश के गुरुद्वारे में आग लगा दिया था.

यह भी पढ़ेंः 1984 anti-Sikh riots case: कोर्ट ने पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा केस में जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप तय किए

नई दिल्ली: 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा मामले में आरोपी जगदीश टाइटलर ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से इनकार कर दिया है. टाइटलर ने कोर्ट से कहा कि वे ट्रायल का सामना करेंगे. इसके बाद राऊज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज राकेश स्याल ने गवाहों के बयान दर्ज करने का आदेश दिया.

कोर्ट ने 20 अगस्त को टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 149,153A,188, 109, 295,, 380, 302 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था. सुनवाई के दौरान जगदीश टाइटलर की ओर से पेश वकील मनु शर्मा ने कहा था कि सीबीआई ने इस मामले में दो क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी. उन्होंने कहा कि 2009 में सह-आरोपी सुरेश कुमार पानेवाला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी, जिसे ट्रायल कोर्ट ने बरी कर दिया. मनु शर्मा ने कहा कि 1984 से 2022-23 तक इस मामले में कोई गवाह नहीं था. इतने लंबे समय बाद बनाए गए गवाहों पर भरोसा कैसे किया जा सकता है.

इसके पहले मनु शर्मा ने जगदीश टाइटलर को इस मामले से बरी करने की मांग की थी. इसके पहले टाइटलर की ओर से गुरपतवंत पन्नून का नाम लेते हुए कहा गया था कि चूंकि पन्नून गवाहों का वकील था और उसे भारत ने आतंकवादी घोषित कर रखा था. ऐसे में जगदीश टाइटलर के खिलाफ मामला चलाने का कोई मतलब नहीं है और उसे इस मामले में बरी किया जाना चाहिए.

यह भी पढ़ेंः 2007 में CBI ने जगदीश टाइटलर को दी थी क्लीनचिट, अब उसी मामले में हो सकती है फांसी तक की सजा

इस मामले में सीबीआई ने 16 अप्रैल को आरोप तय करने पर दलीलें पूरी कर ली थी. 4 अगस्त 2023 को राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने जगदीश टाइटलर को अग्रिम जमानत दी थी. कोर्ट ने 26 जुलाई 2023 को जगदीश टाइटलर के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. सीबीआई ने इस मामले में टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 109 और 302 के तहत लगाया है. CBI के मुताबिक टाइटलर ने भीड़ को उकसाया था. इसके बाद भीड़ ने पुलबंगश के गुरुद्वारे में आग लगा दिया था.

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