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प्रगति मैदान में 6 से 9 जुलाई तक अंतर्राष्ट्रीय खिलौना मेले का आयोजन, 35 देशों के करीब 150 प्रतिभागी हो रहे शामिल - International Toy Fair 2024 - INTERNATIONAL TOY FAIR 2024

International Toy Fair 2024: दिल्ली के प्रगति मैदान में 6 से 9 जुलाई तक 15वां टॉय बिज इंटरनैशनल एक्सपो 2024 आयोजित किया जा रहा है. इसमें 35 देशों से करीब 150 से ज्यादा प्रतिभागी भाग ले रहे हैं. एक्सपो में आर्टिशंस, छोटे उद्यमी, डिजाइनर्स, टेस्टिंग लैब से जुड़े व्यवसायी हिस्सा ले रहे है. मेले में वाले सभी आगंतुकों के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है.

प्रगति मैदान में 6 से 9 जुलाई तक अंतरराष्ट्रीय खिलौना मेले का आयोजन
प्रगति मैदान में 6 से 9 जुलाई तक अंतरराष्ट्रीय खिलौना मेले का आयोजन (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 5, 2024, 1:39 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के प्रगति मैदान में 6 से 9 जुलाई तक 15वां टॉय बिज इंटरनैशनल (B2B) एक्सपो 2024 आयोजित होने वाला है. द टॉयज एसोसिएशन ऑफ इंडिया (TTAI) इसकी तैयारियों में जुट गया है. हॉल नंबर 3 से 5 ग्राउंड फ्लोर पर 400 से अधिक निर्माता अपने प्रोडक्ट्स को दिखाएंगे. एसोसिएशन के प्रेजिडेंट अजय अग्रवाल ने 'ETV भारत' को बताया कि एक्सपो में आर्टिशंस, छोटे उद्यमी, डिजाइनर्स, टेस्टिंग लैब से जुड़े व्यवसायी हिस्सा लेंगे. 35 देशों से करीब 150 से ज्यादा प्रतिभागियो ने रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया है. एग्जीबिशन की खास बात है कि भारतवर्ष के 15 राज्यों के खिलौना निर्माता बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.

इसमे भाग लेने वाले प्रतिभागी इस प्रदर्शनी में अपना हुनर दुनिया को दिखाएंगे. आधुनिक पैकेजिंग, इनोवेशन, डिजाइन और तकनीक से रूबरू करवाएंगे. समय के साथ ऑनलाइन बिजनेस भी तेजी से बढ़ रहा है. इसके लिए सेमिनार आयोजित होंगे. 8 जुलाई को टॉय ग्लोबल सीईओ मीट भी होगा. इसमें दुनिय़ाभर के टॉयज ब्रैंड के आला अधिकारी हिस्सा लेंगे. भारतीय उद्यमियों का काम बढ़ेगा. अजय ने बताया कि बिजनेस टू बिजनेस एग्जीबिशन में पिछली बार करीब 6 हजार खरीदार रहे, जो इस बार 8 हजार को पार कर सकते हैं. खिलौने से संबंधित व्यापारियों के लिए एग्जीबिशन में आने का कोई शुल्क नहीं है. दिल्ली और आसपास से करीब 1 हजार टॉयज मैन्युफैक्चरर्स एग्जीबिशन में हिस्सा लेंगे. इस मेले को सभी चेंबर और इंडस्ट्री का सहयोग मिल रहा है.

इलेक्ट्रॉनिक खिलौनों पर फोकस
अजय अग्रवाल ने बताया कि वैसे तो भारत में सभी तरह के खिलौने बन रहे हैं. मगर, अब इलेक्ट्रॉनिक खिलौनों पर फोकस बढ़ा है. बीआईएस आने से खिलौनों की क्वालिटी सुधरी है. एक्सपोर्ट की ओर बढ़े हैं. सरकार भी एग्जीबिशन लगाने में सब्सिडी दे रही है. इसी तरह वैश्विक स्तर पर कारोबार पहुंचाने में मददगार साबित हो रही है. डिप्लोमेट्स से अनुरोध करते हैं, तो दूसरे देशों में भी प्रोडक्ट दिखाने का अवसर मिल रहा है.

देशभर के खिलौने देखने का अवसर
15वें टॉय बिज से देसी खिलौना निर्माताओं में उत्साह है. लगातार 15 वर्षों से एसोसिएशन इंटरनेशनल लेवल पर एग्जीबिशन आयोजित करती रही है. ये साउथ एशिया का सबसे बड़ा मेला होने जा रहा है. पिछली बार के रेस्पॉन्स को देखते हुए इस बार दायरा बढ़ाया है. बड़ा स्पेस रखा है, ताकि एग्जीबिटर को पूरी जगह मिले. मेले में विदेशी ग्राहक भी आ रहे हैं. एक ही छत के नीचे देशभर के निर्माताओं का प्रोडक्ट देखने को मिलेगा. बहुत से निर्माताओं ने खिलौनों की लेबलिंग और ब्रैंडिंग भी कर ली है.

चीन की भागीदारी न के बराबर
टॉय एसोसिएशन के चेयरपर्सन और प्लैगरों टॉय के मैन्युफैक्चरर मनु गुप्ता ने बताया कि 15 वें टॉय बिज इंटरनैशनल (B2B) एक्सपो में केवल भारतीय खिलौना निर्माता ही भाग ले रहे हैं. इसमें 400 भारतीय खिलौना निर्माता प्रदर्शनी लगाएंगे. वहीं 2020 में जब एसोसिएशन ने इस मेले का आयोजन किया था तब प्रदर्शन में कई भारतीय खिलौना विक्रेताओं ने चीन से खिलौनों को भेजा था. लेकिन इस बार स्थिति बिल्कुल अलग है. माना की चीन ने खिलौनों के बाजार में अपनी अलग वैश्विक स्थित को बरक़रार रहा है. आज भी खिलौनों के बाजार में 70 फीसदी खिलौना चीन में ही निर्मित होता है. लेकिन वर्त्तमान में सरकार के कुछ अच्छी योजनाओं के कारण आज भारत अपना खिलौना बनाने में पूर्ण रूप से सक्ष्म है.

मनु ने बताया कि वर्तमान में MSME द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में 9500 खिलौनों निर्माताओं ने अपना पंजीकरण करवाया है. साथ ही खिलौना निर्माण में 9 भौगोलिक संकेत (GI ) क्लस्टर और 5 मॉडर्न टॉय क्लस्टर हैं. इसके अलावा 2017 में नेशनल प्रोडक्टिविटी कॉउन्सिल जारी रिपोर्ट के मुताबिक 25 लाख लोग खिलौनों से जुड़े निर्माण कर में कार्यरत हैं.

ये भी पढ़ें : प्रगति मैदान में यूपी का राम दरबार बना आकर्षण का केंद्र, सेल्फी लेने वालों की उमड़ी भीड़

अंतरराष्ट्रीय खिलौना मेला से जुड़ी जानकारियां
- अंतरराष्ट्रीय खिलौना मेला की शुरुआत टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा 2009 में की गयी थी .
- इस साल यह 15वीं बार आयोजित हो रहा है.
- यह मेला दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा खिलौना मेला है.
-अंतरराष्ट्रीय खिलौना मेला 6 जुलाई से लेकर 9 जुलाई 2024 तक आयोजित होगा.
-समय सुबह के 10 बजे से लेकर शाम के 7 बजे तक रहेगा.
-मेले में 500 से भी अधिक प्रतिभागियों के शामिल होने का अनुमान है
-टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुताबिक मेले में 35 देशों के खरीददार शामिल होंगे.
- मेले में पहुंचने वाले सभी के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है, यानी एंट्री फ्री है.
ये भी पढ़ें : बिहार पेवेलियन में 10 अलग-अलग फूलों वाली ऑर्गेनिक शहद के मुरीद हुए लोग

नई दिल्ली: दिल्ली के प्रगति मैदान में 6 से 9 जुलाई तक 15वां टॉय बिज इंटरनैशनल (B2B) एक्सपो 2024 आयोजित होने वाला है. द टॉयज एसोसिएशन ऑफ इंडिया (TTAI) इसकी तैयारियों में जुट गया है. हॉल नंबर 3 से 5 ग्राउंड फ्लोर पर 400 से अधिक निर्माता अपने प्रोडक्ट्स को दिखाएंगे. एसोसिएशन के प्रेजिडेंट अजय अग्रवाल ने 'ETV भारत' को बताया कि एक्सपो में आर्टिशंस, छोटे उद्यमी, डिजाइनर्स, टेस्टिंग लैब से जुड़े व्यवसायी हिस्सा लेंगे. 35 देशों से करीब 150 से ज्यादा प्रतिभागियो ने रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया है. एग्जीबिशन की खास बात है कि भारतवर्ष के 15 राज्यों के खिलौना निर्माता बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.

इसमे भाग लेने वाले प्रतिभागी इस प्रदर्शनी में अपना हुनर दुनिया को दिखाएंगे. आधुनिक पैकेजिंग, इनोवेशन, डिजाइन और तकनीक से रूबरू करवाएंगे. समय के साथ ऑनलाइन बिजनेस भी तेजी से बढ़ रहा है. इसके लिए सेमिनार आयोजित होंगे. 8 जुलाई को टॉय ग्लोबल सीईओ मीट भी होगा. इसमें दुनिय़ाभर के टॉयज ब्रैंड के आला अधिकारी हिस्सा लेंगे. भारतीय उद्यमियों का काम बढ़ेगा. अजय ने बताया कि बिजनेस टू बिजनेस एग्जीबिशन में पिछली बार करीब 6 हजार खरीदार रहे, जो इस बार 8 हजार को पार कर सकते हैं. खिलौने से संबंधित व्यापारियों के लिए एग्जीबिशन में आने का कोई शुल्क नहीं है. दिल्ली और आसपास से करीब 1 हजार टॉयज मैन्युफैक्चरर्स एग्जीबिशन में हिस्सा लेंगे. इस मेले को सभी चेंबर और इंडस्ट्री का सहयोग मिल रहा है.

इलेक्ट्रॉनिक खिलौनों पर फोकस
अजय अग्रवाल ने बताया कि वैसे तो भारत में सभी तरह के खिलौने बन रहे हैं. मगर, अब इलेक्ट्रॉनिक खिलौनों पर फोकस बढ़ा है. बीआईएस आने से खिलौनों की क्वालिटी सुधरी है. एक्सपोर्ट की ओर बढ़े हैं. सरकार भी एग्जीबिशन लगाने में सब्सिडी दे रही है. इसी तरह वैश्विक स्तर पर कारोबार पहुंचाने में मददगार साबित हो रही है. डिप्लोमेट्स से अनुरोध करते हैं, तो दूसरे देशों में भी प्रोडक्ट दिखाने का अवसर मिल रहा है.

देशभर के खिलौने देखने का अवसर
15वें टॉय बिज से देसी खिलौना निर्माताओं में उत्साह है. लगातार 15 वर्षों से एसोसिएशन इंटरनेशनल लेवल पर एग्जीबिशन आयोजित करती रही है. ये साउथ एशिया का सबसे बड़ा मेला होने जा रहा है. पिछली बार के रेस्पॉन्स को देखते हुए इस बार दायरा बढ़ाया है. बड़ा स्पेस रखा है, ताकि एग्जीबिटर को पूरी जगह मिले. मेले में विदेशी ग्राहक भी आ रहे हैं. एक ही छत के नीचे देशभर के निर्माताओं का प्रोडक्ट देखने को मिलेगा. बहुत से निर्माताओं ने खिलौनों की लेबलिंग और ब्रैंडिंग भी कर ली है.

चीन की भागीदारी न के बराबर
टॉय एसोसिएशन के चेयरपर्सन और प्लैगरों टॉय के मैन्युफैक्चरर मनु गुप्ता ने बताया कि 15 वें टॉय बिज इंटरनैशनल (B2B) एक्सपो में केवल भारतीय खिलौना निर्माता ही भाग ले रहे हैं. इसमें 400 भारतीय खिलौना निर्माता प्रदर्शनी लगाएंगे. वहीं 2020 में जब एसोसिएशन ने इस मेले का आयोजन किया था तब प्रदर्शन में कई भारतीय खिलौना विक्रेताओं ने चीन से खिलौनों को भेजा था. लेकिन इस बार स्थिति बिल्कुल अलग है. माना की चीन ने खिलौनों के बाजार में अपनी अलग वैश्विक स्थित को बरक़रार रहा है. आज भी खिलौनों के बाजार में 70 फीसदी खिलौना चीन में ही निर्मित होता है. लेकिन वर्त्तमान में सरकार के कुछ अच्छी योजनाओं के कारण आज भारत अपना खिलौना बनाने में पूर्ण रूप से सक्ष्म है.

मनु ने बताया कि वर्तमान में MSME द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में 9500 खिलौनों निर्माताओं ने अपना पंजीकरण करवाया है. साथ ही खिलौना निर्माण में 9 भौगोलिक संकेत (GI ) क्लस्टर और 5 मॉडर्न टॉय क्लस्टर हैं. इसके अलावा 2017 में नेशनल प्रोडक्टिविटी कॉउन्सिल जारी रिपोर्ट के मुताबिक 25 लाख लोग खिलौनों से जुड़े निर्माण कर में कार्यरत हैं.

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अंतरराष्ट्रीय खिलौना मेला से जुड़ी जानकारियां
- अंतरराष्ट्रीय खिलौना मेला की शुरुआत टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा 2009 में की गयी थी .
- इस साल यह 15वीं बार आयोजित हो रहा है.
- यह मेला दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा खिलौना मेला है.
-अंतरराष्ट्रीय खिलौना मेला 6 जुलाई से लेकर 9 जुलाई 2024 तक आयोजित होगा.
-समय सुबह के 10 बजे से लेकर शाम के 7 बजे तक रहेगा.
-मेले में 500 से भी अधिक प्रतिभागियों के शामिल होने का अनुमान है
-टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुताबिक मेले में 35 देशों के खरीददार शामिल होंगे.
- मेले में पहुंचने वाले सभी के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है, यानी एंट्री फ्री है.
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