ETV Bharat / state

महज 1 एकड़ भिंडी का कमाल, जबलपुर में किसान को हर दिन कराती है 3 हजार की मोटी कमाई - Jabalpur farmer lady finger farming - JABALPUR FARMER LADY FINGER FARMING

वर्तमान समय में अब खेती भी आय का एक बड़ा साधन हो चुकी है. यहां तक कि कई पढ़े-लिखे युवा भी नौकरी छोड़कर खेती कर रहे हैं और लाखों कमा रहे हैं. बता दें भिंडी की खेती भी आय का बढ़िया जरिया है. जबलपुर का एक छोटा किसान नीलू कुशवाहा भिंडी की खेती से हो रहा मालामाल.

JABALPUR FARMER LADY FINGER FARMING
महज 1 एकड़ की भिंडी की खेती कर रही कमाल, जबलपुर के किसान की हर दिन हो रही इतनी कमाई
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 10, 2024, 5:32 PM IST

Updated : Apr 10, 2024, 6:12 PM IST

जबलपुर के किसान की हर दिन हो रही इतनी कमाई

जबलपुर। अकसर लोग कहते हैं कि खेती-किसानी घाटे का सौदा है. कई बार फसलों का सही दाम न मिलने पर, मौसम के चलते किसानों को काफी घाटा उठाना पड़ता है, लेकिन यही खेती अगर सही ढंग से की जाए तो घाटा नहीं बल्कि गजब के फायदे का सौदा होता है. जैसे जबलपुर के किसान नीलू कुशवाहा ने यह कर दिखाया है. नीलू कुशवाहा जैसे छोटे किसान जो मात्र एक एकड़ की फसल से रोज ₹3000 की कमाई करते हैं. नीलू बेहद सामान्य तरीके से भिंडी की खेती करते हैं और स्थानीय बाजार में उसे बेच देते हैं. नीलू उन सभी लोगों के लिए एक अच्छा उदाहरण हैं, जिनके पास छोटी जमीन के टुकड़े हैं या बहुत कम पूंजी है और वह कोई स्थाई व्यापार खोज रहे हैं. उनके लिए भिंडी की खेती मुनाफे का सौदा हो सकती है.

हर दूसरे दिन होती है भिंडी की तोड़ाई

जबलपुर मंडी में इन दिनों भिंडी 25 से 28 रुपए प्रति किलो तक बिक रही है. यह थोक का भाव है. बाजार में भिंडी की कीमत 40 से 45 रुपए प्रति किलो है. जबलपुर के सिहोरा इलाके में रहने वाले नीलू कुशवाहा के पास मात्र एक एकड़ जमीन है. इस पूरी जमीन पर भी हर साल भिंडी की फसल बोते हैं. उन्होंने इस साल भी एक एकड़ में भिंडी की फसल लगाई है. नीलू का कहना है कि 'उनका पूरा परिवार इस काम को करता है. 1 एकड़ की भिंडी की फसल में हर दूसरे दिन तोड़ाई होती है और दो दिनों में एक एकड़ से लगभग 5 से 6 क्विंटल तक भिंडी का उत्पादन मिलता है. मतलब प्रतिदिन के हिसाब से यदि अनुमान लगाया जाए तो लगभग तीन क्विंटल भिंडी एक एकड़ खेत से रोज तोड़ी जा सकती है.

JABALPUR FARMER LADY FINGER FARMING
1 एकड़ की भिंडी की खेती कर रही कमाल

मौजूदा भाव में तो किसान मालामाल हो सकता है, लेकिन ऐसे भाव हमेशा नहीं मिलते. इसलिए सामान्य तौर पर ₹10 प्रति किलो का भाव मिलता है. यदि हिसाब लगाया जाए तो नीलू का परिवार हर रोज ₹3000 प्रतिदिन की भिंडी का उत्पादन कर लेता है.

भिंडी की खेती में कितनी लगती है लागत

ऐसा नहीं है कि इस काम में कोई लागत नहीं है, बल्कि भिंडी में कई किस्म के कीड़े मकोड़े लगते हैं. इसलिए इसमें कीटनाशक दवाओं का भी छिड़काव करना पड़ता है. लगातार उत्पादन के लिए खेत को रासायनिक खादों के साथ ही जैविक खाद देना पड़ती है, तो रासायनिक खाद और जैविक खाद का जो खर्च है. वह लगभग ₹10000 प्रति एकड़ आता है. इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम के अलावा माइक्रोन्यूट्रिएंट भी देने होते हैं और लगभग ₹6000 कीटनाशक दवाओ में भी खर्च होता है. वहीं भिंडी का एक एकड़ में बीज का खर्चा लगभग ₹3000 का आता है. लगभग 20000 के खर्च में भिंडी की फसल तैयार हो जाती है. इसके बाद हर दूसरे दिन इसकी तोड़ाई पर भी लगभग ₹1500 का खर्च लगता है, लेकिन यह सारे खर्च काटने के बाद भी लगभग ₹3000 हर दूसरे दिन किसान को बच जाता है.

यहां पढ़ें...

खरबूजा की खेती से किसान मालामाल, 11वीं क्लास तक पढ़ा युवा हर तीन माह में कमा रहा लाखों रुपये

गर्मी में किसान खेतों को न छोड़ें खाली, दाल की खास वेरायटी देगी लाखों की इनकम और बंपर मुनाफा

मिलिए BA पास लखपति किसान से, लीज की जमीन पर शुरू की खेती, लाखों के टर्नओवर के साथ बांट रहे रोजगार

मौसम और भूमि की तैयारी

भिंडी की फसल को खेत में जमने के लिए 27 से 30 डिग्री तक तापमान की जरूरत पड़ती है. इस टेंपरेचर में बीच का जमाव अच्छा होता है और इसी तापमान में भिंडी के फूल और फल अच्छे तरीके से निकलते हैं. बहुत तेज गर्मी में इसकी फसल कुछ कम हो जाती है. मार्च के महीने से लेकर अक्टूबर के महीने तक भिंडी की फसल लगातार ली जा सकती है, क्योंकि इस पूरे समय में तापमान 27 से 30 डिग्री के आसपास रहता है. कुछ किसान मार्च के महीने में भिंडी लगाकर उसका उत्पादन सितंबर अक्टूबर तक लेते हैं. जबकि कुछ किसान इसकी दोबारा बोअनी जुलाई के महीने में भी कर सकते हैं.

यह काम वे लोग भी कर सकते हैं, जिनके पास जमीन नहीं है, क्योंकि उन्हें मात्र एक एकड़ सिंचित जमीन ही किराए पर लेना है और उनकी लागत में जमीन का किराया और शामिल हो जाएगा. इस तरीके से मात्र एक एकड़ की खेती करके भी लाखों रुपए कमाए जा सकते हैं. नीलू कुशवाहा इसका जीता जागता उदाहरण है. नीलू की तरह ही सिहोरा के इस गांव में बड़े पैमाने पर भिंडी की खेती हो रही है और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.

जबलपुर के किसान की हर दिन हो रही इतनी कमाई

जबलपुर। अकसर लोग कहते हैं कि खेती-किसानी घाटे का सौदा है. कई बार फसलों का सही दाम न मिलने पर, मौसम के चलते किसानों को काफी घाटा उठाना पड़ता है, लेकिन यही खेती अगर सही ढंग से की जाए तो घाटा नहीं बल्कि गजब के फायदे का सौदा होता है. जैसे जबलपुर के किसान नीलू कुशवाहा ने यह कर दिखाया है. नीलू कुशवाहा जैसे छोटे किसान जो मात्र एक एकड़ की फसल से रोज ₹3000 की कमाई करते हैं. नीलू बेहद सामान्य तरीके से भिंडी की खेती करते हैं और स्थानीय बाजार में उसे बेच देते हैं. नीलू उन सभी लोगों के लिए एक अच्छा उदाहरण हैं, जिनके पास छोटी जमीन के टुकड़े हैं या बहुत कम पूंजी है और वह कोई स्थाई व्यापार खोज रहे हैं. उनके लिए भिंडी की खेती मुनाफे का सौदा हो सकती है.

हर दूसरे दिन होती है भिंडी की तोड़ाई

जबलपुर मंडी में इन दिनों भिंडी 25 से 28 रुपए प्रति किलो तक बिक रही है. यह थोक का भाव है. बाजार में भिंडी की कीमत 40 से 45 रुपए प्रति किलो है. जबलपुर के सिहोरा इलाके में रहने वाले नीलू कुशवाहा के पास मात्र एक एकड़ जमीन है. इस पूरी जमीन पर भी हर साल भिंडी की फसल बोते हैं. उन्होंने इस साल भी एक एकड़ में भिंडी की फसल लगाई है. नीलू का कहना है कि 'उनका पूरा परिवार इस काम को करता है. 1 एकड़ की भिंडी की फसल में हर दूसरे दिन तोड़ाई होती है और दो दिनों में एक एकड़ से लगभग 5 से 6 क्विंटल तक भिंडी का उत्पादन मिलता है. मतलब प्रतिदिन के हिसाब से यदि अनुमान लगाया जाए तो लगभग तीन क्विंटल भिंडी एक एकड़ खेत से रोज तोड़ी जा सकती है.

JABALPUR FARMER LADY FINGER FARMING
1 एकड़ की भिंडी की खेती कर रही कमाल

मौजूदा भाव में तो किसान मालामाल हो सकता है, लेकिन ऐसे भाव हमेशा नहीं मिलते. इसलिए सामान्य तौर पर ₹10 प्रति किलो का भाव मिलता है. यदि हिसाब लगाया जाए तो नीलू का परिवार हर रोज ₹3000 प्रतिदिन की भिंडी का उत्पादन कर लेता है.

भिंडी की खेती में कितनी लगती है लागत

ऐसा नहीं है कि इस काम में कोई लागत नहीं है, बल्कि भिंडी में कई किस्म के कीड़े मकोड़े लगते हैं. इसलिए इसमें कीटनाशक दवाओं का भी छिड़काव करना पड़ता है. लगातार उत्पादन के लिए खेत को रासायनिक खादों के साथ ही जैविक खाद देना पड़ती है, तो रासायनिक खाद और जैविक खाद का जो खर्च है. वह लगभग ₹10000 प्रति एकड़ आता है. इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम के अलावा माइक्रोन्यूट्रिएंट भी देने होते हैं और लगभग ₹6000 कीटनाशक दवाओ में भी खर्च होता है. वहीं भिंडी का एक एकड़ में बीज का खर्चा लगभग ₹3000 का आता है. लगभग 20000 के खर्च में भिंडी की फसल तैयार हो जाती है. इसके बाद हर दूसरे दिन इसकी तोड़ाई पर भी लगभग ₹1500 का खर्च लगता है, लेकिन यह सारे खर्च काटने के बाद भी लगभग ₹3000 हर दूसरे दिन किसान को बच जाता है.

यहां पढ़ें...

खरबूजा की खेती से किसान मालामाल, 11वीं क्लास तक पढ़ा युवा हर तीन माह में कमा रहा लाखों रुपये

गर्मी में किसान खेतों को न छोड़ें खाली, दाल की खास वेरायटी देगी लाखों की इनकम और बंपर मुनाफा

मिलिए BA पास लखपति किसान से, लीज की जमीन पर शुरू की खेती, लाखों के टर्नओवर के साथ बांट रहे रोजगार

मौसम और भूमि की तैयारी

भिंडी की फसल को खेत में जमने के लिए 27 से 30 डिग्री तक तापमान की जरूरत पड़ती है. इस टेंपरेचर में बीच का जमाव अच्छा होता है और इसी तापमान में भिंडी के फूल और फल अच्छे तरीके से निकलते हैं. बहुत तेज गर्मी में इसकी फसल कुछ कम हो जाती है. मार्च के महीने से लेकर अक्टूबर के महीने तक भिंडी की फसल लगातार ली जा सकती है, क्योंकि इस पूरे समय में तापमान 27 से 30 डिग्री के आसपास रहता है. कुछ किसान मार्च के महीने में भिंडी लगाकर उसका उत्पादन सितंबर अक्टूबर तक लेते हैं. जबकि कुछ किसान इसकी दोबारा बोअनी जुलाई के महीने में भी कर सकते हैं.

यह काम वे लोग भी कर सकते हैं, जिनके पास जमीन नहीं है, क्योंकि उन्हें मात्र एक एकड़ सिंचित जमीन ही किराए पर लेना है और उनकी लागत में जमीन का किराया और शामिल हो जाएगा. इस तरीके से मात्र एक एकड़ की खेती करके भी लाखों रुपए कमाए जा सकते हैं. नीलू कुशवाहा इसका जीता जागता उदाहरण है. नीलू की तरह ही सिहोरा के इस गांव में बड़े पैमाने पर भिंडी की खेती हो रही है और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.

Last Updated : Apr 10, 2024, 6:12 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.