इंदौर : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी इंदौर द्वारा कृषि सेवा और क्रॉपडॉक्टर नाम के दो एप डेवलप किए गए हैं. ये एप किसानों को अपनी फसलों का अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने में सहायता करने के लिए डिजाइन किए गए हैं. किसानों की मदद के लिए तैयार किए गए इन एप्स के माध्यम से किसान एक और जहां फसलों का प्रबंध कर सकेंगे वहीं बीमारियों, कीटों और पोषण संबंधी लक्षणों की पहचान करने के साथ-साथ उनके उपचार की उचित जानकारी भी प्राप्त कर सकेंगे.
कृषि सेवा एप देगी ये जानकारी
आईआईटी इंदौर के सीएसई विभाग की प्रोफेसर अरुणा तिवारी की देखरेख में शोधकर्ताओं की एक टीम द्वारा कृषि सेवा एप बनाई गई है, जो फसलों की उत्पादकता और उनके स्वास्थय की जानकारी देगी. इसमें भोपाल स्थित आईसीएआर-केंद्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. शशि रावत की मदद भी ली गई है. जिससे भारत में खेती के तरीकों में महत्वपूर्ण बदलाव लाए जा सकें और किसानों को फसल स्वास्थ्य और उत्पादकता बढ़ाने के लिए आसानी से मदद मिल सके.
सोयाबीन फसल के लिए क्रॉप डॉक्टर एप
वहीं क्रॉपडॉक्टर नामक एप भारतीय कृषि के प्रमुख क्षेत्र में सोयाबीन की खेती में बदलाव लाने के लिए तैयार है. इसकी देखरेख भी प्रोफेसर अरुणा तिवारी और डॉ. मिलिंद रत्नपारखे आईसीएआर द्वारा की जा रही है. एंड्रॉइड डिवाइस के लिए डिजाइन किया गया क्रॉपडॉक्टर किसानों को उनकी सोयाबीन फसलों को प्रभावित करने वाली बीमारियों और कीटों का कुशलतापूर्वक प्रबंधन करने में मदद करेगा.
फसलों की होगी उचित देखभाल
आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रोफेसर सुहास जोशी ने कहा, '' कृषि सेवा और क्रॉपडॉक्टर ऐसे मोबाइल एप हैं जो किसानों को फसल के स्वास्थ्य का निदान और प्रबंधन करने में मदद करने के लिए डिजाइन किए गए हैं. कृषि सेवा किसानों को प्रभावित पौधों की तस्वीरें लेने और आलू गेहूं चावल सोयाबीन और सरसों जैसी फसलों के लिए रोगों और कीटों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने की अनुमति देती है. इसी तरह क्रॉपडॉक्टर सोयाबीन की फसलों पर ध्यान केंद्रित करता है. रोग और कीट नियंत्रण मिट्टी प्रबंधन और खेती के तरीकों पर मार्गदर्शन प्रदान करता है.''
बढ़ेगा उत्पादन, कम होगा नुकसान
एप डेवलपमेंट को लीड कर रहीं प्रो.तिवारी ने कहा, '' ये एप किसानों के सामने आने वाली कई गंभीर चुनौतियों का समाधान करते हैं. कीटों और बीमारियों की गलत पहचान अक्सर गलत उपचार की ओर ले जाती है, जिसके परिणामस्वरूप फसल की पैदावार कम होती है और वित्तीय नुकसान होता है. सटीक निदान और प्रबंधन सलाह प्रदान करके दोनों एप किसानों को सटीक निर्णय लेने में मदद करते हैं, जिससे फसल की सेहत और उत्पादकता में सुधार होता है. एप पूरी तरह से तैयार हो चुका है और वर्तमान में यह कॉपीराइट चरण में है. एप्लिकेशन अपनी अनूठी विशेषताओं और सामग्री की सुरक्षा के लिए कॉपीराइट सुरक्षा हासिल करने की प्रक्रिया में है.''