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धाकड़ है बिहार की राधा कुमारी, दिव्यांग बेटी बन गई बिहार की पहली फूड डिलीवरी गर्ल - BIHAR FIRST FOOD DELIVERY GIRL

पटना की दिव्यांग राधा कुमारी बिहार की पहली फूड डिलीवरी गर्ल हैं. फूड डिलीवरी पार्टनर्स की लिस्ट में टॉप पर उनका नाम है.

Bihar first food delivery girl
बिहार की पहली फूड डिलीवरी गर्ल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 2, 2025, 4:28 PM IST

Updated : Jan 2, 2025, 4:41 PM IST

पटना: 'घर की माली हालत ठीक नहीं थी. पिता की मौत के बाद पूरे घर की जिम्मेदारी मेरे ऊपर आ गई थी. कई बार नौकरी के लिए इंटरव्यू दिया, लेकिन मेरी विकलांगता आड़े आ गई. मैंने हार नहीं मानी और आज अपने परिवार का भरण-पोषण करने के साथ ही दूसरों की मदद भी करती हूं.' ये कहना है दोनों पैरों से दिव्यांग राधा कुमारी का, जो आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है.

बिहार की पहली फूड डिलीवरी गर्ल: राजधानी पटना की रहने वाली राधा कुमारी बेखौफ होकर रात 12 बजे तक डिलीवरी का काम करती हैं. उन्होंने साबित कर दिखाया है कि दिव्यांग होना अभिशाप नहीं है. दानापुर तकिया की रहने वाली राधा कुमारी बिहार की पहली दिव्यांग डिलीवरी गर्ल हैं और ग्रेजुएट है.

बिहार की पहली फूड डिलीवरी गर्ल (ETV Bharat)

दोनों पैरों से दिव्यांग हैं राधा: डिलीवरी का काम कर राधा अपने परिवार का भरण पोषण करती है. राधा कुमारी हर रोज 10 से 12 घंटे काम करती हैं और कभी-कभी तो डिलीवरी का काम करने में राधा कुमारी को 12:00 बज जाते हैं . राधा कुमारी 8 से 10 डिलीवरी हर रोज कर लेती हैं. राधा ने बताया कि कई बार नमक रोटी खाकर भी घंटों काम करने की नौबत भी आ चुकी है.

Bihar first food delivery girl
बिहार की पहली फ़ूड डिलीवरी गर्ल (ETV Bharat)

खेल से राधा का विशेष जुड़ाव: राधा कुमारी ने अभाव में भी अपनी प्रतिभा को निखारने का काम किया है. स्पोर्टस के क्षेत्र में भी राधा ने मुकाम हासिल किया है. दिव्यांग रग्बी और बैडमिंटन खेल से राधा कुमारी का जुड़ाव रहा है. रग्बी में राधा कुमारी ने कांस्य पदक हासिल किया है. वहीं राधा कुमारी को स्पोर्ट्स ट्राई साइकिल की जरूरत है. ट्राई साइकिल के जरिए राधा अपने खेल को निखारना चाहती है.

Bihar first food delivery girl
दोनों पैरों से दिव्यांग हैं राधा (ETV Bharat)

डिलीवरी के क्षेत्र में मिला मुकाम: ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राधा कुमारी ने कहा कि हमने परिस्थितियों से हार नहीं मानी और संघर्ष का रास्ता चुना. कोरोना की पहली लहर में ही पिता राम खेलावन सहनी का निधन हो गया. उसके बाद मेरे सामने चौतरफा संकट था, लेकिन मैंने अपने कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी ली और आगे बढ़ते चली गई. डिलीवरी के क्षेत्र में मैंने कदम बढ़ाया और कंपनी का भी सहयोग मिला.

Bihar first food delivery girl
रात 12 बजे तक डिलीवरी करती हैं दिव्यांग राधा (ETV Bharat)

"कंपनी ने मेरी उपलब्धि के लिए मुझे सम्मानित भी किया. बैडमिंटन और रग्बी खेल में मेरी दिलचस्पी है. अगर एक स्पोर्ट्स ट्राई साइकिल मुझे मिल जाए तो मैं और बेहतर कर सकती हूं. मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है. लोगों का सहयोग भी मिलता है. सरकार से थोड़ी उम्मीद कि पेंशन की राशि बढ़ा दी जाए. दिव्यांगों को रोजगार मिले तो वह भी बेहतर जीवन जी सकते हैं."- राधा कुमारी,बिहार की पहली फ़ूड डिलीवरी वूमेन

Bihar first food delivery girl
रग्बी में राधा कुमारी को कांस्य पदक (ETV Bharat)

राजधानी की टॉप फ़ूड डिलीवरी पार्टनर: जन्म से ही राधा दोनों पैरों (पोलियो से ग्रसित) से चलने में असमर्थ हैं. जब उन्होंने पहली बार फ़ूड डिलीवरी की तो उन्हें सलाम किया गया और उनके काम की सराहना की गई. राधा की गिनती राजधानी के टॉप फूड डिलीवरी पार्टनर्स में होती है. लिस्ट में उनका नाम सबसे ऊपर आता है.

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बिहार की पहली फूड डिलीवरी गर्ल: राजधानी पटना की रहने वाली राधा कुमारी बेखौफ होकर रात 12 बजे तक डिलीवरी का काम करती हैं. उन्होंने साबित कर दिखाया है कि दिव्यांग होना अभिशाप नहीं है. दानापुर तकिया की रहने वाली राधा कुमारी बिहार की पहली दिव्यांग डिलीवरी गर्ल हैं और ग्रेजुएट है.

बिहार की पहली फूड डिलीवरी गर्ल (ETV Bharat)

दोनों पैरों से दिव्यांग हैं राधा: डिलीवरी का काम कर राधा अपने परिवार का भरण पोषण करती है. राधा कुमारी हर रोज 10 से 12 घंटे काम करती हैं और कभी-कभी तो डिलीवरी का काम करने में राधा कुमारी को 12:00 बज जाते हैं . राधा कुमारी 8 से 10 डिलीवरी हर रोज कर लेती हैं. राधा ने बताया कि कई बार नमक रोटी खाकर भी घंटों काम करने की नौबत भी आ चुकी है.

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बिहार की पहली फ़ूड डिलीवरी गर्ल (ETV Bharat)

खेल से राधा का विशेष जुड़ाव: राधा कुमारी ने अभाव में भी अपनी प्रतिभा को निखारने का काम किया है. स्पोर्टस के क्षेत्र में भी राधा ने मुकाम हासिल किया है. दिव्यांग रग्बी और बैडमिंटन खेल से राधा कुमारी का जुड़ाव रहा है. रग्बी में राधा कुमारी ने कांस्य पदक हासिल किया है. वहीं राधा कुमारी को स्पोर्ट्स ट्राई साइकिल की जरूरत है. ट्राई साइकिल के जरिए राधा अपने खेल को निखारना चाहती है.

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दोनों पैरों से दिव्यांग हैं राधा (ETV Bharat)

डिलीवरी के क्षेत्र में मिला मुकाम: ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राधा कुमारी ने कहा कि हमने परिस्थितियों से हार नहीं मानी और संघर्ष का रास्ता चुना. कोरोना की पहली लहर में ही पिता राम खेलावन सहनी का निधन हो गया. उसके बाद मेरे सामने चौतरफा संकट था, लेकिन मैंने अपने कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी ली और आगे बढ़ते चली गई. डिलीवरी के क्षेत्र में मैंने कदम बढ़ाया और कंपनी का भी सहयोग मिला.

Bihar first food delivery girl
रात 12 बजे तक डिलीवरी करती हैं दिव्यांग राधा (ETV Bharat)

"कंपनी ने मेरी उपलब्धि के लिए मुझे सम्मानित भी किया. बैडमिंटन और रग्बी खेल में मेरी दिलचस्पी है. अगर एक स्पोर्ट्स ट्राई साइकिल मुझे मिल जाए तो मैं और बेहतर कर सकती हूं. मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है. लोगों का सहयोग भी मिलता है. सरकार से थोड़ी उम्मीद कि पेंशन की राशि बढ़ा दी जाए. दिव्यांगों को रोजगार मिले तो वह भी बेहतर जीवन जी सकते हैं."- राधा कुमारी,बिहार की पहली फ़ूड डिलीवरी वूमेन

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रग्बी में राधा कुमारी को कांस्य पदक (ETV Bharat)

राजधानी की टॉप फ़ूड डिलीवरी पार्टनर: जन्म से ही राधा दोनों पैरों (पोलियो से ग्रसित) से चलने में असमर्थ हैं. जब उन्होंने पहली बार फ़ूड डिलीवरी की तो उन्हें सलाम किया गया और उनके काम की सराहना की गई. राधा की गिनती राजधानी के टॉप फूड डिलीवरी पार्टनर्स में होती है. लिस्ट में उनका नाम सबसे ऊपर आता है.

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Last Updated : Jan 2, 2025, 4:41 PM IST
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