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ट्रांसजेंडर्स का हुनर काबिलेतारीफ, देखें- कैसे रोजगार की राह बनाकर बने आत्मनिर्भर - INDORE TRANSGENDERS SKILLS

ट्रांसजेंडर्स के हुनर से रोशन होगी दीपावली, इनके द्वारा बनाए गए उत्पाद खासकर कलात्मक दीपक देशभर में ऑनलाइन बिक रहे हैं.

Indore Transgenders Skills
ट्रांसजेंडर्स का हुनर भी काबिलेतारीफ (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 23, 2024, 5:44 PM IST

इंदौर। शारीरिक और मानसिक बदलाव के कारण लड़की से लड़का और लड़के से लड़कियां बनने वाले ट्रांसजेंडर भी अब किन्नरों की तरह डेरों में रहते हुए बधाई देकर या भीख मांगकर गुजर बसर नहीं करना चाहते. नतीजतन, अब ट्रांसजेंडर भी स्वरोजगार और हुनर के जरिए अपने पैरों पर खड़े होना चाहते हैं. इंदौर के ट्रांसजेंडर होम में ऐसी ही अनूठी पहल के चलते इन दिनों दीपावली के सुंदर कलात्मक दिए तैयार किया जा रहे हैं, जिसे अब हाथों-हाथ ऑनलाइन बेचा जा रहा है, जिससे कि ट्रांसजेंडर भी मिलकर दीपावली मना सके.

कई कारणों से टांसजेंडर्स की संख्या बढ़ी

देशभर में अलग-अलग शारीरिक और सामाजिक कारण से सामने आ रहे ट्रांसजेंडर लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसे लोगों के सामने सबसे बड़ा संकट रोजगार और रोजी-रोटी का होता है. वहीं घर परिवार से भी इन्हें कई बार बहिष्कृत कर जाने के कारण इन्हें किन्नरों के बाड़े में रहना पड़ता है, लेकिन अधिकांश ट्रांसजेंडर ऐसे हैं जो किन्नरों के साथ रहकर बधाई या भिक्षावृत्ति का काम नहीं करना चाहते. ऐसे लोग अपने रोजगार की राह अब खुद तलाश रहे हैं. इंदौर में ट्रांसजेंडर के पहले शेल्टर होम मेरा कुनबा में रहने वाले तमाम ट्रांसजेंडर इन दिनों अपना हुनर और कलाकारी दीपावली के दीए सजाने में दिखा रहे हैं.

ट्रांसजेंडर्स के हुनर से रोशन होगी दीपावली (ETV BHARAT)

ट्रांसजेंडर भी समाज की मुख्य धारा के अंग हैं

बीते कुछ दिनों में ही यहां तैयार किए गए तरह-तरह के सुंदर कलात्मक दिए अब ऑनलाइन बेचे जा रहे हैं. ट्रांसजेंडर होम की संचालक संध्या घावरी बताती हैं "यहां रहने वाले तमाम ट्रांसजेंडर भी अन्य लोगों की तरह ही नए कपड़े मिठाइयां और तरह-तरह की सजावट के साथ दीपावली का त्योहार मनाना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें यह सब उनके घर में नसीब नहीं हो पाता. लिहाजा, सभी दीपावली मनाने के लिए कलात्मक दिए तैयार कर रहे हैं, जिसे बेचकर होने वाली कमाई से ट्रांसजेंडर भी दीपावली मनाएंगे."

Indore Transgenders Skills
ट्रांसजेंडर्स ने बनाए कलात्मक दीये (ETV BHARAT)
Indore Transgenders Skills
ट्रांसजेंडर्स द्वारा बनाए गए उत्पाद ऑनलाइन बिक्री (ETV BHARAT)

ट्रांसजेंडर्स ने बनाए कलात्मक दीपक, डिमांड भी बढ़ी

आमतौर पर यही माना जाता है कि ट्रांसजेंडर लोग सिर्फ बधाई मांगते हैं और भिक्षावृत्ति करते हैं लेकिन ऐसे छोटे से प्रयास से हम ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए भी आत्मनिर्भर होने का प्रयास कर रहे हैं. यहां रहने वाली अवनी मालवीय कहना है "ट्रांसजेंडर लोग भी इसी समाज का हिस्सा हैं. वह भी खास तरह की स्किल रखते हैं. यदि वह अपनी स्किल को डेवलप करें तो वह भी किसी भी ऊंचाई तक पहुंच सकते हैं. इसके अलावा उनके बनाए सुंदर और कलात्मक दीपक में कलात्मक डिजाइन और उनकी भावनाएं जुड़ी हुई है जोकि होममेड हैं. इसलिए भी लोग होममेड दिए को पसंद करते हैं."

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हर ट्रांसजेंडर किन्नर नहीं, खुद करना चाहते हैं रोजगार

आमतौर पर लोगों की यही धारणा है कि ट्रांसजेंडर लोग किन्नर होते हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि विभिन्न सामाजिक और शारीरिक कर्म से कई लोग लिंग परिवर्तन करने के बाद ट्रांसजेंडर की जिंदगी जीते हैं. इनमें अधिकांश ऐसे हैं जो किन्नर समुदाय से जोड़कर नहीं खुद कोई रोजगार या अपना मुकाम हासिल करना चाहते हैं. लेकिन सामाजिक स्वीकार्यता नहीं होने के कारण उन्हें शेल्टर होम या ट्रांसजेंडर हम में रहना पड़ता है. हालांकि अब धीरे-धीरे ट्रांसजेंडर को लेकर सामाजिक धरना भी बदल रही है, जिसके कारण समाज में ट्रांसजेंडर लोगों की सामाजिक स्वीकार्यता भी बढ़ी है.

इंदौर। शारीरिक और मानसिक बदलाव के कारण लड़की से लड़का और लड़के से लड़कियां बनने वाले ट्रांसजेंडर भी अब किन्नरों की तरह डेरों में रहते हुए बधाई देकर या भीख मांगकर गुजर बसर नहीं करना चाहते. नतीजतन, अब ट्रांसजेंडर भी स्वरोजगार और हुनर के जरिए अपने पैरों पर खड़े होना चाहते हैं. इंदौर के ट्रांसजेंडर होम में ऐसी ही अनूठी पहल के चलते इन दिनों दीपावली के सुंदर कलात्मक दिए तैयार किया जा रहे हैं, जिसे अब हाथों-हाथ ऑनलाइन बेचा जा रहा है, जिससे कि ट्रांसजेंडर भी मिलकर दीपावली मना सके.

कई कारणों से टांसजेंडर्स की संख्या बढ़ी

देशभर में अलग-अलग शारीरिक और सामाजिक कारण से सामने आ रहे ट्रांसजेंडर लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसे लोगों के सामने सबसे बड़ा संकट रोजगार और रोजी-रोटी का होता है. वहीं घर परिवार से भी इन्हें कई बार बहिष्कृत कर जाने के कारण इन्हें किन्नरों के बाड़े में रहना पड़ता है, लेकिन अधिकांश ट्रांसजेंडर ऐसे हैं जो किन्नरों के साथ रहकर बधाई या भिक्षावृत्ति का काम नहीं करना चाहते. ऐसे लोग अपने रोजगार की राह अब खुद तलाश रहे हैं. इंदौर में ट्रांसजेंडर के पहले शेल्टर होम मेरा कुनबा में रहने वाले तमाम ट्रांसजेंडर इन दिनों अपना हुनर और कलाकारी दीपावली के दीए सजाने में दिखा रहे हैं.

ट्रांसजेंडर्स के हुनर से रोशन होगी दीपावली (ETV BHARAT)

ट्रांसजेंडर भी समाज की मुख्य धारा के अंग हैं

बीते कुछ दिनों में ही यहां तैयार किए गए तरह-तरह के सुंदर कलात्मक दिए अब ऑनलाइन बेचे जा रहे हैं. ट्रांसजेंडर होम की संचालक संध्या घावरी बताती हैं "यहां रहने वाले तमाम ट्रांसजेंडर भी अन्य लोगों की तरह ही नए कपड़े मिठाइयां और तरह-तरह की सजावट के साथ दीपावली का त्योहार मनाना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें यह सब उनके घर में नसीब नहीं हो पाता. लिहाजा, सभी दीपावली मनाने के लिए कलात्मक दिए तैयार कर रहे हैं, जिसे बेचकर होने वाली कमाई से ट्रांसजेंडर भी दीपावली मनाएंगे."

Indore Transgenders Skills
ट्रांसजेंडर्स ने बनाए कलात्मक दीये (ETV BHARAT)
Indore Transgenders Skills
ट्रांसजेंडर्स द्वारा बनाए गए उत्पाद ऑनलाइन बिक्री (ETV BHARAT)

ट्रांसजेंडर्स ने बनाए कलात्मक दीपक, डिमांड भी बढ़ी

आमतौर पर यही माना जाता है कि ट्रांसजेंडर लोग सिर्फ बधाई मांगते हैं और भिक्षावृत्ति करते हैं लेकिन ऐसे छोटे से प्रयास से हम ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए भी आत्मनिर्भर होने का प्रयास कर रहे हैं. यहां रहने वाली अवनी मालवीय कहना है "ट्रांसजेंडर लोग भी इसी समाज का हिस्सा हैं. वह भी खास तरह की स्किल रखते हैं. यदि वह अपनी स्किल को डेवलप करें तो वह भी किसी भी ऊंचाई तक पहुंच सकते हैं. इसके अलावा उनके बनाए सुंदर और कलात्मक दीपक में कलात्मक डिजाइन और उनकी भावनाएं जुड़ी हुई है जोकि होममेड हैं. इसलिए भी लोग होममेड दिए को पसंद करते हैं."

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