इंदौर। इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में बीते दिनों एमबीए परीक्षा पेपर लीक मामले में रिटायर्ड जज की अध्यक्षता वाली जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश की. विश्वविद्यालय प्रबंधन को सौंपी रिपोर्ट में पेपर आउट करने के मामले में आइडियलिक कॉलेज को जिम्मेदार ठहराया गया. बता दें कि एमबीए फर्स्ट सेमेस्टर पेपर लीक मामले को लेकर डीएवी की काफी बदनामी हुई थी.
3 साल तक एग्जाम सेंटर भी नहीं बेनगा
इसके साथ ही जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर इंदौर के सांघवी महाविद्यालय को भी परीक्षा केंद्र नही बनाने का निर्णय लिया है. बता दें कि पंकज सांघवी भी लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से बीजेपी में चले गए थे. परीक्षा की गोपनीयता के नियमों के पालन में इन दोनों महाविद्यालय की अनियमितता सामने आई हैं. 14 बिंदुओं पर 4 पेज की रिपोर्ट कमेटी ने विश्वविद्यालय प्रबंधन सौंपी. बुधवार को कार्यपरिषद की बैठक में इस पर चर्चा हुई. बैठक में ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई करने पर सहमति बनी. इसके बाद आइडियलिक कॉलेज और संघवी कॉलेज पर यह कार्रवाई की गई.
अन्य 3 कॉलेज भी जांच के दायरे में
जांच रिपोर्ट के अनुसार तीन अन्य महाविद्यालयों ने भी अपने दस्तावेज और रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं किए हैं. इन कॉलेजों को तुरंत रिकॉर्ड प्रस्तुत करने को कहा गया है. इनमें यदि अनियमितता मिली तो इन कॉलेजों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. दरअसल, डीएवीवी ने एमबीए परीक्षा पेपर लीक मामले की पुलिस में भी एफआईआर दर्ज कराई गई थी, जिस पर छोटी ग्वालटोली पुलिस ने आइडियलिक कॉलेज के कंप्यूटर ऑपरेटर और दो छात्रों को गिरफ्तार किया था. वहीं अन्य महाविद्यालय को लेकर भी पुलिस द्वारा जांच की जा रही है.
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मान्यता निरस्त करने के लिए बनाई जांच कमेटी
गौरतलब है कि एमबीए पेपर लीक मामले में दोषी पाए गए आइडियलिक कॉलेज के संचालक हाल ही में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से बीजेपी ज्वाइन करने वाले अक्षय कांति बम हैं. अब कॉलेज की मान्यता की जांच के लिए डीएवीवी ने एक अलग कमेटी बनाने का निर्णय लिया है, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर मान्यता निरस्त किए जाने पर विचार किया जाएगा. उच्च शिक्षा आयुक्त निशांत वरवड़े ने कहा "इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिससे आगे कोई भी इस प्रकार की जुर्रत नहीं करे." वहीं, डीएवी कुलपति प्रो. रेणु जैन ने भी कड़ी कार्रवाई का समर्थन किया.