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NEET PG में NRI कोटे की सीटों पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, सीट मैट्रिक्स की याचिका पर फैसला - NEET PG NRI QUOTA SEATS BAN

जबलपुर हाईकोर्ट में प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की 15 प्रतिशत से ज्यादा सीटें NRI कोटे में आवंटित करने को चुनौती दी गई थी.

Neet PG NRI Quota Seats Filling Ban
नीट पीजी के एनआरआई कोटे के सीट भरने पर रोक (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

जबलपुर: जस्टिस एस ए धर्माधिकारी और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने प्रदेश में नीट पीजी काउंसिलिंग से जुड़े सीट मैट्रिक्स के मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. साथ ही अंतिम आदेश तक एनआरआई कोटे से सीट भरने पर रोक लगा दी है. ये रोक उस याचिका की सुनवाई में लगाई गई है, जिसमें प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के 15 प्रतिशत एनआरआई कोटे की सीट सिर्फ 8 ब्रांच को आवंटित किए जाने को चुनौती दी गई थी.

विशेष ब्रांच में एनआरआई आरक्षित सीटें बढ़ा देने का आरोप

भोपाल निवासी डॉ. ओजस यादव की तरफ से दायर की गई जनहित याचिका में कहा गया था कि नीट ने एनआरआई की मेरिट लिस्ट तैयार की थी. प्रदेश के प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में एनआरआई कोटे के तहत 15 प्रतिशत सीट प्रदान की जाती है. मेडिकल कॉलेज की 22 ब्रांच होती हैं. लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा एनआरआई कोटे की सीट सिर्फ 8 ब्रांच में आवंटित की गई है, जिससे इनमें से कुछ ब्रांचों में 40 से 50 प्रतिशत सीटें एनआरआई को आवंटित हो गई हैं. वहीं, अन्य छात्रों में इन ब्रांचों की मांग अधिक है. लेकिन इन छात्रों के लिए अब सीट कम हो गई है.

8 ब्रांच में 152 सीट एनआरआई को आवंटित

याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता आलोक बागरेचा ने तर्क दिया गया कि निर्धारित ब्रांच में एनआरआई कोटे की सीट अधिक आवंटित किए जाने के कारण मेरिटोरियस छात्रों का हक प्रभावित होगा. क्योंकि उनके लिए सीटों की संख्या कम हो गई है. 8 ब्रांच में कुल 545 सीट हैं, जिसमें से 152 सीट एनआरआई कोटे के तहत आवंटित की गई है.

याचिका में आगे कहा गया कि पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में एमडी सर्जन की 8 सीट हैं, जिसमें से 4 सीट एनआरआई कोटे के तहत आवंटित की गई है. सामान्य व एससी वर्ग के एक भी आवेदक को सीट आवंटित नहीं की गई है. एनआरआई कोर्ट की सीट सभी ब्रांच में आवंटित की जानी चाहिए थी. प्रदेश सरकार के द्वारा अपनाई जा रही प्रक्रिया पूरी तरह से अवैधानिक है.

नियम विरुद्ध तैयार किया सीट मैट्रिक्स

प्राइवेट कॉलेज ने सीट मैट्रिक्स यानि प्रत्येक वर्ग को आवंटित सीट के चार्ट को चिकित्सा शिक्षा प्रवेश नियम-2018 के विरुद्ध तैयार किया गया है. इसमें एनआरआई कोटे के लिए नियमानुसार 15 प्रतिशत के स्थान पर अन्य ब्रांचों में 40 से 50 प्रतिशत आरक्षित कर दी गई हैं. प्रवेश नियमों के अनुसार दावे आपत्तियों हेतु भी समय दिए बिना च्वाइस फिलिंग कराई जा रही है.

फैसला सुरक्षित रख, कोटे की सीट भरने पर रोक

याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. याचिका की सुनवाई के दौरान शासन की ओर से कहा गया कि वर्तमान नियमों में समस्त सीटों के 15 प्रतिशत को एनआरआई कोटे में आरक्षित करने का प्रावधान है. उसी के अनुसार सीट आवंटित हुई है. वहीं, युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई के बाद एनआरआई कोटे की सीट भरने पर रोक लगा दी है. युगलपीठ ने सीट मैट्रिक्स मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखने के आदेश जारी किए है.

जबलपुर: जस्टिस एस ए धर्माधिकारी और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने प्रदेश में नीट पीजी काउंसिलिंग से जुड़े सीट मैट्रिक्स के मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. साथ ही अंतिम आदेश तक एनआरआई कोटे से सीट भरने पर रोक लगा दी है. ये रोक उस याचिका की सुनवाई में लगाई गई है, जिसमें प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के 15 प्रतिशत एनआरआई कोटे की सीट सिर्फ 8 ब्रांच को आवंटित किए जाने को चुनौती दी गई थी.

विशेष ब्रांच में एनआरआई आरक्षित सीटें बढ़ा देने का आरोप

भोपाल निवासी डॉ. ओजस यादव की तरफ से दायर की गई जनहित याचिका में कहा गया था कि नीट ने एनआरआई की मेरिट लिस्ट तैयार की थी. प्रदेश के प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में एनआरआई कोटे के तहत 15 प्रतिशत सीट प्रदान की जाती है. मेडिकल कॉलेज की 22 ब्रांच होती हैं. लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा एनआरआई कोटे की सीट सिर्फ 8 ब्रांच में आवंटित की गई है, जिससे इनमें से कुछ ब्रांचों में 40 से 50 प्रतिशत सीटें एनआरआई को आवंटित हो गई हैं. वहीं, अन्य छात्रों में इन ब्रांचों की मांग अधिक है. लेकिन इन छात्रों के लिए अब सीट कम हो गई है.

8 ब्रांच में 152 सीट एनआरआई को आवंटित

याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता आलोक बागरेचा ने तर्क दिया गया कि निर्धारित ब्रांच में एनआरआई कोटे की सीट अधिक आवंटित किए जाने के कारण मेरिटोरियस छात्रों का हक प्रभावित होगा. क्योंकि उनके लिए सीटों की संख्या कम हो गई है. 8 ब्रांच में कुल 545 सीट हैं, जिसमें से 152 सीट एनआरआई कोटे के तहत आवंटित की गई है.

याचिका में आगे कहा गया कि पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में एमडी सर्जन की 8 सीट हैं, जिसमें से 4 सीट एनआरआई कोटे के तहत आवंटित की गई है. सामान्य व एससी वर्ग के एक भी आवेदक को सीट आवंटित नहीं की गई है. एनआरआई कोर्ट की सीट सभी ब्रांच में आवंटित की जानी चाहिए थी. प्रदेश सरकार के द्वारा अपनाई जा रही प्रक्रिया पूरी तरह से अवैधानिक है.

नियम विरुद्ध तैयार किया सीट मैट्रिक्स

प्राइवेट कॉलेज ने सीट मैट्रिक्स यानि प्रत्येक वर्ग को आवंटित सीट के चार्ट को चिकित्सा शिक्षा प्रवेश नियम-2018 के विरुद्ध तैयार किया गया है. इसमें एनआरआई कोटे के लिए नियमानुसार 15 प्रतिशत के स्थान पर अन्य ब्रांचों में 40 से 50 प्रतिशत आरक्षित कर दी गई हैं. प्रवेश नियमों के अनुसार दावे आपत्तियों हेतु भी समय दिए बिना च्वाइस फिलिंग कराई जा रही है.

फैसला सुरक्षित रख, कोटे की सीट भरने पर रोक

याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. याचिका की सुनवाई के दौरान शासन की ओर से कहा गया कि वर्तमान नियमों में समस्त सीटों के 15 प्रतिशत को एनआरआई कोटे में आरक्षित करने का प्रावधान है. उसी के अनुसार सीट आवंटित हुई है. वहीं, युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई के बाद एनआरआई कोटे की सीट भरने पर रोक लगा दी है. युगलपीठ ने सीट मैट्रिक्स मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखने के आदेश जारी किए है.

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