रांची: क्रिप्टोकरंसी के नाम पर झारखंड के दर्जनों लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाले साइबर अपराधी अमित जायसवाल को सीआईडी के साइबर क्राइम ब्रांच ने दिल्ली से धर दबोचा है. क्रिप्टोकरंसी के नाम पर अमित जायसवाल ने केवल झारखंड से ही पांच करोड़ से ज्यादा की ठगी की है. सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि गिरफ्तार अमित जायसवाल बेहद शातिर है.
पटना के रहने वाला अमित पढ़ाई लिखाई में भी काफी तेज रहा है. इसी क्रम में वह एक बेहतरीन इन्फ्लुएंसर बन गया. एक तरह से कहा जाए तो वह लोगों को सम्मोहित कर ठगी कर लेता था. सीआईडी डीजी के अनुसार दिल्ली में रहने के दौरान ही अमित का क्रिप्टो करेंसी के जरिये ठगी करने वाले गिरोह से संपर्क हो गया, जिसके बाद एक बेबसाइट बना कर क्रिप्टोकरंसी में निवेश के नाम पर लोगों से ठगी करने लगा.
साइबर थाना में दर्ज हुआ था मामला
साल 2023 में अमित जायसवाल के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत सीआईडी के साइबर क्राइम ब्रांच में ठगी का मामला दर्ज किया गया था. मामले को लेकर वादी ने बताया था कि शुरुआत में गोल्ड बॉन्ड के माध्यम से कांड के एक अन्य आरोपी शशि शंकर और विक्की के द्वारा निवेश करने पर काफी अच्छा पैसा दिया गया था. इस वजह से वादी शशि शंकर और अमित जायसवाल पर भरोसा करने लगे. भरोसा जीतने के बाद अमित जायसवाल और शशि शंकर ने वादी को अपने झांसे में लेकर क्रिप्टोकरंसी में निवेश करने को कहा.
साइबर अपराधियों के झांसे में आकर वादी ने अमित जायसवाल के द्वारा बनाए गए फर्जी वेबसाइट के जरिए निवेश करना शुरू कर दिया. अपने फर्जी काम को वास्तविक दिखाने के लिए अमित जायसवाल और शंकर ने झारखंड के बड़े शहरों में कई कार्यक्रम भी किए. जैसे ही निवेश की रकम करोड़ों रुपए तक पहुंची उसके बाद से ही अमित जायसवाल और शंकर दोनों गायब हो गए और वेबसाइट भी बंद कर दी गई जिसके बाद लोगों को यह समझ आया कि उनके साथ बड़ी ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया है.
सीआईडी शंकर को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है
सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि कांड में एक आरोपी शंकर की पूर्व में ही गिरफ्तारी हो चुकी है. लेकिन क्रिप्टोकरंसी के जरिए ठगी का मास्टरमाइंड अमित जायसवाल था जिसकी गिरफ्तारी दिल्ली से की गई है.
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