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पीएम आवास के कॉन्ट्रेक्टर ने इंदौर में की करोड़ों की घपलेबाजी, सामने आई ये कहानी - Indore Contractor SCAM

इंदौर नगर निगम में एक और घोटाला सामने आया है. नगर निगम ने सतपुड़ा इमारत का निर्माण कर रही कंपनी के खिलाफ 8.5 करोड़ की घपलेबाजी का आरोप लगाया है. पुलिस ने कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज जांच शुरू कर दी है.

INDORE BANK GUARANTEE SCAM
कंपनी पर 8 करोड़ की गारंटी स्कैम का आरोप (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 8, 2024, 5:37 PM IST

इंदौर: नगर निगम इंदौर ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने वाली ठेका कंपनी पर 8.5 करोड़ रु के घोटाले का आरोप लगाया है. नगर निगम ने इसकी शिकायत सेन्ट्रल कोतवाली थाने में की है. निगम ने पुलिस को शिकायत में बताया कि ठेकेदार ने टेंडर में जो गारंटी दी, वो फर्जी निकली है, जिसके आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.

मामले की जानकारी देते नगर निगम आयुक्त (ETV Bharat)

कैसे की ठेकेदार ने घपलेबाजी

नगर निगम द्वारा सेन्ट्रल कोतवाली थाने में दर्ज शिकायत के अनुसार, इंदौर नगर निगम में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बांगड़दा में सतपुड़ा इमारत का काम चल रहा है. इसका टेंडर गुजरात की ठेकेदार फर्म कुणाल स्ट्रक्चर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया. इसके लिए कंपनी ने ठाणे की एक बैंक को 8 करोड़ रुपये की गारंटी दी. अब यह गारंटी फर्जी निकल गई है. वहीं, इसी फर्जी गारंटी पर कंपनी निर्माण कार्य करती रही और निगम इतने दिनों से उसको भुगतान कर रहा था.

गारंटी राशि क्लेम करनी चाही तो मामला आया सामने

मामले की सच्चाई सामने आते ही इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने सेन्ट्रल कोतवाली थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई. बताया गया कि कंपनी के साथ 2017 में 100 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट साइन हुआ था. कंपनी ने काम करना शुरू किया. इस दौरान कंपनी के सभी बिल को 5 फीसदी सिक्योरिटी डिपाजिट काटकर नगर निगम ने पेमेंट भी कर दिया. हाल ही में जब नगर निगम ने गारंटी राशि को बैंक से निकालना चाहा तो पता चला की कंपनी द्वारा बैंक में कोई गारंटी मनी नहीं जमा की गई है. नगर निगम ने मामले को लेकर कंपनी के उपर एफआईआर दर्ज करवा दी है.

यह भी पढ़ें:

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अगर आप भी हैं आधार धारक तो हो जाइए सावधान, कहीं बिना लिए आपके नाम पर भी ना निकल जाए लोन

बैंक भी संदेह के घेरे में

इस मामले को लेकर नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने कहा, " जब हमने कंपनी से बैंक गारंटी जब्त कर बैंक से कैश कराने की कोशिश की तो पता चला कि उसने कोई गारंटी दी ही नहीं है. हालांकि, शुरू में बैंक की ओर से हमें गारंटी कागजात मिले थे. हम उन कागजातों को भी देख रहे हैं. बैंक की गतिविधि भी संदेह के घेरे में है. मामले की जानकारी कोतवाली थाने में दे दी गई है. कंपनी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है." एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने कहा, " इंदौर नगर निगम द्वारा धोखाधड़ी की शिकायत की गई है जिसमें बताया है कि ठेका कंपनी द्वारा 5 फीसदी गारंटी राशि नहीं जमा की गई है. हम मामले की जांच कर रहे हैं. जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी."

इंदौर: नगर निगम इंदौर ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने वाली ठेका कंपनी पर 8.5 करोड़ रु के घोटाले का आरोप लगाया है. नगर निगम ने इसकी शिकायत सेन्ट्रल कोतवाली थाने में की है. निगम ने पुलिस को शिकायत में बताया कि ठेकेदार ने टेंडर में जो गारंटी दी, वो फर्जी निकली है, जिसके आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.

मामले की जानकारी देते नगर निगम आयुक्त (ETV Bharat)

कैसे की ठेकेदार ने घपलेबाजी

नगर निगम द्वारा सेन्ट्रल कोतवाली थाने में दर्ज शिकायत के अनुसार, इंदौर नगर निगम में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बांगड़दा में सतपुड़ा इमारत का काम चल रहा है. इसका टेंडर गुजरात की ठेकेदार फर्म कुणाल स्ट्रक्चर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया. इसके लिए कंपनी ने ठाणे की एक बैंक को 8 करोड़ रुपये की गारंटी दी. अब यह गारंटी फर्जी निकल गई है. वहीं, इसी फर्जी गारंटी पर कंपनी निर्माण कार्य करती रही और निगम इतने दिनों से उसको भुगतान कर रहा था.

गारंटी राशि क्लेम करनी चाही तो मामला आया सामने

मामले की सच्चाई सामने आते ही इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने सेन्ट्रल कोतवाली थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई. बताया गया कि कंपनी के साथ 2017 में 100 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट साइन हुआ था. कंपनी ने काम करना शुरू किया. इस दौरान कंपनी के सभी बिल को 5 फीसदी सिक्योरिटी डिपाजिट काटकर नगर निगम ने पेमेंट भी कर दिया. हाल ही में जब नगर निगम ने गारंटी राशि को बैंक से निकालना चाहा तो पता चला की कंपनी द्वारा बैंक में कोई गारंटी मनी नहीं जमा की गई है. नगर निगम ने मामले को लेकर कंपनी के उपर एफआईआर दर्ज करवा दी है.

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बैंक भी संदेह के घेरे में

इस मामले को लेकर नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने कहा, " जब हमने कंपनी से बैंक गारंटी जब्त कर बैंक से कैश कराने की कोशिश की तो पता चला कि उसने कोई गारंटी दी ही नहीं है. हालांकि, शुरू में बैंक की ओर से हमें गारंटी कागजात मिले थे. हम उन कागजातों को भी देख रहे हैं. बैंक की गतिविधि भी संदेह के घेरे में है. मामले की जानकारी कोतवाली थाने में दे दी गई है. कंपनी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है." एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने कहा, " इंदौर नगर निगम द्वारा धोखाधड़ी की शिकायत की गई है जिसमें बताया है कि ठेका कंपनी द्वारा 5 फीसदी गारंटी राशि नहीं जमा की गई है. हम मामले की जांच कर रहे हैं. जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी."

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