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ब्रह्माकुमारी संस्थान के अंतराष्ट्रीय महासचिव बीके निरवैर का निधन, रविवार को होगा अंतिम संस्कार - BK Nirvair passed away

ब्रह्माकुमारी संस्थान के अंतराष्ट्रीय महासचिव बीके निरवैर का 86 वर्ष की आयु में गुरुवार रात अहमदाबाद के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया. रविवार को सुबह 10 बजे आबूरोड स्थित संस्थान के मुक्तिधाम पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

बीके निरवैर का निधन
बीके निरवैर का निधन (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 20, 2024, 7:38 AM IST

सिरोही. ब्रह्माकुमारी संस्थान के अंतराष्ट्रीय महासचिव बीके निरवैर का 86 वर्ष की आयु में गुरुवार रात 11.30 बजे अहमदाबाद के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया. बीके निरवैर के निधन से संस्थान के अनुयायियों में शोक की लहर फ़ैल गई है. संस्थान के पीआरओ बीके कोमल ने बताया की बीके निरवैर के पार्थिव देह को शुक्रवार को आबूरोड शान्तिवन स्थित अंतराष्ट्रीय मुख्यालय लाया जायेगा जंहा पूरे दिन दर्शन के लिए रखा जाएगा. रविवार को शव को माउंट आबू के पांडव भवन, ग्लोबल अस्पताल, ज्ञान सरोवर सहित संस्थान के स्थलों पर दर्शन के लिए रखा जाएगा.रविवार को सुबह 10 बजे आबूरोड स्थित संस्थान के मुक्तिधाम पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

बीके निरवैर को जीवनी की झलक : बीके निरवैर का जन्म 20 नवंबर 1938 को पंजाब में हुआ था. वे एक अच्छे सुसंस्कृत और धार्मिक हिंदू परिवार से थे. वे हाई स्कूल में रहते हुए स्वामी विवेकानंद और स्वामी रामतीर्थ की रचनाएं पढ़ते थे. इससे उनमें अच्छे संस्कार आए और आध्यात्मिक सत्य को जानने की इच्छा हुई. वे पंजाब में पले-बढ़े, उन्होंने अपना स्कूली जीवन सुचारू रूप से बिताया और भारत की आज़ादी के बाद उन्होंने कॉलेज की डिग्री पास की और फिर नौ साल तक भारतीय नौसेना में सेवा की, जहां उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त किया. वर्ष 1959 की बात है, जब निरवैर भाई अपने गृह राज्य पंजाब में थे तब उनके क्षेत्र में ब्रह्माकुमारी केंद्र खोला गया था. निरवैर भाई एक आध्यात्मिक साधक होने के नाते संस्थान की कक्षा में भाग लेने गए तब से वह संस्थान से जुड़े और संस्थान के इतने बड़े पद पर रहे.

पढ़ें: सतीश पूनिया ने जुबेर खां को सदैव कांग्रेस के विचारों के लिए प्रतिबद्ध रहने वाला नेता बताया - Satish puniya on Zuber khan

1982 में, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित निरस्त्रीकरण (SSOD) पर दूसरे विशेष सत्र में विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया, जहां उन्होंने आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव जेवियर पेरेज़ डी कुएलर और अन्य गणमान्य व्यक्तियों से मुलाकात की.

विभिन्न पुरस्कारों से नवाजे गए थे बीके निरवैर
विभिन्न पुरस्कारों से नवाजे गए थे बीके निरवैर (फाइल फोटो)

विभिन्न पुरस्कारों से नवाजा गया बीके निरवैर को : 1999 में इंटरनेशनल पेंगुइन पब्लिशिंग हाउस द्वारा ' राइजिंग पर्सनालिटीज ऑफ इंडिया अवार्ड ' से उन्हें नवाजा गया. साल 2001 में गुजरात के राज्यपाल द्वारा गुजरात गौरव पुरस्कार के तहत ' मोरारजी देसाई शांति शिक्षा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार वर्ष 2001 दिया गया. निरवैर एक पवित्र स्वभाव और दयालु हृदय से संपन्न शख्सियत थे. वह लोगों को सम्मान, शांति और कल्याण का जीवन जीने में मदद करने के उद्देश्य से समाज की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहते थे.

सिरोही. ब्रह्माकुमारी संस्थान के अंतराष्ट्रीय महासचिव बीके निरवैर का 86 वर्ष की आयु में गुरुवार रात 11.30 बजे अहमदाबाद के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया. बीके निरवैर के निधन से संस्थान के अनुयायियों में शोक की लहर फ़ैल गई है. संस्थान के पीआरओ बीके कोमल ने बताया की बीके निरवैर के पार्थिव देह को शुक्रवार को आबूरोड शान्तिवन स्थित अंतराष्ट्रीय मुख्यालय लाया जायेगा जंहा पूरे दिन दर्शन के लिए रखा जाएगा. रविवार को शव को माउंट आबू के पांडव भवन, ग्लोबल अस्पताल, ज्ञान सरोवर सहित संस्थान के स्थलों पर दर्शन के लिए रखा जाएगा.रविवार को सुबह 10 बजे आबूरोड स्थित संस्थान के मुक्तिधाम पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

बीके निरवैर को जीवनी की झलक : बीके निरवैर का जन्म 20 नवंबर 1938 को पंजाब में हुआ था. वे एक अच्छे सुसंस्कृत और धार्मिक हिंदू परिवार से थे. वे हाई स्कूल में रहते हुए स्वामी विवेकानंद और स्वामी रामतीर्थ की रचनाएं पढ़ते थे. इससे उनमें अच्छे संस्कार आए और आध्यात्मिक सत्य को जानने की इच्छा हुई. वे पंजाब में पले-बढ़े, उन्होंने अपना स्कूली जीवन सुचारू रूप से बिताया और भारत की आज़ादी के बाद उन्होंने कॉलेज की डिग्री पास की और फिर नौ साल तक भारतीय नौसेना में सेवा की, जहां उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त किया. वर्ष 1959 की बात है, जब निरवैर भाई अपने गृह राज्य पंजाब में थे तब उनके क्षेत्र में ब्रह्माकुमारी केंद्र खोला गया था. निरवैर भाई एक आध्यात्मिक साधक होने के नाते संस्थान की कक्षा में भाग लेने गए तब से वह संस्थान से जुड़े और संस्थान के इतने बड़े पद पर रहे.

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1982 में, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित निरस्त्रीकरण (SSOD) पर दूसरे विशेष सत्र में विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया, जहां उन्होंने आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव जेवियर पेरेज़ डी कुएलर और अन्य गणमान्य व्यक्तियों से मुलाकात की.

विभिन्न पुरस्कारों से नवाजे गए थे बीके निरवैर
विभिन्न पुरस्कारों से नवाजे गए थे बीके निरवैर (फाइल फोटो)

विभिन्न पुरस्कारों से नवाजा गया बीके निरवैर को : 1999 में इंटरनेशनल पेंगुइन पब्लिशिंग हाउस द्वारा ' राइजिंग पर्सनालिटीज ऑफ इंडिया अवार्ड ' से उन्हें नवाजा गया. साल 2001 में गुजरात के राज्यपाल द्वारा गुजरात गौरव पुरस्कार के तहत ' मोरारजी देसाई शांति शिक्षा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार वर्ष 2001 दिया गया. निरवैर एक पवित्र स्वभाव और दयालु हृदय से संपन्न शख्सियत थे. वह लोगों को सम्मान, शांति और कल्याण का जीवन जीने में मदद करने के उद्देश्य से समाज की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहते थे.

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