मुंगेली : जिले के स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को दोबारा पढ़ाई से जोड़ने के लिए मंगलवार को जिला कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभाकक्ष में कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान कलेक्टर राहुल देव ने जिले के तीनों विकासखंड के 71 स्कूल छोड़ने वाले शाला त्यागी बच्चों को शैक्षणिक सामग्री वितरित की. इसके साथ ही कलेक्टर ने उन्हें नियमित रूप से स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित किया.
कलेक्टर ने बच्चों को पढ़ने के लिए किया प्रेरित : मुंगेली कलेक्टर राहुल देव ने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि यदि जीवन में सम्मान पाना चाहते हैं, तो नियमित रूप से स्कूल में शिक्षा प्राप्त करना जरूरी है. आप व्यवसाय भी करना चाहते हो तो उसके लिए भी पढ़ाई करना पड़ेगा. कलेक्टर ने बच्चों से चर्चा कर स्कूल नहीं आने का कारण पूछा. इस दौरान बच्चों ने अपनी अपनी समस्याएं भी बताई.
शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है और हमारी यह पहल बच्चों को पढ़ाई के प्रति प्रेरित करने और उनकी शिक्षा यात्रा को सुगम बनाने के लिए की गई है. किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण है : राहुल देव, कलेक्टर, मुंगेली
कलेक्टर के बीआरओ को निर्देश : कलेक्टर ने तीनों बीआरसी को शाला त्यागी बच्चों के घर जाकर उन्हें शिक्षा के लिए प्रोत्साहित के निर्देश दिए. साथ ही प्रधान पाठकों के जरिए स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा है. इस दौरान कलेक्टर ने शैक्षणिक सामग्री जैसे बैग, कापी, स्केज पेन, ड्राइंग कापी, कम्पास बॉक्स, इरेजर, शार्पनर, पेंसिल, पेन, पानी बॉटल के साथ चॉकलेट आदि बच्चों को वितरित किए.
हमारा उद्देश्य बच्चों को बेहतर शैक्षणिक सुविधाएं उपलब्ध कराना है. बच्चों के लिए स्कूलों में विशेष गतिविधि आयोजित करने के लिए कहा है. इन संसाधनों से वे अपनी पढ़ाई में और अधिक रुचि लेंगे : प्रभाकर पाण्डेय, सीईओ, जिला पंचायत मुंगेली
मुख्यमंत्री की पहले के तहत प्रयास जारी : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशा पर प्रदेश के सभी जिलों में शाला त्यागी बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में शाला त्यागी बच्चों की स्कूल में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए यह पहल की जा रही है. इस अवसर पर समग्र शिक्षा के सहायक परियोजना अधिकारी अजयनाथ और आकाश परिहार सहित संबंधित अधिकारी, तीनों विकासखंड के बीआरसी, हुमाना संस्था से प्रमोद दिवाकर, स्कूल के प्रधान पाठक और बच्चे मौजूद रहे.