आगरा: कमिश्नरेट पुलिस पर एक बार फिर वसूली के आरोप लगे हैं. इस बार शाहगंज थाने के दरोगा समेत 4 पुलिसकर्मियों ने रेस्टोरेंट में युवक संग खाना खाने पहुंची किशोरी को पकड़ लिया. पुलिसकर्मी दोनों को पुलिस चौकी ले गए. जहां पर करीब दो घंटे तक अवैध हिरासत में रखा. किशोरी को रेस्टोरेंट लाने पर युवक को जेल भेजने की धमकी दी. डरा धमका कर युवक से 11 हजार रुपये वसूल लिए. वसूली का मामला आगरा पुलिस कमिश्नर और डीसीपी सिटी तक पहुंचा तो महकमे में खलबली मच गई. डीसीपी सिटी सूरज राय ने प्रशिक्षु आईपीएस को जांच दी. प्रारंभिक जांच में पुलिस पर लगे वसूली और अवैध हिरासत में लेने के आरोप सही पाए गए. जिस पर डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने सोमवार देर रात चौकी पर तैनात एक दारोगा, मुख्य आरक्षी और दो सिपाही निलंबित कर दिए. बाद में इन चारों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया.
जेल भेजने का दिखाया डर: बता दें कि मामला शाहगंज थाना का सोमवार दोपहर दो बजे का है. सराय ख्वाजा चौकी पर तैनात दारोगा जितेंद्र सिंह, मुख्य आरक्षी जावेद और आरक्षी आकाश व किशोर सोमवार दोपहर जैक एंड जिल रेस्टोरेंट पहुंचे. जहां खाना खाने पहुंचे नगला मोहन के तुफैल और किशोरी को पकड़ लिया. पुलिस ने तुफैल और किशोरी से कहा कि अपने माता-पिता को फोन करके बुलाएं. इससे युवक और किशोरी डर गए. जिसके बाद पुलिस दोनों को सराय ख्वाजा चौकी पर ले आई. पुलिसकर्मियों ने तुफैल को धमकाया. कहा कि नाबालिग के साथ खाना खाने क्यों आया था. अब जेल जाएगा. जेल भेजने की धमकी से तुफैल डर गया. ये देखकर पुलिसकर्मियों ने धमकी देकर उससे बड़ी रकम की डिमांड की. उसे दो घंटे तक पुलिस चौकी पर अवैध हिरासत में रखा और धमकाकर पुलिसकर्मियों ने 11 हजार रुपये वसूल कर छोड़ दिया.
अफसरों को वसूली की शिकायत: डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय के पास सोमवार शाम पुलिस चौकी पर युवक को अवैध हिरासत में रखने और वसूली का मामला पहुंचा. एक व्हाट्सएप नंबर पर मैसेज करके पुलिसकर्मियों की वसूली की पूरी घटना की जानकारी दी. जिस पर डीसीपी सिटी सूरज राय ने मामले की जांच प्रशिक्षु आइपीएस आलोक राज नारायण को सौंपी. प्रशिक्षु आईपीएस आलोक राज नारायण की प्रारंभिक जांच में घटना की पुष्टि हुई.
सभी पुलिसकर्मी सस्पेंड: डीसीपी सिटी सूरज राय के पास शिकायत पहुंचने पर आरोपी पुलिसकर्मी हरकत में आ गए. खुद को फंसता देख पुलिसकर्मियों ने युवक और उसके पिता को पेट्रोल पंप के पास 11 हजार रुपये वापस कर दिए. उन्हें धमकाया कि किसी को भी कुछ नहीं बताएं. अगर, किसी से कुछ कहेंगे तो ठीक नहीं होगा. इसके बाद सिपाही चले गए. जांच अधिकारी की रिपोर्ट पर डीसीपी सूरज कुमार राय ने दारोगा जितेंद्र कुमार, मुख्य आरक्षी जावेद, आरक्षी आकाश और किशोर को निलंबित कर दिया. डीसीपी सूरज राय ने बताया कि प्रकरण की विस्तृत जांच एसीपी सदर विनायक भोसले को दी गई है. चारों पर शाहगंज थाने में मुकदमा भी दर्ज किया गया है. पीड़ित की तहरीर पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा.
आगरा कमिश्नरेट पुलिस पर दाग पहली बार नहीं लगा है. पहले करोड़ों की जमीन पर कब्जा बोदला जमीन कांड में पुलिस फंस चुकी है. जिसमें तत्कालीन एसओ जितेंद्र कुमार को जेल भेजा गया था. बिल्डर सहित अन्य पर मुकदमा दर्ज हुआ था. इसके साथ ही शाहगंज पुलिस पर टप्पेबाजों को छोड़ने के आरोप लगे थे. इसके बाद सिपाही पर जुआ लूटने का आरोप लगा था. अब ये तीसरा मामला सामने आया है.