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160 बार ब्लड डोनेट कर बना लिया है रिकॉर्ड, ये शख्स दशकों से बचा रहा है लोगों की जान - Jabalpur Blood Donor

ब्लड डोनर ऑफ़ जबलपुर के नाम से मशहूर सरबजीत सिंह ने समाज के सामने एक मिसाल पेश की है. उन्होंने अब तक 160 बार रक्तदान कर रिकॉड बना लिया है. सरबजीत का मानना है कि हर किसी को रक्तदान करना चाहिए.

JABALPUR BLOOD DONOR
रक्तदान कर कई जिंदगियां बचा चुके हैं सरबजीत सिंह (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 4, 2024, 6:32 PM IST

Updated : Sep 4, 2024, 6:44 PM IST

जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर के बल्ड डोनर सरबजीत सिंह नारंग मानवीय सेवा के जीते-जागते उदाहरण हैं. पिछले 35 सालों से वे रक्तदान कर रहे हैं और अब तक 160 बार रक्तदान कर चुके हैं. साथ ही उन्होंने 100 से अधिक बार एसडीपीटी (सिंगल डोनर प्लेटलेट थेरेपी) भी दान किया है. सरबजीत के रक्तदान का सफर 1990 में शुरू हुआ. उन्होंने 21 वर्ष की उम्र में पहली बार रक्तदान किया था. उस समय, उनके पड़ोस में रहने वाली एक आंटी का ऑपरेशन होना था, जिसके लिए रक्त की आवश्यकता थी. उन्होंने मेडिकल अस्पताल में पहली बार रक्तदान किया और तभी से उन्होंने रक्तदान को अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना लिया.

सरबजीत ने 160 बार रक्तदान कर बनाया रिकॉर्ड (ETV Bharat)

360 बच्चों को दिलवाते हैं रक्त

सरबजीत न केवल रक्तदान तक सीमित रहते है, बल्कि दूसरों की मदद के लिए 'दिशा वेलफेयर' नामक एक ग्रुप भी बनाया है. इस ग्रुप के माध्यम से वे थैलेसीमिया और सिकल सेल जैसी बीमारियों से पीड़ित 360 बच्चों को मुफ्त में रक्त उपलब्ध कराते हैं. इसके अलावा, वे इन बीमारियों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कैंप लगाते हैं और समय-समय पर रक्त और दवाई भी उपलब्ध कराते हैं. उनकी यह पहल उन लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है, जिन्हें नियमित रूप से रक्त की आवश्यकता होती है.

रक्तदान कर कई जिंदगियां बचाई

सरबजीत का मानना है, कि हर व्यक्ति को हर 3 महीने में रक्तदान करना चाहिए. उनका कहना है कि जिन बच्चों को थैलेसीमिया और सिकल सेल जैसी बीमारियां होती हैं. उनके लिए रक्त ही उनका भोजन है. जिसे हर 15 दिन में आवश्यक होता है. उन्होंने यह भी बताया कि रक्तदान के कई फायदे होते हैं. जिन्हें लोगों को समझने की आवश्यकता है. जरूरतमंदों को समय पर रक्त मिल जाने से उनकी जान बचाई जा सकती है और इस निःस्वार्थ सेवा के बदले में ईश्वर से यही प्रार्थना की जाती है, कि दाता और प्राप्तकर्ता दोनों को स्वस्थ और सुखी जीवन मिले.

यहां पढ़ें...

गजब! 67 की उम्र में युवाओं वाला जज्बा, रक्तदान में लगाया शतक, फायदे जानकर हो जाएंगे हैरान

यह हैं हरदा के रक्तवीर! 75 वर्षीय महिला के बर्थडे पर नाती-पोते सहित पूरे परिवार ने किया ब्लड डोनेट

दूसरे लोग भी हो रहे प्रेरित

सरबजीत सिंह नारंग ने अपनी जिंदगी को मानव सेवा के लिए समर्पित कर दिया है. उनके प्रयासों ने ना जाने कितने लोगों की जान बचाई है और समाज में रक्तदान के प्रति जागरूकता बढ़ाई है. ऐसे लोग निस्संदेह समाज के हीरो होते हैं. जिनकी प्रेरणा से और लोग भी आगे आकर रक्तदान करने के लिए प्रेरित होते हैं.

जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर के बल्ड डोनर सरबजीत सिंह नारंग मानवीय सेवा के जीते-जागते उदाहरण हैं. पिछले 35 सालों से वे रक्तदान कर रहे हैं और अब तक 160 बार रक्तदान कर चुके हैं. साथ ही उन्होंने 100 से अधिक बार एसडीपीटी (सिंगल डोनर प्लेटलेट थेरेपी) भी दान किया है. सरबजीत के रक्तदान का सफर 1990 में शुरू हुआ. उन्होंने 21 वर्ष की उम्र में पहली बार रक्तदान किया था. उस समय, उनके पड़ोस में रहने वाली एक आंटी का ऑपरेशन होना था, जिसके लिए रक्त की आवश्यकता थी. उन्होंने मेडिकल अस्पताल में पहली बार रक्तदान किया और तभी से उन्होंने रक्तदान को अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना लिया.

सरबजीत ने 160 बार रक्तदान कर बनाया रिकॉर्ड (ETV Bharat)

360 बच्चों को दिलवाते हैं रक्त

सरबजीत न केवल रक्तदान तक सीमित रहते है, बल्कि दूसरों की मदद के लिए 'दिशा वेलफेयर' नामक एक ग्रुप भी बनाया है. इस ग्रुप के माध्यम से वे थैलेसीमिया और सिकल सेल जैसी बीमारियों से पीड़ित 360 बच्चों को मुफ्त में रक्त उपलब्ध कराते हैं. इसके अलावा, वे इन बीमारियों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कैंप लगाते हैं और समय-समय पर रक्त और दवाई भी उपलब्ध कराते हैं. उनकी यह पहल उन लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है, जिन्हें नियमित रूप से रक्त की आवश्यकता होती है.

रक्तदान कर कई जिंदगियां बचाई

सरबजीत का मानना है, कि हर व्यक्ति को हर 3 महीने में रक्तदान करना चाहिए. उनका कहना है कि जिन बच्चों को थैलेसीमिया और सिकल सेल जैसी बीमारियां होती हैं. उनके लिए रक्त ही उनका भोजन है. जिसे हर 15 दिन में आवश्यक होता है. उन्होंने यह भी बताया कि रक्तदान के कई फायदे होते हैं. जिन्हें लोगों को समझने की आवश्यकता है. जरूरतमंदों को समय पर रक्त मिल जाने से उनकी जान बचाई जा सकती है और इस निःस्वार्थ सेवा के बदले में ईश्वर से यही प्रार्थना की जाती है, कि दाता और प्राप्तकर्ता दोनों को स्वस्थ और सुखी जीवन मिले.

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दूसरे लोग भी हो रहे प्रेरित

सरबजीत सिंह नारंग ने अपनी जिंदगी को मानव सेवा के लिए समर्पित कर दिया है. उनके प्रयासों ने ना जाने कितने लोगों की जान बचाई है और समाज में रक्तदान के प्रति जागरूकता बढ़ाई है. ऐसे लोग निस्संदेह समाज के हीरो होते हैं. जिनकी प्रेरणा से और लोग भी आगे आकर रक्तदान करने के लिए प्रेरित होते हैं.

Last Updated : Sep 4, 2024, 6:44 PM IST
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