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नर्सिंग हड़ताल के दोषियों पर लिया गया एक्शन, जबलपुर हाईकोर्ट में सरकार ने पेश किया जवाब - JABALPUR HIGH COURT

10 जुलाई 2023 को नर्सों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की थी. इसे हाईकोर्ट ने अवैध घोषित करते हुए दोषियों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे.

JABALPUR HIGH COURT on NURSING STRIKE
जबलपुर हाईकोर्ट में सरकार ने पेश किया जवाब (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 6, 2024, 3:54 PM IST

जबलपुर: मध्य प्रदेश में नर्सों की अनिश्चितकालीन हड़ताल को हाईकोर्ट ने अवैध घोषित करते हुए सरकार को कार्रवाई के निर्देश दिये थे. याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में जवाब पेश किया गया. जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ को बताया गया कि हड़ताल को अवैध घोषित करने के बाद भी काम पर नहीं लौटने वाली नर्सों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद याचिका का निराकरण कर दिया.

10 जुलाई 2023 को नर्सों ने की थी हड़ताल

प्रदेश में नर्सों ने 10 जुलाई 2023 को अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की थी. इस पर नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ पीजी नाजपांडे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. उस दौरान सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने हड़ताल को अवैध घोषित करते हुए 24 घंटे में सभी को काम पर लौटने के आदेश दिए थे. आदेश के बावजूद भी कई नर्सें काम पर वापस नहीं लौटी थीं.

हाईकोर्ट ने दिया था कार्रवाई करने का आदेश

नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश जाट ने 14 जुलाई को हाईकोर्ट में उपस्थित होकर अंडरटेकिंग पेश करते हुए हड़ताल कॉल-ऑफ करने की जानकारी पेश की थी. इसके अलावा भविष्य में हाईकोर्ट की अनुमति के बिना हड़ताल नहीं करने का आश्वासन भी दिया गया था. उस दौरान याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने सरकार को हड़ताल खत्म कर वापस नहीं लौटने वाली नर्सों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिये थे.

सरकार की तरफ से दिया गया जवाब

इस याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई के बाद सरकार की तरफ से की गई कार्रवाई के संबंध में युगलपीठ के सामने पूरी जानकारी पेश की गई. जिसके बाद जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने याचिका का निराकरण कर दिया. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पैरवी की.

जबलपुर: मध्य प्रदेश में नर्सों की अनिश्चितकालीन हड़ताल को हाईकोर्ट ने अवैध घोषित करते हुए सरकार को कार्रवाई के निर्देश दिये थे. याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में जवाब पेश किया गया. जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ को बताया गया कि हड़ताल को अवैध घोषित करने के बाद भी काम पर नहीं लौटने वाली नर्सों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद याचिका का निराकरण कर दिया.

10 जुलाई 2023 को नर्सों ने की थी हड़ताल

प्रदेश में नर्सों ने 10 जुलाई 2023 को अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की थी. इस पर नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ पीजी नाजपांडे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. उस दौरान सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने हड़ताल को अवैध घोषित करते हुए 24 घंटे में सभी को काम पर लौटने के आदेश दिए थे. आदेश के बावजूद भी कई नर्सें काम पर वापस नहीं लौटी थीं.

हाईकोर्ट ने दिया था कार्रवाई करने का आदेश

नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश जाट ने 14 जुलाई को हाईकोर्ट में उपस्थित होकर अंडरटेकिंग पेश करते हुए हड़ताल कॉल-ऑफ करने की जानकारी पेश की थी. इसके अलावा भविष्य में हाईकोर्ट की अनुमति के बिना हड़ताल नहीं करने का आश्वासन भी दिया गया था. उस दौरान याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने सरकार को हड़ताल खत्म कर वापस नहीं लौटने वाली नर्सों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिये थे.

सरकार की तरफ से दिया गया जवाब

इस याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई के बाद सरकार की तरफ से की गई कार्रवाई के संबंध में युगलपीठ के सामने पूरी जानकारी पेश की गई. जिसके बाद जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने याचिका का निराकरण कर दिया. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पैरवी की.

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