जबलपुर। जबलपुर में धान खरीदी में हुए घोटाले और अव्यवस्था की वजह से इस बार जिला प्रशासन ने गेहूं खरीदी में कोई भी जोखिम न लेने का फैसला लिया है. जबलपुर में 130 उपार्जन केंद्र बनाए जा रहे हैं. इनमें से 119 उपार्जन केंद्र मार्केटिंग फेडरेशन के द्वारा चलाए जाएंगे और 11 उपार्जन केंद्रों में से 6 उपार्जन केंद्र महिला स्वास्थ्य सहायता समूह को दिए गए हैं. इस तरह से 130 स्थान पर जबलपुर में गेहूं खरीदी होगी.
गेहूं की क्वालिटी को लेकर कोई समझौता नहीं
जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि गेहूं की क्वालिटी को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा और किसानों को विशेष हिदायत दी गई है कि किसान घर से ही गेहूं को छानकर लेकर आएं. यदि किसान ऐसा नहीं करेंगे तो हर उपार्जन केंद्र पर गेहूं साफ करने के लिए मशीन लगाई जा रही हैं और केवल छना हुआ गेहूं ही सरकार खरीदेगी और गेहूं को छानने का पैसा भी लिया जाएगा. इसलिए किसान यदि इस परेशानी से बचना चाहता है तो वह घर से ही गेहूं को छानकर लेकर आएं. गेहूं की क्वालिटी जाचने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम भी बनाई गई है, जो हर गेहूं उपार्जन केंद्र पर रहेगी इसमें पटवारी को विशेष जिम्मा दिया गया है. कलेक्टर ने बताया कि इसके अलावा राजस्व के दूसरे अधिकारी भी गेहूं के उपार्जन केदो पर नजर बनाकर रखेंगे और यदि कहीं गड़बड़ी होती है तो तुरंत गेहूं खरीदी रोक दी जाएगी.
ये खबरें भी पढ़ें... MP के अनूठे गेंहू खरीद केंद्र, बिना छत वाले वेयर हाउस में हो रही MSP पर गेहूं खरीदी |
जबलपुर में लगभग 1000 करोड़ की गेहूं की खरीदी
गौरतलब है कि जबलपुर में लगभग 1000 करोड़ रुपए की गेहूं की खरीदी की जाती है. जबलपुर धान और गेहूं खरीदी के मामले में देश का एक बड़ा केंद्र है, लेकिन इन दोनों ही अनाज की खरीदी में जबलपुर में बड़े पैमाने पर घोटाले भी होते हैं. धान खरीदी में गोदाम को नियम विरुद्ध तरीके से फायदा दिलाने के चक्कर में जबलपुर के धान खरीदी में लगे हुए 6 से ज्यादा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी और जबलपुर के पुराने कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन का तबादला भी धान खरीदी में हुई गड़बड़ी के बाद ही हुआ था. इसलिए प्रशासन गेहूं खरीदी में कोई गड़बड़ी का मौका नहीं देगा.