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लैब की व्यवस्था से भड़के धनबाद सिविल सर्जन, कहा- कंगाल संस्था सरकार से एग्रीमेंट कैसे कर ली - Sadar Hospital - SADAR HOSPITAL

Irregularities in lab of Sadar Hospital. आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड पर सरकार काम करती है. इस उम्मीद से मरीजों को बेहतर सुविधा मिले लेकिन धनबाद सदर अस्पताल के एक लैब का आलम ऐसा, जिसकी व्यवस्था जानकर सिविल सर्जन भी भड़क गये.

Irregularities in lab operated on PPP mode in Dhanbad Sadar Hospital
धनबाद सदर अस्पताल का लैब (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 9, 2024, 5:20 PM IST

धनबादः शहर के सदर अस्पताल के पास पीपीपी मोड पर संचालित एजिलस लैब, जहां रियायत दर पर मरीजों की जांच की सुविधा उपलब्ध है. लेकिन हैरानी की बात है कि यहां पिछले 6 महीने से बिजली नहीं है. यहां की पूरी व्यवस्था जनरेटर के भरोसे है.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टः सदर अस्पताल के लैब में अनियमितता (ETV Bharat)

लैब में नियमित बिजली न होने के कारण मरीजों को जांच रिपोर्ट समय पर नहीं मिलती है. जिस कारण विवश होकर मरीज के परिजन निजी लैब का रूख कर रहते हैं. निजी लैब में जांच के लिए उन्हें अधिक कीमत भी चुकानी पड़ रही है. हर दिन औसतन यहां 150 से 200 मरीज जांच के लिए पहुंचते हैं.

लैब में लगी थी आग

इस लैब के इंचार्ज डॉ. आलोक कुमार ने बताया कि 30 दिसंबर 2023 को लैब के अंदर आग लगी थी. इस घटना में लैब की वायरिंग भी जल गई, इसके बाद विद्युत विभाग के द्वारा बिजली का कनेक्शन काट दिया गया था. वायर की रिपेयरिंग में करीब दस से पंद्रह दिन लगे, इसके बाद बिजली कनेक्शन के लिए विद्युत विभाग गए. विभाग के द्वारा दस साल की बिजली बिल बकाया होने की बात कही गई. दस साल के बिजली भुगतान के बाद भी कनेक्शन मिलेगा. जिसके बाद से अब तक बिजली कनेक्शन नहीं लगा है.

लैब इंचार्ज ने बताया कि लैब में सब मीटर लगवाया गया है, बिजली कनेक्शन के लिए एनओसी दी गई है. जिसमें कहा गया है कि विद्युत विभाग दस सालों की बिजली बिल का आकलन कर लैब को दें. इसके भुगतान के बाद ही यहां विभाग कनेक्शन देगी. यह हाल के 5-6 दिन पहले ही निर्णय हुआ है. फिलहाल यह प्रोसेस में है.

डॉक्टर आलोक ने कहा कि पिछले छह महीनों से जेनरेटर के जरिए यहां काम चल रहा है. हर चार घंटे बाद जेनरेटर दो घंटे के लिए बंद किया जाता है. जिस कारण जांच प्रभावित होती है, रिपोर्ट देने काफी विलंब होता है. एक दिन बाद मरीजों को रिपोर्ट दी जाती है. उन्होंने कहा कि हर दिन सदर अस्पताल और आसपास से औसतन 150-200 से मरीज जांच के लिए पहुंचते हैं.

कंगाल संस्था ने सरकार से एग्रीमेंट कैसे किया

जब ईटीवी भारत की टीम ने सिविल सर्जन सीवी प्रतापण से इस मामले पर बातचीत करना चाही तो वे लैब कंपनी पर ही भड़क गए. सिविल सर्जन ने कहा कि कंगाल संस्था चला रहें हैं, कंगाल संस्था ने सरकार से आखिर एग्रीमेंट कैसे कर ली. लैब में आग लगना घटना थी या अपने से आग लगाई गयी. इनके पास बकाया बिजली की रसीद नहीं है, वे पहले रशीद दें, हम बिजली विभाग से बात करके कनेक्शन लगवाते हैं.

इसे भी पढ़ें- जमशेदपुर एमजीएम हाल देख बिगड़े प्रधान स्वास्थ्य सचिव, कहा- व्यवस्था ठीक करें नहीं तो होगी कार्रवाई - MGM Hospital

इसे भी पढे़ं- अब उपस्थिति पोर्टल से हाजिरी बनाएंगे डॉक्टर साहब! मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य कर्मियों के लिए विशेष पोर्टल किया लॉन्च - Attendance Portal

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धनबादः शहर के सदर अस्पताल के पास पीपीपी मोड पर संचालित एजिलस लैब, जहां रियायत दर पर मरीजों की जांच की सुविधा उपलब्ध है. लेकिन हैरानी की बात है कि यहां पिछले 6 महीने से बिजली नहीं है. यहां की पूरी व्यवस्था जनरेटर के भरोसे है.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टः सदर अस्पताल के लैब में अनियमितता (ETV Bharat)

लैब में नियमित बिजली न होने के कारण मरीजों को जांच रिपोर्ट समय पर नहीं मिलती है. जिस कारण विवश होकर मरीज के परिजन निजी लैब का रूख कर रहते हैं. निजी लैब में जांच के लिए उन्हें अधिक कीमत भी चुकानी पड़ रही है. हर दिन औसतन यहां 150 से 200 मरीज जांच के लिए पहुंचते हैं.

लैब में लगी थी आग

इस लैब के इंचार्ज डॉ. आलोक कुमार ने बताया कि 30 दिसंबर 2023 को लैब के अंदर आग लगी थी. इस घटना में लैब की वायरिंग भी जल गई, इसके बाद विद्युत विभाग के द्वारा बिजली का कनेक्शन काट दिया गया था. वायर की रिपेयरिंग में करीब दस से पंद्रह दिन लगे, इसके बाद बिजली कनेक्शन के लिए विद्युत विभाग गए. विभाग के द्वारा दस साल की बिजली बिल बकाया होने की बात कही गई. दस साल के बिजली भुगतान के बाद भी कनेक्शन मिलेगा. जिसके बाद से अब तक बिजली कनेक्शन नहीं लगा है.

लैब इंचार्ज ने बताया कि लैब में सब मीटर लगवाया गया है, बिजली कनेक्शन के लिए एनओसी दी गई है. जिसमें कहा गया है कि विद्युत विभाग दस सालों की बिजली बिल का आकलन कर लैब को दें. इसके भुगतान के बाद ही यहां विभाग कनेक्शन देगी. यह हाल के 5-6 दिन पहले ही निर्णय हुआ है. फिलहाल यह प्रोसेस में है.

डॉक्टर आलोक ने कहा कि पिछले छह महीनों से जेनरेटर के जरिए यहां काम चल रहा है. हर चार घंटे बाद जेनरेटर दो घंटे के लिए बंद किया जाता है. जिस कारण जांच प्रभावित होती है, रिपोर्ट देने काफी विलंब होता है. एक दिन बाद मरीजों को रिपोर्ट दी जाती है. उन्होंने कहा कि हर दिन सदर अस्पताल और आसपास से औसतन 150-200 से मरीज जांच के लिए पहुंचते हैं.

कंगाल संस्था ने सरकार से एग्रीमेंट कैसे किया

जब ईटीवी भारत की टीम ने सिविल सर्जन सीवी प्रतापण से इस मामले पर बातचीत करना चाही तो वे लैब कंपनी पर ही भड़क गए. सिविल सर्जन ने कहा कि कंगाल संस्था चला रहें हैं, कंगाल संस्था ने सरकार से आखिर एग्रीमेंट कैसे कर ली. लैब में आग लगना घटना थी या अपने से आग लगाई गयी. इनके पास बकाया बिजली की रसीद नहीं है, वे पहले रशीद दें, हम बिजली विभाग से बात करके कनेक्शन लगवाते हैं.

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