बिलासपुर : बिलासपुर के सीपत थाना क्षेत्र में 15-16 जुलाई की रात दामोदर ज्वेलर्स का शटर तोड़कर चोरों ने करीब साढ़े 24 लाख का माल उड़ाया था.इस चोरी में सोने चांदी के गहने के साथ कैश भी चोरों ने उड़ाए थे. जिसकी रिपोर्ट अगले दिन ज्वेलर्स के मालिक ने थाने में दर्ज करवाई.पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद इतनी बड़ी चोरी करने वालों की पतासाजी शुरु की.
500 सीसीटीवी खंगाले तब मिला छोटा सा सुराग : पुलिस ने चोरी के बाद आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी खंगालने शुरु किए. पुलिस ने शहर में लगे करीब 500 सीसीटीवी फुटेज खंगाले.आखिरकार पुलिस के हाथ चोरी वाली रात के दिन का एक वीडियो लगा.जिसमें चोरों के शरीर में बना एक टैटू था.
टैटू को देखने के बाद टीमें रवाना : पुलिस ने टैटू के आधार पर मध्यप्रदेश के सिंगरौली, बैढन, सरई, बरगवा, लामादीह, बांधा, उज्जैनी, देवरी और उत्तरप्रदेश के मिर्जापुर, बनारस, जौनपुर में कैम्प लगाया. इन जगहों पर भी पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले.आखिरकार पुलिस को टेक्नीकल इनपुट के आधार पर सफलता मिली.पुलिस ने इस केस में चोरी करने वाले आरोपियों को धर दबोचा. पुलिस ने आरोपियों के पास से 33 किलो चांदी के जेवर, गलाए गए चांदी की सिल्ली, 125 ग्राम सोने के जेवर, 4 लाख रूपए नगदी रकम बरामद की.साथ ही साथ चोरी के लिए उपयोग में लाई गई 1 होण्डा सीटी कार, 1 पल्सर मोटर सायकिल, 6 नग मोबाइल फोन कुल कीमत 52 लाख रुपए जब्त किए गए.
भेष बदलकर की रेकी : चोरी से जुड़े आरोपी गांव में रहते थे.इसलिए किसी बाहरी आदमी के जाने पर इनके भाग जाने का डर था.इसलिए पुलिस ने 7 दिन कैंप लगाकर लोकल पुलिस की मदद ली.लोकल पुलिस की मदद से बिलासपुर की पुलिस टीम कभी जनगणना अधिकारी,तो कभी सेल्समैन बनकर गांव में घुसती और घर-घर जाकर ये पता करती कि केस से जुड़े अपराधी हैं या नहीं.जब पुलिस ने पुष्टि कर ली कि सभी आरोपी गांव में हैं तो एक साथ दबिश देकर सभी को गिरफ्तार किया.
'' आरोपियों को गांव में घुसकर गिरफ्तार करना और चोरी का माल बरामद करना कठिन काम था.इसलिए लोकल पुलिस की मदद से हमारी टीम ने सात दिन कैंप डाला.जिन्होंने गांव में जाकर पता किया कि आरोपी गांव में है या कहीं और अपराध करने के लिए गए हैं.जब सभी के गांव में होने की पुष्टि हुई तो एक साथ दबिश देकर गिरफ्तार किया गया.इनसे जेवरों को खरीदने वाले व्यक्ति को भी गिरफ्तार करके करीब 33 किलो चांदी, सोने के जेवर समेत नकदी बरामद की गई है.''-संजीव शुक्ला पुलिस महानिरीक्षक
रेकी के बाद की थी चोरी : पुलिस की माने तो उन्हें लोकल इनपुट के आधार पर आरोपियों के ठिकाने का पता चला. जिसके बाद अपराधी लालमन उर्फ बड़का, रामधीन बसोर, सियाराम बसोर, लालजी उर्फ किनका बसोर को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई.इन आरोपियों ने पुलिस को बताया कि चोरी करने से पहले ये सभी बिलासपुर रेलवे स्टेशन में रुके थे.इसके बाद इनके साथियों ने दुकान की रेकी की.फिर चोरी की वारदात को अंजाम दिया.
सिंगरौली के रास्ते भागे थे चोर : घटना बाद चोरों ने अपने परिचित मनीश सोनी उर्फ सोनू और अमित सिंह को बुलाया जो अपने चार पहिया वाहन से बिलासपुर आए. इसके बाद सभी वाहन में बैठकर सिंगरौली चले गए. जहां चोरी से मिले सोने चांदी के जेवरात को पहले आपस में बांटा.इसके बाद बचे हुए जेवरात को मनीष सोनी और राजेन्द्र गुप्ता उर्फ गुड्डा बनिया को बेचकर रकम आपस में बांट लिया.
सुनार ने गला दी थी सिल्ली : मनीष सोनी से पूछताछ करने पर अमित सिंह के साथ कार में आने और चोरी के आभूषणों को खरीदने की बात उसने स्वीकार की. मनीष सोनी ने बताया कि आभूषणों को गलाकर चांदी की सिल्ली बना दिया है. पुलिस चांदी की सिल्लीयों और कार को जब्त कर चोरी की गई संपत्ति और बेचे गये आभूषणों सहित सभी आरोपियो को गिरफ्तार करके रिमांड पर लिया है.