इंदौर: देश भर में दुष्कर्म और महिला अपराध की बढ़ती घटनाओं के चलते भाजपा की फायर ब्रांड विधायक और पूर्व मंत्री उषा ठाकुर ने दुष्कर्मियों को फांसी से भी कठोरता सजा देने की सलाह दी है. शनिवार को इंदौर कलेक्ट्रेट में बैठक के पश्चात मीडिया से चर्चा में उषा ठाकुर ने कहा मध्य प्रदेश सरकार ने छोटी बेटियों के साथ दुराचार करने वालों को सबसे पहले फांसी का प्रावधान किया था, लेकिन इस तरह की घटनाएं रुक नहीं रही हैं. इस पर समाज को चिंता करने की जरूरत है.
दुष्कर्मियों को सरेआम फांसी दी जाए
उन्होंने इंदौर के एक निजी स्कूलों में छोटी बच्ची के साथ हुई अभद्र घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा, ''जो लोग इस तरह की वारदात करते हैं वह या तो नशे में लिप्त होते हैं या संस्कार विहीन लोग होते हैं. ऐसे लोगों को फांसी की सजा का भी डर नहीं है, क्योंकि ऐसे अपराध करने वाले लोगों को जेल में एकांत में फांसी दे दी जाती है और अन्य लोगों को कोई सबक नहीं मिलता. इसीलिए मैंने हस्ताक्षर अभियान चलाया, जिसमें मांग की गई है कि आरोपी को चौराहे पर फांसी देने के बाद उसके शव को चील कौवा को खाने के लिए खुला छोड़ देना चाहिए. ऐसी ही स्थिति में अपराध पर नियंत्रण किया जा सकता है.''
पहचान पत्र देखकर ही मिले गरबा पंडालों में प्रवेश
इस दौरान उन्होंने कहा कि परिजन अपने बच्चों को धार्मिक शिक्षा दें, ताकि उन्हें सही गलत का फर्क समझ आए. उषा ठाकुर ने कहा कि उनके द्वारा गरबा पंडाल में युवकों को उनका पहचान पत्र देखकर ही प्रवेश देने की मांग की थी. जिस पर मुख्यमंत्री ने सभी जिलों को इस संबंध में निर्देश दिए हैं. इसके प्रति में मुख्यमंत्री की आभारी हूं, क्योंकि जिस तरह की घटनाएं आजकल हो रही हैं उसे संदर्भ में यह सबसे जरूरी था.