गौरेला पेण्ड्रा मरवाही: जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से संचालित आंगनबाड़ी केंद्र में रखे गए राशन में कीड़ा मिला है. राशन में कीड़े लगे होने की बात सामने आते ही हड़कंप मच गया. घटना जानकारी मिलने पर जिला महिला एंव बाल विकास अधिकारी ने कहा कि ये लापरवाही बड़ी है. सभी केंद्रों में खाने पीने की चीजों की जांच कराई जाएगी.
आंगनबाड़ी के राशन में मिला कीड़ा: दरअसल, क्षेत्र में भूख और कुपोषण से लड़ने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधीन में एकीकृत बाल विकास सेवा कार्यक्रम शुरू किया गया था. गौरेला विकासखंड के दूरस्थ वनांचल में स्थित आंगनबाड़ी कार्यक्रमों में व्यवस्था बुरी तरह बिगड़ी हुई है. आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की उपस्थिति न के बराबर है. वैसे तो सुबह बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र लाने के बाद सुपोषण युक्त स्वादिष्ट भोजन के साथ अन्य आहारों की भी व्यवस्था शासन की ओर से की गई है. हालांकि आंगनबाड़ी केन्द्रों में मौजूद दाल पूरी तरह खराब हो गया है. उसमें घुन यानी कि कीड़े लग गए हैं. जबकि इसे खुले बाजार से खरीद कर लाया जाता है. ऐसे में साफ है कि या तो घटिया दर्जे की दाल खरीदी गई है या फिर दाल काफी पुरानी है.
आंगनबाड़ी में मिले एक्सपायरी दवा: यही हाल राशन में मिले चावल का भी है. चावल में भी पूरी तरह घुन लगा हुआ है. अब इसी घुन लगे चावल-दाल को छोटे बच्चों को भोजन के रूप में खिलाया जाएगा. अब बात स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिए गए मल्टीविटामिन दवाओं की करें तो नए सत्र में आंगनबाड़ी खुलने के बाद मतलब एक महीने पहले, जो मल्टी विटामिन की दवाइयां सप्लाई की गई है, वे सभी दवाइयां एक्सपायरी डेट के नजदीक है. मतलब कुछ दवाइयों की एक्सपायरी हो चुकी है, तो कोई जुलाई में खराब हो रही है. तो कोई अगस्त में. जाहिर है कि इस तरह की दवा का या तो अब उपयोग नहीं हो सकता. अगर गलती से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने यह दवाइयां बच्चों को खिला दी तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.इस पूरे मामले में आंगनबाड़ी सहायिका ने कहा कि देखकर, चुनकर ही हम खाना बना कर बच्चों को परोसते हैं.
शिशु संरक्षण सप्ताह चल रहा है, इसलिए आंगनबाड़ी केंद्रों में दवाइयां की सप्लाई स्वास्थ्य विभाग ने अपने स्तर पर की है. उसके लिए विभाग ने कोई फंड जारी नहीं किया है. यदि दवाइयां एक्सपायरी डेट के करीब की दी गई है तो इसका परीक्षण कर उन दवाइयों को तुरंत अलग किया जाएगा. वहीं, कीड़े लगे हुए दाल-चावल बच्चों को लेकर सुपरवाइजर के माध्यम से लगातार निगरानी रखी जा रही है. और भी शिकायतें मिली है, इसलिए सभी केन्द्रों में फिर से जांच कराई जाएगी. पोषण युक्त अच्छा भोजन ही बच्चों को मिलना चाहिए. -अतुल सिंह परिहार, अधिकारी, जिला महिला एवं बाल विकास
बता दें कि आंगनबाड़ी केंद्र भारतीय गांव में बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल के साथ, 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को पूरक पोषण आहार प्रदान करने का काम करता है. ऐसे में यदि कीड़े युक्त भोजन बच्चों को खिलाया जाएगा तो फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है.