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इजरायल में युद्ध बन गया है जीवन का हिस्सा, बम गिरने से पहले बचने के लिए मिलते हैं सिर्फ डेढ़ मिनट; BHU के शोध छात्र ने बयां किए हालात

इजरायल में कैसी है युद्ध के बीच जिंदगी, बीएचयू के छात्र ने बताए हालात

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 46 minutes ago

इजरायल में युद्ध बन गया है जीवन का हिस्सा.
इजरायल में युद्ध बन गया है जीवन का हिस्सा. (Photo Credit; ETV Bharat)

वाराणसी: इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच तनाव चरम पर है. दोनों ओर से युद्ध जारी है. इजरायल में तमाम भारतीय छात्र भी रहते हैं. युद्ध के बीच वे भी फंसे हैं. इनमें से ही एक बीएचयू के शोध छात्र प्रज्जवल प्रताप सिंह भी हैं, जो हाल ही में भारत लौटे हैं. युद्ध के बीच लोगों की जिंदगी वहां कैसी है, इसकी आंखों देखी प्रज्जवल बयां करते हैं. कहते हैं, इजरायल में युद्ध जीवन का हिस्सा बन गया है. जान बचाने के लिए सिर्फ डेढ़ मिनट मिलते हैं, जबकि आप अपने घर से काफी दूर रहते हैं.

इजरायल से लौटे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शोध छात्र प्रज्ज्वल प्रताप सिंह.
इजरायल से लौटे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शोध छात्र प्रज्ज्वल प्रताप सिंह. (Photo Credit; ETV Bharat)

इस साल जुलाई में गए थे इजरायल: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शोध छात्र प्रज्ज्वल प्रताप सिंह 22 जुलाई 2024 को इजराइल में तेल अवीव यूनिवर्सिटी पोस्ट फोलेशिप के लिए गए थे. अभी भारत लौटे हैं. उन्होंने इजरायल के हालात और भयावह स्थिति के बारे में बताया. बताया कि किस तरह से लोग अपने रोज के काम निपटाते हैं और कैसे हमेशा डर के साये में जीते हैं.

खुद को बचाने के लिए मिलते हैं डेढ़ मिनट: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शोध छात्र प्रज्ज्वल प्रताप सिंह बताते हैं कि, इजरायल में रहने वाले लोगों के लिए युद्ध जीवन का एक हिस्सा बन गया है. वहां के लोग नौकरियों पर जा रहे हैं. मॉल खुले हुए हैं. मगर एक बात जो है, वो ये कि सायरन बजने के बाद लोगों को खुद को बचाने के लिए डेढ़ मिनट का समय मिलता है. वहां की सरकार ने लोगों के मोबाइल फोन में एक ऐप डाउनलोड करवाया है. वे लोग जो भारत से इजरायल गए हुए हैं, वे यह सब देखकर डरते हैं.

बम गिरने से पहले बजता है सायरन: उन्होंने बताया कि बम गिरने से पहले 1 किमी दायरे में रेड अलर्ट आने लगता था. जोर-जोर से सायरन बजता है. मोबाइल फोन के ऐप में जो लोकेशन डाली जाती है, अगर उसके 1 किलोमीटर के दायरे में कहीं भी बम गिरने वाला होता है तो उसमें सायरन बजने लगता है. यह आवाज बम गिरने के डेढ़ मिनट पहले आती है. इसके बाद लोग आसपास बने सेफ हाउस की तरफ जाने लगते हैं. सायरन के 10 मिनट तक हमें सेफ हाउस में रुकना होता था.

लोगों को ट्रेनिंग लेना जरूरी : प्रज्ज्वल बताते हैं कि इजराइल में रहने वाले लोगों को ट्रेनिंग लेना जरूरी है. लोग वेल ट्रेंड आर्मी होते हैं. दिमाग से संतुलित होते हैं. जो सबसे अहम होता है. बताया कि अन्य देशों से आए छात्रों को किस तरह से अपना बचाव करना है, इसके बारे में भी बताया जाता है. इजराइल में गए लोगों के भारत में रह रहे परिवार परेशान होते हैं. मगर अभी वहां युद्ध के बीच लोगों की जिंदगी सामान्य चल रही है. सभी अपना रोजाना का काम निपटाते हैं.

यह भी पढ़ें : बनारस के कैंट स्टेशन पर पकड़ा गया 4 करोड़ का सोना, गहनों से भरा बैग लेकर युवक जा रहा था पटना

वाराणसी: इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच तनाव चरम पर है. दोनों ओर से युद्ध जारी है. इजरायल में तमाम भारतीय छात्र भी रहते हैं. युद्ध के बीच वे भी फंसे हैं. इनमें से ही एक बीएचयू के शोध छात्र प्रज्जवल प्रताप सिंह भी हैं, जो हाल ही में भारत लौटे हैं. युद्ध के बीच लोगों की जिंदगी वहां कैसी है, इसकी आंखों देखी प्रज्जवल बयां करते हैं. कहते हैं, इजरायल में युद्ध जीवन का हिस्सा बन गया है. जान बचाने के लिए सिर्फ डेढ़ मिनट मिलते हैं, जबकि आप अपने घर से काफी दूर रहते हैं.

इजरायल से लौटे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शोध छात्र प्रज्ज्वल प्रताप सिंह.
इजरायल से लौटे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शोध छात्र प्रज्ज्वल प्रताप सिंह. (Photo Credit; ETV Bharat)

इस साल जुलाई में गए थे इजरायल: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शोध छात्र प्रज्ज्वल प्रताप सिंह 22 जुलाई 2024 को इजराइल में तेल अवीव यूनिवर्सिटी पोस्ट फोलेशिप के लिए गए थे. अभी भारत लौटे हैं. उन्होंने इजरायल के हालात और भयावह स्थिति के बारे में बताया. बताया कि किस तरह से लोग अपने रोज के काम निपटाते हैं और कैसे हमेशा डर के साये में जीते हैं.

खुद को बचाने के लिए मिलते हैं डेढ़ मिनट: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शोध छात्र प्रज्ज्वल प्रताप सिंह बताते हैं कि, इजरायल में रहने वाले लोगों के लिए युद्ध जीवन का एक हिस्सा बन गया है. वहां के लोग नौकरियों पर जा रहे हैं. मॉल खुले हुए हैं. मगर एक बात जो है, वो ये कि सायरन बजने के बाद लोगों को खुद को बचाने के लिए डेढ़ मिनट का समय मिलता है. वहां की सरकार ने लोगों के मोबाइल फोन में एक ऐप डाउनलोड करवाया है. वे लोग जो भारत से इजरायल गए हुए हैं, वे यह सब देखकर डरते हैं.

बम गिरने से पहले बजता है सायरन: उन्होंने बताया कि बम गिरने से पहले 1 किमी दायरे में रेड अलर्ट आने लगता था. जोर-जोर से सायरन बजता है. मोबाइल फोन के ऐप में जो लोकेशन डाली जाती है, अगर उसके 1 किलोमीटर के दायरे में कहीं भी बम गिरने वाला होता है तो उसमें सायरन बजने लगता है. यह आवाज बम गिरने के डेढ़ मिनट पहले आती है. इसके बाद लोग आसपास बने सेफ हाउस की तरफ जाने लगते हैं. सायरन के 10 मिनट तक हमें सेफ हाउस में रुकना होता था.

लोगों को ट्रेनिंग लेना जरूरी : प्रज्ज्वल बताते हैं कि इजराइल में रहने वाले लोगों को ट्रेनिंग लेना जरूरी है. लोग वेल ट्रेंड आर्मी होते हैं. दिमाग से संतुलित होते हैं. जो सबसे अहम होता है. बताया कि अन्य देशों से आए छात्रों को किस तरह से अपना बचाव करना है, इसके बारे में भी बताया जाता है. इजराइल में गए लोगों के भारत में रह रहे परिवार परेशान होते हैं. मगर अभी वहां युद्ध के बीच लोगों की जिंदगी सामान्य चल रही है. सभी अपना रोजाना का काम निपटाते हैं.

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