जबलपुर: अक्सर लोगों की शिकायत रहती है कि सरकारी कर्मचारियों का व्यवहार निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की अपेक्षा अच्छा नहीं होता. लेकिन रेलवे अपनी सुविधाओं मैं जिस तरह विस्तार ला रहा है इस तरह वह अपने कर्मचारियों के व्यवहार को भी परिवर्तित करना चाह रहा है. यही वजह है कि लंबे समय से मिल रही शिकायतों के बाद रेलवे ने कर्मचारियों को हिदायत दी है कि वह यात्रियों से अपना व्यवहार अच्छा रखें. इसके लिए यात्रियों से फीडबैक भी लिया जा रहा है.
जबलपुर स्टेशन पर हुई शुरुआत
जबलपुर के रेलवे स्टेशन पर सरकारी कर्मचारियों के व्यवहार को सुधारने के लिए बाकायदा एक कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है, जिसमें यात्रियों से फीडबैक लिया जा रहा है और यात्रियों को फीडबैक फॉर्म वितरित किए जा रहे हैं. इन्हें यात्री ड्रॉपबॉक्स में डाल सकते हैं और अपना पक्ष रख सकते हैं. पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हर्षित श्रीवास्तव ने कहा, '' रेलवे के कर्मचारियों का व्यवहार सही होना चाहिए क्योंकि जिस तरह से रेलवे अपनी सुविधाओं का विस्तार कर रहा है उसमें यदि कर्मचारी का व्यवहार यात्री के प्रति सही नहीं है तो इन सुविधाओं के विस्तार का कोई अर्थ नहीं. इसलिए रेलवे के कर्मचारियों के व्यवहार से जुड़े फीडबैक लिए जा रहे हैं. इसके अनुसार ही कर्मचारियों को पुरस्कार और सजा का प्रावधान किया जाएगा.''
प्राइवेट सेक्टर की तरह होगा सुधार
रेलवे में फीडबैक या शिकायत करने की व्यवस्था पहले से भी है. हर स्टेशन पर एक शिकायत का रजिस्टर या ड्रॉप बॉक्स मौजूद होता है, जिसमें आप रेलवे की किसी भी व्यवस्था की शिकायत कर सकते हैं. लेकिन सामान्य तौर पर लोग इसका इस्तेमाल नहीं करते. इस वजह से व्यवस्थाएं भी नहीं सुधर पातीं. कर्मचारियों से जुड़ी व्यवस्थाओं और कार्यप्रणाली को सुधारने की प्रक्रिया निजी क्षेत्र में लगातार चलती रहती है. निजी क्षेत्र अपने ग्राहकों से फीडबैक लेता रहता है, जिससे वे भी संतुष्ट महसूस करें. अब रेलवे भी प्राइवेट सेक्टर की तरह यह प्रक्रिया शुरू कर सकता है.