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'गरीबों के पास विज्ञान नहीं, दुनिया तबाह करने वाले हथियार हर जगह', भागवत को थर्ड वर्ल्ड वार की आशंका

जबलपुर पहुंचे मोहन भागवत ने दुनिया में तीसरे विश्व युद्ध की आशंका जताई है. उन्होंने कहा, ''गरीबों के पास अब तक विज्ञान नहीं पहुंचा है.''

mohan bhagwat warns third world war
मोहन भागवत ने जताया तीसरे विश्व युद्ध का खतरा (X Image RSS)
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By PTI

Published : Nov 11, 2024, 7:27 AM IST

Updated : Nov 11, 2024, 7:34 AM IST

जबलपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि, ''रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास संघर्षों के मद्देनजर ऐसा लग रहा है कि तीसरे विश्व युद्ध का खतरा मंडरा रहा है.'' दरअसल मोहन भागवत ने महाकौशल क्षेत्र की दिवंगत संघ महिला नेता डॉ. उर्मिला जामदार की स्मृति में जबलपुर में आयोजित एक व्याख्यान कार्यक्रम में अपने विचार रखे. जहां उन्होंने कहा, "हम सभी को तीसरे विश्व युद्ध की छाया उभरती हुई महसूस हो रही है. इस पर चर्चा हो रही है कि यह यूक्रेन में शुरू हो सकता है या गाजा में.''

'गरीबों के पास विज्ञान नहीं हथियार पहुंचे'
आरएसएस प्रमुख ने दुख जताते हुए कहा कि, ''विज्ञान ने बहुत प्रगति की है, लेकिन इसका लाभ अभी भी देश या दुनिया भर के गरीबों तक नहीं पहुंच रहा है. लेकिन दुनिया को नष्ट करने वाले हथियार हर जगह पहुंच गए हैं." उन्होंने कहा, "कुछ बीमारियों की दवा ग्रामीण इलाकों में उपलब्ध नहीं हो सकती है, लेकिन देशी रिवॉल्वर (देशी कट्टा) उपलब्ध है."

'हिंदुत्व में दुनिया को रास्ता दिखाने की क्षमता'
मोहन भागवत ने पर्यावरण पर चिंता जताते हुए कहा कि, ''यह ऐसी स्थिति में पहुंच गया है जहां यह बीमारियों का कारण बन रहा है.'' भागवत ने कहा कि, ''मानवता की सेवा करना सनातन धर्म है, जो हिंदू धर्म का पर्याय है. हिंदुत्व में दुनिया को रास्ता दिखाने की क्षमता है. हिंदू शब्द भारतीय धर्मग्रंथों में आने से बहुत पहले से मौजूद है, इसे पहली बार गुरु नानक देव ने सार्वजनिक प्रवचन में पेश किया था.'' उन्होंने कहा कि, ''आज संपूर्ण विश्व आत्मिक शांति के लिए भारत की तरफ देख रहा है.''

जबलपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि, ''रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास संघर्षों के मद्देनजर ऐसा लग रहा है कि तीसरे विश्व युद्ध का खतरा मंडरा रहा है.'' दरअसल मोहन भागवत ने महाकौशल क्षेत्र की दिवंगत संघ महिला नेता डॉ. उर्मिला जामदार की स्मृति में जबलपुर में आयोजित एक व्याख्यान कार्यक्रम में अपने विचार रखे. जहां उन्होंने कहा, "हम सभी को तीसरे विश्व युद्ध की छाया उभरती हुई महसूस हो रही है. इस पर चर्चा हो रही है कि यह यूक्रेन में शुरू हो सकता है या गाजा में.''

'गरीबों के पास विज्ञान नहीं हथियार पहुंचे'
आरएसएस प्रमुख ने दुख जताते हुए कहा कि, ''विज्ञान ने बहुत प्रगति की है, लेकिन इसका लाभ अभी भी देश या दुनिया भर के गरीबों तक नहीं पहुंच रहा है. लेकिन दुनिया को नष्ट करने वाले हथियार हर जगह पहुंच गए हैं." उन्होंने कहा, "कुछ बीमारियों की दवा ग्रामीण इलाकों में उपलब्ध नहीं हो सकती है, लेकिन देशी रिवॉल्वर (देशी कट्टा) उपलब्ध है."

'हिंदुत्व में दुनिया को रास्ता दिखाने की क्षमता'
मोहन भागवत ने पर्यावरण पर चिंता जताते हुए कहा कि, ''यह ऐसी स्थिति में पहुंच गया है जहां यह बीमारियों का कारण बन रहा है.'' भागवत ने कहा कि, ''मानवता की सेवा करना सनातन धर्म है, जो हिंदू धर्म का पर्याय है. हिंदुत्व में दुनिया को रास्ता दिखाने की क्षमता है. हिंदू शब्द भारतीय धर्मग्रंथों में आने से बहुत पहले से मौजूद है, इसे पहली बार गुरु नानक देव ने सार्वजनिक प्रवचन में पेश किया था.'' उन्होंने कहा कि, ''आज संपूर्ण विश्व आत्मिक शांति के लिए भारत की तरफ देख रहा है.''

Last Updated : Nov 11, 2024, 7:34 AM IST
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