इंदौर। खरगोन हिंसा के मामले में अपने एक्स के माध्यम से फर्जी वीडियो पोस्ट करना बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय को महंगा पड़ा है. विजयवर्गीय की शिकायत कांग्रेस नेता अनीमुल खान सूरी ने तिलक नगर थाने में की थी. कोई कार्रवाई नहीं होने पर कांग्रेस नेता शिकायत लेकर हाईकोर्ट पहुंचे. याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 3 माह के अंदर जांच कर कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.
खरगोन हिंसा को लेकर पोस्ट किया था वीडियो
मामले के अनुसार 10 अप्रैल 2022 को खरगोन में रामनवमी के दौरान हिंसा हुई थी. इस मामले को लेकर कैलाश विजयवर्गीय ने अपने सोशल मीडिया एक्स अकाउंट पर एक वीडियो जारी कर इसे खरगोन का बताया था, जिस पर अल्पसंख्यक वर्ग पर टिप्पणी की गई थी. बताया जाता है कि ये वीडियो कहीं और का था. इसके बाद कांग्रेस नेता अनिमुल खान सूरी ने 16 अप्रैल 2022 को तिलक नगर थाने में शिकायत की थी. शिकायत में कहा गया था कि कैलाश विजयवर्गीय ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर तेलंगाना के वीडियो को खरगोन का बताया और पोस्ट किया.
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कांग्रेस नेता सूरी ने हाईकोर्ट में लगाई याचिका
शिकायत में कांग्रेस नेता ने ये भी लिखा था कि इस वीडियो के माध्यम से अल्पसंख्यकों को भड़काने व शांति भंग करने का प्रयास किया गया. लेकिन तिलक नगर पुलिस ने उस समय किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद कांग्रेस नेता सूरी ने इंदौर हाई कोर्ट में याचिका दायर की. जिस पर कोर्ट में सुनवाई हुई. हाई कोर्ट ने इंदौर की तिलक नगर पुलिस को आदेश दिया कि इस मामले की 90 दिन में जांच कर केस दर्ज करें.