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गरीब बच्चे भी बन सकते हैं डॉक्टर! सरकार उठाएगी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज का खर्चा, बस करें यह काम - MP GOVT PAY MEDICAL COLLEGE fees

डॉक्टर बनने की चाहत रखने वालों के लिए जरूरी खबर है. मध्य प्रदेश में NEET की पढ़ाई करने वाले गरीब बच्चों की पढ़ाई का खर्चा मध्य प्रदेश सरकार उठाएगी. NEET की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स प्राइवेट कॉलेज में भी एडमीशन ले सकते हैं. मुख्यमंत्री जन कल्याण शिक्षा प्रोत्साहन योजना के तहत सरकार उनकी फीस भरेगी.

MP GOVT PAY PRIVATE MEDICAL COLLEGE fees
सरकार उठाएगी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज का खर्चा (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 12, 2024, 9:12 AM IST

जबलपुर। नीट परीक्षा के रिजल्ट आने वाले हैं. कमजोर आर्थिक स्थिति के लोगों के लिए यह खबर महत्वपूर्ण है. यदि आप मध्य प्रदेश के निवासी हैं और आप मध्य प्रदेश के श्रम विभाग में असंगठित मजदूर के रूप में रजिस्टर्ड हैं तो आपको अपने बच्चों के भविष्य की चिंता करने की जरूरत नहीं है. राज्य सरकार उनके सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज का खर्च उठाएगी. मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री जनकल्याण शिक्षा प्रोत्साहन योजना में प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की पूरी फीस सरकार जमा करवाती है.

14 जून तक आ जाएगा रिजल्ट

गरीब आदमियों को अक्सर आपने कहते सुना होगा कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की पढ़ाई बहुत महंगी है और ऐसी स्थिति में वह अपने बच्चों को प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में पड़ाकर डॉक्टर नहीं बना सकते. मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए नीट परीक्षा के रिजल्ट 14 जून तक आने की संभावना है. रिजल्ट आने के ठीक बाद कॉलेज में एडमिशन की दौड़ लगेगी. पढ़ने में बहुत अधिक प्रतिभाशाली बच्चे तो सरकारी कॉलेज में पढ़ने के लिए चले जाएंगे और वहीं अमीर लोगों के कम प्रतिभाशाली बच्चे भी यदि डॉक्टर बनना चाहते हैं तो या तो वे विदेश जाकर पढ़ाई कर लेंगे या फिर देश के ही निजी मेडिकल कॉलेज में जाकर एडमिशन ले लेंगे.

प्राइवेट कॉलेज में एडमीशन ले सकते हैं छात्र

ऐसी स्थिति में गरीबों के सामने संकट खड़ा होता है, वह अपने बच्चों को डॉक्टर बनाना तो चाहते हैं, लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं होते कि वह निजी मेडिकल कॉलेज की फीस दे सकें. ऐसे गरीब असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए यह जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है. मध्य प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री जन कल्याण शिक्षा प्रोत्साहन योजना चलाती है. इस योजना के तहत जिन माता-पिता का रजिस्ट्रेशन मध्य प्रदेश में श्रम विभाग की पोर्टल में बतौर मजदूर हैं वे प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में भी अपने बच्चों के एडमिशन के लिए फॉर्म भर सकते हैं.

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श्रम विभाग के पोर्टल में रजिस्ट्रेशन जरूरी

इस योजना के तहत प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की पूरी फीस सरकार के माध्यम से मिलेगी. हालांकि इसमें कॉलेज की मेस और हॉस्टल का खर्च शामिल नहीं है. मध्य प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेज में यह फीस ₹8,00,000 से 13 लाख रुपया प्रति साल है. लेकिन यदि आप असंगठित क्षेत्र के श्रम विभाग के पोर्टल में रजिस्टर्ड हो तो यह पूरी फीस सरकार देती है.

गरीब बच्चों को बनेगा भविष्य

इस योजना में सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें किसी भी जाति का गरीब कामगार अपने बच्चों का भविष्य बन सकता है. तो तैयार रहिए यदि आपका श्रम विभाग का रजिस्ट्रेशन है तो आपके बच्चों का भविष्य आपके हाथों में है. मुख्यमंत्री जन कल्याण शिक्षा प्रोत्साहन योजना की वेबसाइट पर जाकर फार्म अपलोड किया जा सकता है और इस योजना का फायदा उठाया जा सकता है.

जबलपुर। नीट परीक्षा के रिजल्ट आने वाले हैं. कमजोर आर्थिक स्थिति के लोगों के लिए यह खबर महत्वपूर्ण है. यदि आप मध्य प्रदेश के निवासी हैं और आप मध्य प्रदेश के श्रम विभाग में असंगठित मजदूर के रूप में रजिस्टर्ड हैं तो आपको अपने बच्चों के भविष्य की चिंता करने की जरूरत नहीं है. राज्य सरकार उनके सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज का खर्च उठाएगी. मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री जनकल्याण शिक्षा प्रोत्साहन योजना में प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की पूरी फीस सरकार जमा करवाती है.

14 जून तक आ जाएगा रिजल्ट

गरीब आदमियों को अक्सर आपने कहते सुना होगा कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की पढ़ाई बहुत महंगी है और ऐसी स्थिति में वह अपने बच्चों को प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में पड़ाकर डॉक्टर नहीं बना सकते. मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए नीट परीक्षा के रिजल्ट 14 जून तक आने की संभावना है. रिजल्ट आने के ठीक बाद कॉलेज में एडमिशन की दौड़ लगेगी. पढ़ने में बहुत अधिक प्रतिभाशाली बच्चे तो सरकारी कॉलेज में पढ़ने के लिए चले जाएंगे और वहीं अमीर लोगों के कम प्रतिभाशाली बच्चे भी यदि डॉक्टर बनना चाहते हैं तो या तो वे विदेश जाकर पढ़ाई कर लेंगे या फिर देश के ही निजी मेडिकल कॉलेज में जाकर एडमिशन ले लेंगे.

प्राइवेट कॉलेज में एडमीशन ले सकते हैं छात्र

ऐसी स्थिति में गरीबों के सामने संकट खड़ा होता है, वह अपने बच्चों को डॉक्टर बनाना तो चाहते हैं, लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं होते कि वह निजी मेडिकल कॉलेज की फीस दे सकें. ऐसे गरीब असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए यह जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है. मध्य प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री जन कल्याण शिक्षा प्रोत्साहन योजना चलाती है. इस योजना के तहत जिन माता-पिता का रजिस्ट्रेशन मध्य प्रदेश में श्रम विभाग की पोर्टल में बतौर मजदूर हैं वे प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में भी अपने बच्चों के एडमिशन के लिए फॉर्म भर सकते हैं.

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श्रम विभाग के पोर्टल में रजिस्ट्रेशन जरूरी

इस योजना के तहत प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की पूरी फीस सरकार के माध्यम से मिलेगी. हालांकि इसमें कॉलेज की मेस और हॉस्टल का खर्च शामिल नहीं है. मध्य प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेज में यह फीस ₹8,00,000 से 13 लाख रुपया प्रति साल है. लेकिन यदि आप असंगठित क्षेत्र के श्रम विभाग के पोर्टल में रजिस्टर्ड हो तो यह पूरी फीस सरकार देती है.

गरीब बच्चों को बनेगा भविष्य

इस योजना में सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें किसी भी जाति का गरीब कामगार अपने बच्चों का भविष्य बन सकता है. तो तैयार रहिए यदि आपका श्रम विभाग का रजिस्ट्रेशन है तो आपके बच्चों का भविष्य आपके हाथों में है. मुख्यमंत्री जन कल्याण शिक्षा प्रोत्साहन योजना की वेबसाइट पर जाकर फार्म अपलोड किया जा सकता है और इस योजना का फायदा उठाया जा सकता है.

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