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जबलपुर में एक महिला ने माता को चढ़ाई जीभ, अस्पताल ले जाने की जगह भजन करता रहा परिवार - Jabalpur woman cut tongue - JABALPUR WOMAN CUT TONGUE

चैत्र नवरात्र में अक्सर देवी भक्ति में अंधविश्वास के ऐसे मामले सामने आते हैं जिनसे आप अपनी जान जोखिम में डाल लेते हैं. जबलपुर में भी एक देवी भक्त महिला ने अपनी जीभ काटकर माता को अर्पित कर दी.

JABALPUR WOMAN CUT TONGUE
जबलपुर में एक महिला ने माता को चढ़ाई जीभ
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 11, 2024, 10:42 PM IST

जबलपुर में एक महिला ने माता को चढ़ाई जीभ

जबलपुर। गोरखपुर इलाके में एक महिला ने दुर्गा पूजा के दौरान अपनी जीभ काटकर दुर्गा जी के सामने समर्पित कर दी. जिस महिला ने अपनी जीभ माता को समर्पित की है उनका नाम कुसुम चौधरी है और उनके लड़के का कहना है कि उनके घर में ही 9 देवियों की स्थापना है और पूरे 9 दिनों तक उनके घर में पूजा पाठ का सिलसिला चलता है. उसकी माताजी ज्यादा भाव में आ गई इसके बाद उन्होंने अपनी जीभ काटकर भगवान को चढ़ा दी.

गोरखपुर इलाके का मामला

जबलपुर के गोरखपुर इलाके का यह मामला है. यहां रहने वाले चौधरी परिवार की एक महिला ने माता को जीभ काटकर चढ़ा दी. रिश्तेदार के फोन से उनके लड़के राजा को सूचना दी गई तो उन्होंने एक पुरोहित को फोन लगाया और उनसे पूछा कि उनकी मां ने जीभ काटकर दुर्गा जी को समर्पित कर दी है. इस बात पर पंडित ने उन्हें सलाह दी कि उन्हें अस्पताल ले जाने की जरूरत नहीं है और वे ठीक हो जाएंगी. इसके बाद परिजन उन्हें इलाज के लिए लेकर नहीं गए. इस घटना के बाद कुसुम के घर पर कई महिलाएं आ गई और उन्होंने भजन कीर्तन शुरू कर दिया.

'भगवान भावना का भूखा होता है'

चैत्र नवरात्र में लोग इस तरह के हठयोग करते हैं. इनमें जीभ चढ़ने वाली घटना सबसे खतरनाक है. हालांकि लोग अपने गालों में त्रिशूल छेदकर भाव नृत्य करते हैं. इसके अलावा कुछ लोग पूरे शरीर पर छोटे-छोटे त्रिशूल लगा लेते हैं. ये बेहद कष्टदायक होता है, हालांकि लोगों का दावा है कि ऐसा करने के बाद भी उन्हें कोई तकलीफ नहीं होती. इससे कोई घाव भी नहीं होते ना ही खून निकलता लेकिन धर्म और आध्यात्मिक क्षेत्र के जानने वाले लोगों का कहना है कि भगवान भावना का भूखा होता है हठयोग के जरिए भगवान को मानना सही नहीं है.

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जान जोखिम में नहीं डालें

नवरात्रि के दौरान अक्सर ऐसी सूचनाएं आती हैं. धर्म और अध्यात्म समझने वाले लोग कहते हैं कि लोगों को आस्था के नाम पर इस तरह के काम नहीं करने चाहिए. यह अंधविश्वास है और ऐसा करने से लोग गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं. स्थाई रूप से अपंग भी हो सकते हैं. इसलिए पूजन अर्चना तक बात ठीक है लेकिन भगवान को जीभ चढ़ाकर प्रसन्न करने का काम जान को जोखिम में डालने वाला है. ईटीवी भारत भी आपसे अपील करता है कि इस प्रकार से अंधविश्वास में पूजा पाठ करना सही नहीं है.

जबलपुर में एक महिला ने माता को चढ़ाई जीभ

जबलपुर। गोरखपुर इलाके में एक महिला ने दुर्गा पूजा के दौरान अपनी जीभ काटकर दुर्गा जी के सामने समर्पित कर दी. जिस महिला ने अपनी जीभ माता को समर्पित की है उनका नाम कुसुम चौधरी है और उनके लड़के का कहना है कि उनके घर में ही 9 देवियों की स्थापना है और पूरे 9 दिनों तक उनके घर में पूजा पाठ का सिलसिला चलता है. उसकी माताजी ज्यादा भाव में आ गई इसके बाद उन्होंने अपनी जीभ काटकर भगवान को चढ़ा दी.

गोरखपुर इलाके का मामला

जबलपुर के गोरखपुर इलाके का यह मामला है. यहां रहने वाले चौधरी परिवार की एक महिला ने माता को जीभ काटकर चढ़ा दी. रिश्तेदार के फोन से उनके लड़के राजा को सूचना दी गई तो उन्होंने एक पुरोहित को फोन लगाया और उनसे पूछा कि उनकी मां ने जीभ काटकर दुर्गा जी को समर्पित कर दी है. इस बात पर पंडित ने उन्हें सलाह दी कि उन्हें अस्पताल ले जाने की जरूरत नहीं है और वे ठीक हो जाएंगी. इसके बाद परिजन उन्हें इलाज के लिए लेकर नहीं गए. इस घटना के बाद कुसुम के घर पर कई महिलाएं आ गई और उन्होंने भजन कीर्तन शुरू कर दिया.

'भगवान भावना का भूखा होता है'

चैत्र नवरात्र में लोग इस तरह के हठयोग करते हैं. इनमें जीभ चढ़ने वाली घटना सबसे खतरनाक है. हालांकि लोग अपने गालों में त्रिशूल छेदकर भाव नृत्य करते हैं. इसके अलावा कुछ लोग पूरे शरीर पर छोटे-छोटे त्रिशूल लगा लेते हैं. ये बेहद कष्टदायक होता है, हालांकि लोगों का दावा है कि ऐसा करने के बाद भी उन्हें कोई तकलीफ नहीं होती. इससे कोई घाव भी नहीं होते ना ही खून निकलता लेकिन धर्म और आध्यात्मिक क्षेत्र के जानने वाले लोगों का कहना है कि भगवान भावना का भूखा होता है हठयोग के जरिए भगवान को मानना सही नहीं है.

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जान जोखिम में नहीं डालें

नवरात्रि के दौरान अक्सर ऐसी सूचनाएं आती हैं. धर्म और अध्यात्म समझने वाले लोग कहते हैं कि लोगों को आस्था के नाम पर इस तरह के काम नहीं करने चाहिए. यह अंधविश्वास है और ऐसा करने से लोग गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं. स्थाई रूप से अपंग भी हो सकते हैं. इसलिए पूजन अर्चना तक बात ठीक है लेकिन भगवान को जीभ चढ़ाकर प्रसन्न करने का काम जान को जोखिम में डालने वाला है. ईटीवी भारत भी आपसे अपील करता है कि इस प्रकार से अंधविश्वास में पूजा पाठ करना सही नहीं है.

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