जबलपुर: मध्य प्रदेश में जबलपुर के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी डिजाइन एंड मैन्यूफैक्चरिंग (IIITDM) के छात्रों ने एक मॉडल बनाया है. जिसमें उन्होंने वाहनों में उपयोग किए जाने वाले पहियों को मैग्नम व्हील से बदल दिया है. इन छात्रों का कहना है कि यदि कारों और औद्योगिक इस्तेमाल में आने वाली गाड़ियों में मैग्नम व्हील का इस्तेमाल किया जाए, तो इन गाड़ियों के मूवमेंट को बढ़ाया जा सकता है. इससे इन वाहनों की कार्य क्षमता भी बढ़ सकती है.
आने वाला भविष्य मैग्नम व्हील का
जबलपुर में केंद्र सरकार द्वारा संचालित आईआईआईटीडीएम संस्थान इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के स्तर का संस्थान है. इसी संस्थान में इंजीनियरिंग करने वाले छात्र माधव सारस्वत और प्रतिश ने मैग्नम व्हील का इस्तेमाल करके एक मॉडल बनाया है. जिसको लेकर इन दोनों छात्रों का दावा है कि आने वाला भविष्य इस तरह के पहियों का है. जिसमें गाड़ी को 360 डिग्री किसी भी तरफ बिना आगे पीछे किए हुए चलाए जा सकता है.
मैग्नम व्हील पर कई बड़ी कंपनियां कर रही काम
इंजीनियरिंग के छात्र माधव सारस्वत और प्रतिश का कहना है, "शहरों में पार्किंग की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसी स्थिति में मैग्नम व्हील से चलने वाली गाड़ियां बहुत उपयोगी हो सकती हैं, क्योंकि इन्हें किसी भी दिशा में चलाने के लिए आगे पीछे करने की जरूरत नहीं होती. वहीं रफ्तार के शौकीनों के लिए भी दुनिया की कई बड़ी कंपनियां मैग्नम व्हील पर काम कर रही है. वह दिन दूर नहीं जब कारों में यह अनोखा पहिया नजर आएगा. कार अपने स्थान पर खड़े-खड़े 360 डिग्री घूम सकेगी."
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रोबर्स में लगे होते हैं मैग्रम पहिए
मैग्नम व्हील का सबसे ज्यादा उपयोग औद्योगिक इस्तेमाल में आने वाले वाहनों में किया जा सकता है. इससे कम जगह में फोर व्हील वाहनों को चलाया जा सकता है. माधव सारस्वत और प्रतिश ने बताया कि "मैग्नम व्हील का इस्तेमाल अभी तक दूसरे ग्रहों पर भेजे जाने वाले रोबर्स में किया जाता है, लेकिन अभी तक इनका इस्तेमाल जनउपयोग में आने वाली गाड़ियों में नहीं किया जा रहा है." युवा इंजीनियरों का कहना है कि यदि उन्हें मौका मिलेगा, तो वह मैग्नम व्हील पर और काम करना चाहते हैं. वे उन सभी क्षेत्रों में मैग्रम पहियों की संभावनाओं को जांचना चाहते हैं. जहां इन पहियों का इस्तेमाल करके कामकाज को सरल बनाया जा सकता है.