देहरादून: जिले के सबसे बड़े राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में मरीजों के लिए सरकार की तरफ से भोजन की व्यवस्था की जाती रही है. लेकिन मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों को सरकार निशुल्क भोजन उपलब्ध नहीं करा पाती है. ऐसे में इस्कॉन ने फूड फॉर लाइफ के तहत अस्पताल में आने वाले मरीजों के परिजनों को दोपहर की भोजन की शुरुआत की है.
मंगलवार को उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने दून अस्पताल की ओपीडी ब्लॉक के ऑडिटोरियम में एक कार्यक्रम में शिरकत की और इस्कॉन की तरफ से की गई पहल की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि अस्पताल में मरीजों को सरकार की तरफ से भोजन की सुविधा दी जाती है. उन्होंने संस्था का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मरीजों को अस्पताल में भोजन तो उपलब्ध कराया जाता है लेकिन उनके साथ आए निर्धन तीमारदारों को भोजन नहीं मिल पाता है. इसलिए इस्कॉन की तरफ से प्रत्येक दिन मरीजों के साथ आए परिजनों को दोपहर का भोजन मुहैया कराया जाएगा, जिसकी शुरुआत आज से हो गई है.
धन सिंह रावत ने कहा कि इस्कॉन देहरादून संभाग के निदेशक एवं मंडी आईआईटी के निदेशक लक्ष्मी दत्त बेहरा की ओर से संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार के लिए संस्कृत विद्यालय का प्रस्ताव दिया गया है. अब सरकार की ओर से उन्हें दो संस्कृत विद्यालय की सौगात जल्दी दी जाएगी. डॉक्टर धन सिंह रावत का कहना है कि निकट भविष्य में इस्कॉन के किचन के लिए सरकार की ओर से जमीन भी तलाशी जाएगी. ताकि पौष्टिक भोजन मरीज के तीमारदारों को समय पर मिल सके. उन्हें उम्मीद है कि इसके बाद गरीब लोगों का मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में विश्वास और बढ़ जाएगा. उन्हें निशुल्क दवाइयों के साथ ही भोजन की सुविधा मिल सकेगी. दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर आशुतोष सयाना ने संस्था की पहल की प्रशंसा की है.
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