आगरा: ताजनगरी में रकाबगंज थाने के पुलिसकर्मियों की सूचना पर ही प्रेमी इंस्पेक्टर के साथ थाना प्रभारी शैली राणा सरकारी आवास में पकड़ी गई थीं. प्रेमी इंस्पेक्टर की पत्नी और परिजन ने थाना प्रभारी के साथ मारपीट और खींचतान की थी. थाना प्रभारी शैली राणा और प्रेमी इंस्पेक्टर पवन नागर के साथ हुई मारपीट के मामले में रकाबगंज थाना के 11 पुलिस कर्मी फंस गए हैं.
एसीपी सदर ने अपनी जांच के बाद उन्हें दोषी पाया है. एसीपी सदर सुकन्या शर्मा ने बुधवार को अपनी जांच रिपोर्ट डीसीपी को सौंप दी है. इस जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मेरठ से आए इंस्पेक्टर पवन कुमार के आगरा आने और थाना प्रभारी शैली राणा के आवास पर रुकने की उनकी पत्नी गीता नागर को रकाबगंज थाने से दी गई थी. इतना ही नहीं, गीता नागर और परिजन को थाने के पुलिसकर्मियों ने थाना प्रभारी शैली राणा का सरकारी आवास दिखाया था.
बता दें कि, आगरा पुलिस कमिश्नरेट के रकाबगंज थाने की प्रभारी शैली राणा अपने सरकारी आवास में प्रेमी इंस्पेक्टर के साथ पकड़ी गई थीं. प्रेमी इंस्पेक्टर की पत्नी बेटे और भाइयों के साथ आगरा आई थी. पत्नी और परिजन ने महिला थानाध्यक्ष के सरकारी आवास में घुसकर दोनों को पीटते हुए बाहर निकाला था. इस घटना से थाने में हंगामा मच गया था.
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो थाना प्रभारी निरीक्षक शैली राणा को निलंबित कर दिया गया. इस मामले में रकाबगंज थाने के दो मुंशी भी निलंबित किए गए और छह पुलिसकर्मी लाइन हाजिर किए गए. इस मामले की जांच एसीपी सदर सुकन्या शर्मा को दी गई थी.
मेडिकल छुट्टी लेकर आगरा आया था इंस्पेक्टर: आगरा के रकाबगंज थाना प्रभारी निरीक्षक शैली राणा के सरकारी आवास में मिला इंस्पेक्टर पवन कुमार एक महीने के मेडिकल अवकाश पर था. उसका मुजफ्फरनगर से विजिलेंस में तबादला हुआ था. इसलिए, इंस्पेक्टर पवन नागर ने मेडिकल अवकाश लिया और अपना तबादला रुकवाने में जुट गया था.
इंस्पेक्टर पवन नागर इलाहाबाद जाने की कहकर मेरठ से निकला था. आगरा आकर उसने अपना मोबाइल बंद कर लिया था. जिस पर पत्नी गीता नागर, साला ज्वाला सिंह, सलहज सोनिका, भतीजा दिग्विजय मेरठ से आए थे. सभी ने इंस्पेक्टर पवन नागर को इंस्पेक्टर शैली राणा के सरकारी आवास पर पकड़ा था. जिस पर खूब बवाल हुआ था. दोनों इंस्पेक्टरों के साथ मारपीट हुई थी.
एक साल से पत्नी को था शक: इंस्पेक्टर शैली राणा और पवन नागर की मारपीट के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए. मारपीट के दौरान पुलिस कर्मी मूकदर्शक बने रहे थे. थाना प्रभारी निरीक्षक शैली राणा की शिकायत पर पुलिस ने मारपीट के मामले में मुकदमा दर्ज किया और गीता, ज्वाला सिंह व सोनिका को जेल भेजा था. इसमें अन्य आरोपी फरार हैं. पुलिस की पूछताछ में गीता नगर ने बताया था कि, उसे एक साल से पति की हरकतों पर शक था. पति का फोन बंद होने से वह परेशान थी. तभी आगरा पुलिस से उसके पास कॉल गया और कहा कि , पति इंस्पेक्टर पवन नागर यहां पर शैली राणा के आवास में रह रहे हैं.
मुकदमे में बढ़ सकती हैं धाराएं: रकाबगंज थाना पुलिस ने हाई प्रोफाइल केस में घायल इंस्पेक्टर शैली राणा का मेडिकल कराया. उसके कोर्ट में बयान कराए. विवेचक ने इंस्पेक्टर के बयानों का अवलोकन किया. जिससे मुकदमे में कुछ और धाराएं बढ़ सकती हैं.
तीन और पुलिसकर्मी पर कार्रवाई तय: एसीपी सदर सुकन्या शर्मा ने अपनी जांच रिपोर्ट डीसीपी सिटी सूरज राय को सौंप दी है. जिसमें तीन और पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होना तय है. एसीपी ने अपनी जांच रिपोर्ट में तीनों पुलिसकर्मियों के नाम खोले हैं. तीनों पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध है. तीनों पुलिसकर्मी थाने पर मौजूद थे. मगर, घटना के समय मूकदर्शक बने रहे. इसलिए, तीनों पुलिसकर्मियों को आरोपित माना गया है.
थाना पुलिस ने रची थी पूरी साजिश: एसीपी सदर सुकन्या शर्मा ने अपनी जांच के दौरान पाया कि घटना के लिए थाना पुलिस ने भी साजिश रची थी. रकाबगंज थाना के पुलिसकर्मियों ने ही इंस्पेक्टर पवन कुमार की पत्नी गीता नागर को सूचना दी थी. जिस पर ही गीता नागर, अपने बेटे और परिजन के साथ मेरठ से आगरा आई थी. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने ही गीता नागर को थाना प्रभारी निरीक्षक शैली राणा का सरकारी आवास दिखाया था. पुलिस ने ही मारपीट का वीडियो वायरल कराने के लिए वीडियो बनाने के इंतजाम किए गए थे.
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