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जबलपुर में गिरी 'बैलेंस रॉक', कहीं छत तो कहीं दीवार तोड़ घर में घुसे पत्थर, बाल-बाल बचे लोग - Jabalpur stones damaged House

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 27, 2024, 8:17 PM IST

Updated : Jul 27, 2024, 9:29 PM IST

जबलपुर के पहाड़ियों में बारिश के बाद मिट्टी नरम हो गई है और चट्टान खिसकने लगी है. बीती रात चट्टान के गिरने से घमापुर में एक घर क्षतिग्रस्त हो गया. वहीं एक अन्य घटना में एक लड़की घायल हो गई है.

FALLING HILLS STONES DAMAGED HOUSE
बारिश में पहाड़ियों पर पत्थर खिसकने से घर क्षतिग्रस्त (ETV Bharat)

जबलपुर: हिमालय के आसपास की कई घटनाओं के बारे में आपने सुना होगा, जहां बारिश की वजह से पत्थर गिर रहे हैं. लेकिन जबलपुर में भी ऐसी घटनाएं घट रही है. जबलपुर में लगातार बारिश की वजह से कई जगहों पर बड़ी चट्टानें घरों के ऊपर गिर गईं. जबलपुर के घमापुर और मदन महल इलाके में भारी चट्टानों ने कई घरों को बर्बाद कर दिया है. लगातार हो रही बारिश की वजह से चट्टानें अपनी जगह छोड़ देती हैं, हर साल तेज बारिश के मौसम में ऐसी घटनाएं सामने आती हैं.

कहीं छत तो कहीं दीवार तोड़ घर में घुसे पत्थर (ETV Bharat)

पत्थरों की पहाड़ियों पर बसी हैं कॉलोनियां

जबलपुर अपनी गोल काले पत्थरों की वजह से अपनी अलग पहचान रखता है. जबलपुर के आसपास की पहाड़ियों में बड़ी-बड़ी गेंद के आकार के गोल काले पत्थर पाए जाते हैं, जिन्हें 'बैलेंस रॉक' के रूप में भी जाना जाता है. जबलपुर में बड़े पैमाने पर इन्हीं गोल काले पत्थरों की पहाड़ियों पर कई कॉलोनियां हैं.

बारिश में खिसकने लगती है 'बैलेंस रॉक'

जबलपुर के आसपास जब लगातार बारिश होती है, तो इन पहाड़ियों पर रहने वाले लोग डर के साए में जीते हैं, क्योंकि अधिक बारिश की वजह से इन पत्थरों के नीचे की मिट्टी नरम हो जाती है और ये पत्थर खिसकने लगते हैं. बीते एक सप्ताह में जबलपुर में पत्थर खिसकने की कई घटनाएं घट चुकी हैं. जिसमें कुछ मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और कुछ लोग घायल भी हुए हैं.

पत्थर गिरने से घर क्षतिग्रस्त

मदन महल के अलावा घमापुर में भी यह समस्या देखने को मिल रही है. घमापुर के रामविलास साहू का घर ऐसी एक पहाड़ी के नीचे है, जहां एक बड़ी सी चट्टान शुक्रवार की रात खिसक गई. रामविलास का कहना है कि "उन्हें लगा कि कोई भूकंप आया है और देखते ही देखते उनके तीन कमरे इस चट्टान ने पूरी तरह बर्बाद कर दिए."वहीं, दूसरी घटना में निशा ने बताया कि "करीब रात 11 बजे एक पत्थर खिसका, जिसकी वजह से छत पर लगी हुई एस्बेस्टस सीट निशा के ऊपर गिर गई और वह घायल हो गई.

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अतिक्रमण टीम ने लिया घटना का जायजा

जबलपुर नगर निगम अधिकारी प्रभात शुक्ला के नेतृत्व में अतिक्रमण दस्ता यहां पहुंचा और घटना का जायजा लिया. बता दें कि जिला प्रशासन ने कुछ साल पहले मदन महल की 1 पहाड़ी को पूरी तरह खाली करवाया था, लेकिन केवल एक ही पहाड़ी को खाली करवाने में 500 से ज्यादा लोगों के लिए एक नई बस्ती में कॉलोनी बनानी पड़ी थी. जबकि जबलपुर में पहाड़ के किनारे रहने वाले हजारों घर हैं, इनमें कुछ पुराने और कच्चे घर हैं. वहीं कई पहाड़ों के नीचे आधुनिक कालोनियां भी बनी हुई हैं, इन कॉलोनी में भी अक्सर बारिश के मौसम में पत्थर गिरने की घटनाएं हो रही हैं.

जबलपुर: हिमालय के आसपास की कई घटनाओं के बारे में आपने सुना होगा, जहां बारिश की वजह से पत्थर गिर रहे हैं. लेकिन जबलपुर में भी ऐसी घटनाएं घट रही है. जबलपुर में लगातार बारिश की वजह से कई जगहों पर बड़ी चट्टानें घरों के ऊपर गिर गईं. जबलपुर के घमापुर और मदन महल इलाके में भारी चट्टानों ने कई घरों को बर्बाद कर दिया है. लगातार हो रही बारिश की वजह से चट्टानें अपनी जगह छोड़ देती हैं, हर साल तेज बारिश के मौसम में ऐसी घटनाएं सामने आती हैं.

कहीं छत तो कहीं दीवार तोड़ घर में घुसे पत्थर (ETV Bharat)

पत्थरों की पहाड़ियों पर बसी हैं कॉलोनियां

जबलपुर अपनी गोल काले पत्थरों की वजह से अपनी अलग पहचान रखता है. जबलपुर के आसपास की पहाड़ियों में बड़ी-बड़ी गेंद के आकार के गोल काले पत्थर पाए जाते हैं, जिन्हें 'बैलेंस रॉक' के रूप में भी जाना जाता है. जबलपुर में बड़े पैमाने पर इन्हीं गोल काले पत्थरों की पहाड़ियों पर कई कॉलोनियां हैं.

बारिश में खिसकने लगती है 'बैलेंस रॉक'

जबलपुर के आसपास जब लगातार बारिश होती है, तो इन पहाड़ियों पर रहने वाले लोग डर के साए में जीते हैं, क्योंकि अधिक बारिश की वजह से इन पत्थरों के नीचे की मिट्टी नरम हो जाती है और ये पत्थर खिसकने लगते हैं. बीते एक सप्ताह में जबलपुर में पत्थर खिसकने की कई घटनाएं घट चुकी हैं. जिसमें कुछ मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और कुछ लोग घायल भी हुए हैं.

पत्थर गिरने से घर क्षतिग्रस्त

मदन महल के अलावा घमापुर में भी यह समस्या देखने को मिल रही है. घमापुर के रामविलास साहू का घर ऐसी एक पहाड़ी के नीचे है, जहां एक बड़ी सी चट्टान शुक्रवार की रात खिसक गई. रामविलास का कहना है कि "उन्हें लगा कि कोई भूकंप आया है और देखते ही देखते उनके तीन कमरे इस चट्टान ने पूरी तरह बर्बाद कर दिए."वहीं, दूसरी घटना में निशा ने बताया कि "करीब रात 11 बजे एक पत्थर खिसका, जिसकी वजह से छत पर लगी हुई एस्बेस्टस सीट निशा के ऊपर गिर गई और वह घायल हो गई.

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अतिक्रमण टीम ने लिया घटना का जायजा

जबलपुर नगर निगम अधिकारी प्रभात शुक्ला के नेतृत्व में अतिक्रमण दस्ता यहां पहुंचा और घटना का जायजा लिया. बता दें कि जिला प्रशासन ने कुछ साल पहले मदन महल की 1 पहाड़ी को पूरी तरह खाली करवाया था, लेकिन केवल एक ही पहाड़ी को खाली करवाने में 500 से ज्यादा लोगों के लिए एक नई बस्ती में कॉलोनी बनानी पड़ी थी. जबकि जबलपुर में पहाड़ के किनारे रहने वाले हजारों घर हैं, इनमें कुछ पुराने और कच्चे घर हैं. वहीं कई पहाड़ों के नीचे आधुनिक कालोनियां भी बनी हुई हैं, इन कॉलोनी में भी अक्सर बारिश के मौसम में पत्थर गिरने की घटनाएं हो रही हैं.

Last Updated : Jul 27, 2024, 9:29 PM IST
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