जयपुर. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के शासनकाल के दौरान शुरू हुए प्रशासन शहरों के संग अभियान के लंबित काम को भाजपा सरकार पूरा करेगी. इस संबंध में नगरीय विकास व स्वायत्त शासन विभाग ने आदेश जारी किए हैं, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि जिन प्रकरणों में अभियान अवधि 31 मार्च तक मांग पत्र के अनुसार राशि जमा हो गई है, उन मामलों में अभियान की सभी छूट दी जाएगी. साथ ही कोई अतिरिक्त राशि की मांग नहीं की जाएगी. विभाग ने सभी लंबित प्रकरणों का परीक्षण कर 10 अगस्त तक उनका निस्तारण करने के निर्देश भी दिए गए हैं.
साल 2023 में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के साथ ही चुनाव आयोग ने अभियान के तहत दी जा रही छूट और शिथिलताओं पर रोक लगा दी थी. ऐसे में प्रदेश के 200 से ज्यादा नगरीय निकायों, यूआईटी, विकास प्राधिकरण और हाउसिंग बोर्ड में करीब 50 हजार से ज्यादा आवेदन अटक गए थे. इन आवेदकों को अब भाजपा सरकार ने राहत दी है. नगरीय निकायों ने सरकार को पत्र लिखकर इन छूट को जारी रखने के संबंध मार्गदर्शन मांगा था, ताकि लंबित आवेदनों का निस्तारण किया जा सके.
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इस पर राजस्थान की भजन लाल सरकार ने प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत मिल रही छूट और शिथिलताएं बरकरार रखने का फैसला किया है. हालांकि, सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि जिन प्रकरणों में अभियान अवधि 31 मार्च तक मांग पत्र के अनुसार राशि जमा हो गई है केवल उन्हीं मामलों में अभियान के सभी छूट दिए जाएंगे. वहीं, ऐसे मामलों में यात्रा राशि की मांग नहीं की जाएगी. दूसरी तरफ ऐसे प्रकरण जिनमें राशि जमा नहीं हुई, उनमें मौजूदा कानून नियम अप नियम आदेश और परिपत्रों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में ये भी स्पष्ट है कि सरकार के इस फैसले का फायदा ज्यादा लोग नहीं ले सकेंगे.
आपको बता दें कि प्रदेश की पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल में प्रशासन शहरों के संग अभियान में 10 लाख लोगों को पट्टे देने का लक्ष्य रखा गया था. पिछले साल विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के साथ ही चुनाव आयोग ने अभियान के तहत दी जा रही छूट और शिथिलताओं पर रोक लगा दी थी. इसके चलते निकायों, यूआईटी, विकास प्राधिकरण और हाउसिंग बोर्ड में करीब पचास हजार आवेदन अटक गए थे. अब उन आवेदनों का निपटारा 10 अगस्त तक करने के निर्देश जारी किए गए हैं.