इंदौर। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत के काफिले में शामिल एम्बुलेंस में किसी डॉक्टर की ड्यूटी नहीं लगाने का मामला सामने आया है. इस लापरवाही का खुलासा होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एक बड़ी कार्रवाई की गई है. शनिवार को मिली जानकारी के मुताबिक, इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकॉल अफसर को निलंबित कर दिया गया है. यह जानकारी प्रशासन के एक अधिकारी ने शनिवार को दी है.
गवर्नर के काफिले में शामिल एम्बुलेंस में नहीं था डॉक्टर
जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि, ''एम्बुलेंस में डॉक्टर की अनुपस्थिति की बात तब सामने आई जब शुक्रवार शाम को गवर्नर का काफिला मध्य प्रदेश के इंदौर जिले से गुजर रहा था. गवर्नर के काफिले के साथ उनकी नातिन भी थी. इंदौर से गुजरने के दौरान शाम को गहलोत की पोती की तबियत खराब हो गई. लेकिन गवर्नर के काफिले के साथ चल रही एम्बुलेंस में कोई डॉक्टर भी मौजूद नहीं था''. डीएम ने आगे बताया कि इसके बाद कर्नाटक के राज्यपाल की नातिन को शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. निजी अस्पताल के इलाज के बाद अब गवर्नर के नातिन की तबियत ठीक है.
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प्रोटोकॉल अधिकारी पर गिरी गाज
वहीं, इस मामले पर इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि ''कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत के काफिले से जुड़े इंतजामों में जो लापरवाही हुई है उसके लिए उनके विभाग के एक प्रोटोकॉल अधिकारी को निलंबित किया गया है''. डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि विशिष्ट और अति विशिष्ट लोगों के साथ चलने वाले काफिले में शामिल एम्बुलेंस में डॉक्टर की ड्यूटी लगाने की जिम्मेदारी उसी अफसर के जिम्मे होती है.