लखनऊ : पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के 10 एजेंट यूपी एटीएस के लिए चुनौती बन गए हैं. एटीएस को इन सभी एजेंट क नाम तो पता हैं, लेकिन ये किस राज्य में रहते हैं, कहां कहां ये नौकरी करते है और अब तक इन्होंने कितनी गोपनीय जानकारियां पाकिस्तान को बेची हैं, यह अब तक नहीं पता चल सका है. यही वजह है कि एटीएस की पांच टीमों को इन एजेंट की जानकारी जुटाने और पकड़ने की जिम्मेदारी दी गई है. सूत्रों के अनुसार एटीएस ने एनआईए और आईबी से भी इन एजेंट्स की जानकारी साझा की है.
राम सिंह की गिरफ्तारी के बाद सामने आए थे 10 एजेंट्स के नाम
यूपी एटीएस इंस्पेक्टर अरविंद कुमार पांडेय के मुताबिक 18 मई 2024 को गोवा के एक शिपयार्ड में काम करने वाले गोरखपुर निवासी राम सिंह को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई थी. पूछताछ में राम सिंह ने बयाया था कि सोशल मीडिया में उसे कीर्ति सिंह (फेक नाम) ने अपने प्यार के जाल में फंसाया फिर आईएसआई के लिए काम करने को तैयार कर लिया. इसी दौरान उसे 10 और नामों के बारे में पता चला जिन्हें उसी कीर्ति सिंह ने आईएसआई का एजेंट बनाया था. राम सिंह के अनुसार उसने उसी पाकिस्तानी लड़की कीर्ति सिंह के कहने पर लकी जाट, मैकी सिद्धू, अतुल दुबे, रवि शर्मा, सविता उर्फ अनूप कुमार, दक्षिल नरेश, गड़कनी उपेंद्र और रंजन कुमार पाण्डे को कुछ पैसे ट्रांसफर किए थे. लखन और तरुण दहिया ने कीर्ति के कहने पर उसे पैसे ट्रांसफर किए थे. हालांकि राम सिंह को इन सभी 10 एजेंट्स के नाम के अलावा और कुछ अन्य जानकारी नहीं पता है.
10 एजेंट जो बने हुए हैं ATS के लिए चुनौती : लकी जाट, मैकी सिद्धू, अतुल दुबे, रवि शर्मा, सविता उर्फ अनूप कुमार, दक्षिल नरेश, गड़कनी उपेंद्र, रंजन कुमार पाण्डे, लखन और तरुण दहिया ये वो सभी नाम हैं जो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करते हैं. ये पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी से पैसे लेते हैं और उसके बदले भारत के अलग अलग हिस्सों से गोपनीय जानकारियां उन्हें भेजते हैं. ये सभी एजेंट अब भी कोई न कोई जानकारी पाकिस्तान को मुहैया करा रहे होंगे, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां इनका पता लगाने में अब तक नाकाम हैं. हालांकि यूपी एटीएस देश के अलग अलग हिस्सों में पांच टीमें सक्रिय होने का दावा कर रहा है.
यूपी ATS ने ली है केंद्रीय एजेंसियों की मदद : सूत्रों के मुताबिक राम सिंह के इस इनपुट के बाद यूपी एटीएस ने एनआईए और आईबी को इसकी जानकारी साझा कर दी थीं. इसके अलावा एटीएस भी इन सभी 10 एजेंट्स के नाम और उनके बैंक अकाउंट के आधार पर जानकारी निकालने में जुटी है. पूर्व डीजीपी एके जैन के मुताबिक एटीएस को जिन 10 एजेंट की जानकारी मिली है, उनका पता लगाया जा रहा है. एटीएस ने इसके लिए केंद्रीय एजेंसियों की भी मदद ली है. आतंकियों और एजेंट्स का पता लगाना एटीएस जैसी एजेंसियो के लिए चुनौती भरा काम होता ही है, क्योंकि वे चोरी चुपके से अपने मिशन पर रहती है. हालांकि जल्द ही ये सभी आईएसआई एजेंट एटीएस की गिरफ्त में होंगे.