जबलपुर: भारतीय जनता पार्टी के नेता ही कंगना रनौत के खिलाफ प्रदर्शन करने सड़कों पर उतर आए हैं. मामला कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी से जुड़ा हुआ है. जबलपुर के सिख समुदाय का कहना है कि कंगना ने अपनी फिल्म में सिखों को गलत ढंग से प्रदर्शित किया है इसलिए इस फिल्म को रिलीज न होने दिया जाए.
फिल्म को बैन करने की मांग
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मंत्री हरेंद्र जीत सिंह बब्बू और जबलपुर गुरुद्वारा कमेटी के लोग शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे. इन लोगों के हाथ में कंगना राणावत की फिल्म इमरजेंसी के खिलाफ पोस्टर्स थे. इन लोगों का कहना है कि मध्य प्रदेश में इस फिल्म को रिलीज न किया जाए. पूर्व मंत्री हरेंद्र जीत सिंह बब्बू का कहना है कि "कंगना रनौत अपने बयानों के लिए सुर्खियों में रहती हैं लेकिन इस बार उन्होंने अपनी हद पार कर दी है और उनकी फिल्म इमरजेंसी में सिख समुदाय को विलेन की तरह प्रदर्शित किया गया है और सिख समुदाय यह बर्दाश्त नहीं कर सकता है, इसलिए इस फिल्म को बैन किया जाए."
'सेंसर बोर्ड के खिलाफ भी हो कार्रवाई'
जबलपुर के सिख समुदाय का कहना है कि इस फिल्म के प्रदर्शन में जितनी दोषी कंगना रनौत हैं उतनी ही जिम्मेदारी सेंसर बोर्ड की भी बनती है. सेंसर बोर्ड को आपत्तिजनक मामलों में प्रदर्शन के पहले फिल्म के कंटेंट को देखना चाहिए और फिल्म में यदि सिखों के खिलाफ बात कही गई है तो सेंसर बोर्ड के अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए.
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इंदिरा गांधी पर बनी है इमरजेंसी फिल्म
दरअसल कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी के प्रोमो में जनरल सिंह भिंडरवाला के चरित्र से जो मिलता-जुलता एक पोस्टर नजर आ रहा है. सिख समुदाय की मूल रूप से आपत्ति इसी बात पर है क्योंकि जनरल सिंह भिंडरवाला को लेकर फिल्मों में प्रदर्शन नहीं किया जाता. फिलहाल इस फिल्म को लेकर सिख समाज ने विरोध दर्ज करवाया है और जबलपुर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है. बता दें कि कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी इंदिरा गांधी पर बनी हुई है.