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दिव्यांगता से लड़ने सरकार देती है निशुल्क मदद, जानकारी के अभाव में लोगों को नहीं मिलता लाभ

आज अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस मनाया जा रहा है. कोरबा मेडिकल कॉलेज में दिव्यांगता का फ्री इलाज किया जा रहा है.

treatment for disability
कोरबा में दिव्यांगता का इलाज (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 18 hours ago

कोरबा: बीते एक दशक में दिव्यांगजनों की संख्या में वृद्धि हुई है. मेडिकल कॉलेज अस्पताल कोरबा में ही हर दिन 4 से 5 मरीज फिजियोथैरेपी डिपार्मेंट में पहुंचते हैं और दिव्यंगता के इलाज के लिए थेरेपी लेते हैं. खासतौर पर बच्चों में दिव्यांगता का प्रतिशत बढ़ा है, फिजियोथैरेपी विभाग की माने तो बीते कुछ समय से इनकी संख्या में लगातार इजाफा हुआ है.

दिव्यांगता का सरकार करती है फ्री इलाज: दिव्यांगता के मामलों में लोग निजी चिकित्सालय और महंगे इलाज के चक्कर में फंस जाते हैं और उन्हें नकारात्मक बातें कह दी जाती है. जिससे वह हतोत्साहित होते हैं और दिव्यांग को मदद नहीं मिल पाती. लेकिन इस दिशा में सरकार की ढेर सारी योजनाएं चल रही हैं. जिसके तहत उन्हें सहायक उपकरणों के अलावा नि:शुल्क इलाज की भी सुविधा है, मेडिकल कॉलेज अस्पताल से लेकर समाज कल्याण विभाग को इसकी जवाबदेही गई दी गई है. दिव्यांगता का प्रमाण पत्र बनवाने के बाद योजनाओं का लाभ लिया जा सकता है. कुछ एनजीओ के माध्यम से भी कई तरह की सुविधा मिलती हैं. जिन्हें भारत सरकार ने ही मान्यता दी है.

कोरबा मेडिकल कॉलेज में दिव्यांगता का इलाज (ETV Bharat Chhattisgarh)

फिजियोथेरेपी से दिव्यांगता का इलाज: एनजीओ सरकार और दिव्यांग के बीच पुल का कार्य करते हैं. कई बार एनजीओ की निष्क्रियता के कारण भी दिव्यांगों को परेशानी होती है. जानकारी के अभाव में उन्हें समय रहते ठीक इलाज नहीं मिल पाता. लेकिन अब तक जो पुरानी भ्रांतियां बनी हुई थी. वह अब टूट चुके हैं, फिजियोथेरेपी से कई तरह के दिव्यांगता का इलाज भी संभव हुआ है. विश्व दिव्यांग दिवस पर आज हम आपको इसी तरह की कुछ योजनाओं के बारे में बताएंगे.

International Day of Persons with Disabilities
दिव्यांगता का इलाज होता है मुफ्त (ETV Bharat Chhattisgarh)

जानकारी के अभाव में सही समय पर नहीं मिल पाया सही इलाज: अर्चना गुप्ता के 4 साल के बेटे को चलने में परेशानी होती है. वह इसके इलाज और थेरेपी के लिए वह नियमित तौर पर हफ्ते में दो से तीन दिन मेडिकल कॉलेज अस्पताल के फिजियोथैरेपी डिपार्मेंट में आती हैं. अर्चना कहती हैं कि अपने बच्चों के इलाज के लिए कई स्थानों पर संपर्क किया, बड़े अस्पतालों में भी गए. लेकिन ऐसा कह दिया गया कि ऐसे बच्चे ठीक नहीं हो सकते. तीन-चार साल से ज्यादा तक जीवित भी नहीं रह सकते. नकारात्मक बातें कहीं गई, लेकिन फिर उन्हें फिजियोथैरेपी डिपार्मेंट के बारे में पता चला.

कोरबा मेडिकल पहुंचे तब थेरेपी के विषय में बताया गया, जिसकी शुरुआत की गई. इससे कुछ लाभ जरूर हुआ है. यहां कई योजनाओं के बारे में बताया गया है. सहायक उपकरण से लेकर व्हीलचेयर और निशुल्क इलाज के बारे में भी जानकारी मिली है. अब हम इन योजना के लिए अप्लाई कर रहे हैं. ताकि बेहतर इलाज के साथ ही मदद मिल सके: अर्चना गुप्ता, दिव्यांग बच्चे की मां

नेशनल ट्रस्ट ऑफ इंडिया से निशुल्क इलाज: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पदस्थ फिजियोथैरेपिस्ट पवन पटेल बताते हैं कि बीते कुछ समय में अचानक से दिव्यांग बच्चों की संख्या में वृद्धि हुई है. आमतौर पर उनके अभिभावक जब हमारे पास आते हैं तब उन्हें पहले से ही कई तरह की नकारात्मक बातें बता दी गई होती हैं, कि बच्चा अब नहीं बचेगा, चल नहीं पाएगा, कोई सुधार नहीं होगा. लेकिन अब मेडिकल साइंस काफी तरक्की कर चुका है.

International Day of Persons with Disabilities
कोरबा मेडिकल कॉलेज में दिव्यांग बच्चों का हो रहा इलाज (ETV Bharat Chhattisgarh)

हमारे पास कई ऐसे उपकरण हैं जिससे हम दिव्यांग बच्चों का भविष्य संवार सकते हैं. कम से कम वह अपने दैनिक दिनचर्या के काम कर सकें, समाज और परिवार पर बोझ ना बने. इस लायक ही उन्हें बनाया जा सकता है: पवन पटेल, फिजियोथैरेपिस्ट, मेडिकल कॉलेज अस्पताल

हर बच्चे में होती है खूबी: डॉ पवन पटेल बताते हैं कि जब ईश्वर किसी बच्चे को दिव्यांग बनाता है तब उसमें कई तरह की खूबियां भी डालता है. उस खूबी को समझकर उन्हें आगे बढ़ाया जा सकता है. ताकि वह स्वरोजगार कर सकें. नेशनल ट्रस्ट ऑफ इंडिया की तरफ से ऐसे बच्चों को सहायता दी जाती है. इलाज में जो भी खर्च हुआ है, उसके दस्तावेज उपलब्ध कराने पर पूरी राशि अभिभावकों को वापस दी जाती है. समाज कल्याण विभाग और फिजियोथैरोपी डिपार्टमेंट की तरफ से कई सहायक उपकरण दिव्यांग को दिए जाते हैं. डॉक्टर पटेल ने ETV भारत के माध्यम से अपील की है कि जिन्हें भी इस तरह की परेशानी हो वो एक बार कोरबा मेडिकल कॉलेज के फिजियोथैरेपी डिपार्मेंट में आकर जरूर संपर्क करें.

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दिव्यांगता का सरकार करती है फ्री इलाज: दिव्यांगता के मामलों में लोग निजी चिकित्सालय और महंगे इलाज के चक्कर में फंस जाते हैं और उन्हें नकारात्मक बातें कह दी जाती है. जिससे वह हतोत्साहित होते हैं और दिव्यांग को मदद नहीं मिल पाती. लेकिन इस दिशा में सरकार की ढेर सारी योजनाएं चल रही हैं. जिसके तहत उन्हें सहायक उपकरणों के अलावा नि:शुल्क इलाज की भी सुविधा है, मेडिकल कॉलेज अस्पताल से लेकर समाज कल्याण विभाग को इसकी जवाबदेही गई दी गई है. दिव्यांगता का प्रमाण पत्र बनवाने के बाद योजनाओं का लाभ लिया जा सकता है. कुछ एनजीओ के माध्यम से भी कई तरह की सुविधा मिलती हैं. जिन्हें भारत सरकार ने ही मान्यता दी है.

कोरबा मेडिकल कॉलेज में दिव्यांगता का इलाज (ETV Bharat Chhattisgarh)

फिजियोथेरेपी से दिव्यांगता का इलाज: एनजीओ सरकार और दिव्यांग के बीच पुल का कार्य करते हैं. कई बार एनजीओ की निष्क्रियता के कारण भी दिव्यांगों को परेशानी होती है. जानकारी के अभाव में उन्हें समय रहते ठीक इलाज नहीं मिल पाता. लेकिन अब तक जो पुरानी भ्रांतियां बनी हुई थी. वह अब टूट चुके हैं, फिजियोथेरेपी से कई तरह के दिव्यांगता का इलाज भी संभव हुआ है. विश्व दिव्यांग दिवस पर आज हम आपको इसी तरह की कुछ योजनाओं के बारे में बताएंगे.

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दिव्यांगता का इलाज होता है मुफ्त (ETV Bharat Chhattisgarh)

जानकारी के अभाव में सही समय पर नहीं मिल पाया सही इलाज: अर्चना गुप्ता के 4 साल के बेटे को चलने में परेशानी होती है. वह इसके इलाज और थेरेपी के लिए वह नियमित तौर पर हफ्ते में दो से तीन दिन मेडिकल कॉलेज अस्पताल के फिजियोथैरेपी डिपार्मेंट में आती हैं. अर्चना कहती हैं कि अपने बच्चों के इलाज के लिए कई स्थानों पर संपर्क किया, बड़े अस्पतालों में भी गए. लेकिन ऐसा कह दिया गया कि ऐसे बच्चे ठीक नहीं हो सकते. तीन-चार साल से ज्यादा तक जीवित भी नहीं रह सकते. नकारात्मक बातें कहीं गई, लेकिन फिर उन्हें फिजियोथैरेपी डिपार्मेंट के बारे में पता चला.

कोरबा मेडिकल पहुंचे तब थेरेपी के विषय में बताया गया, जिसकी शुरुआत की गई. इससे कुछ लाभ जरूर हुआ है. यहां कई योजनाओं के बारे में बताया गया है. सहायक उपकरण से लेकर व्हीलचेयर और निशुल्क इलाज के बारे में भी जानकारी मिली है. अब हम इन योजना के लिए अप्लाई कर रहे हैं. ताकि बेहतर इलाज के साथ ही मदद मिल सके: अर्चना गुप्ता, दिव्यांग बच्चे की मां

नेशनल ट्रस्ट ऑफ इंडिया से निशुल्क इलाज: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पदस्थ फिजियोथैरेपिस्ट पवन पटेल बताते हैं कि बीते कुछ समय में अचानक से दिव्यांग बच्चों की संख्या में वृद्धि हुई है. आमतौर पर उनके अभिभावक जब हमारे पास आते हैं तब उन्हें पहले से ही कई तरह की नकारात्मक बातें बता दी गई होती हैं, कि बच्चा अब नहीं बचेगा, चल नहीं पाएगा, कोई सुधार नहीं होगा. लेकिन अब मेडिकल साइंस काफी तरक्की कर चुका है.

International Day of Persons with Disabilities
कोरबा मेडिकल कॉलेज में दिव्यांग बच्चों का हो रहा इलाज (ETV Bharat Chhattisgarh)

हमारे पास कई ऐसे उपकरण हैं जिससे हम दिव्यांग बच्चों का भविष्य संवार सकते हैं. कम से कम वह अपने दैनिक दिनचर्या के काम कर सकें, समाज और परिवार पर बोझ ना बने. इस लायक ही उन्हें बनाया जा सकता है: पवन पटेल, फिजियोथैरेपिस्ट, मेडिकल कॉलेज अस्पताल

हर बच्चे में होती है खूबी: डॉ पवन पटेल बताते हैं कि जब ईश्वर किसी बच्चे को दिव्यांग बनाता है तब उसमें कई तरह की खूबियां भी डालता है. उस खूबी को समझकर उन्हें आगे बढ़ाया जा सकता है. ताकि वह स्वरोजगार कर सकें. नेशनल ट्रस्ट ऑफ इंडिया की तरफ से ऐसे बच्चों को सहायता दी जाती है. इलाज में जो भी खर्च हुआ है, उसके दस्तावेज उपलब्ध कराने पर पूरी राशि अभिभावकों को वापस दी जाती है. समाज कल्याण विभाग और फिजियोथैरोपी डिपार्टमेंट की तरफ से कई सहायक उपकरण दिव्यांग को दिए जाते हैं. डॉक्टर पटेल ने ETV भारत के माध्यम से अपील की है कि जिन्हें भी इस तरह की परेशानी हो वो एक बार कोरबा मेडिकल कॉलेज के फिजियोथैरेपी डिपार्मेंट में आकर जरूर संपर्क करें.

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