इंदौर. केंद्र सरकार के एक रिटायर्ड कर्मचारी की याचिका इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. दरअसल, रिटायर्ड कर्मचारी ने कोर्ट में याचिका लगाई है कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ना है. लेकिन सरकार के कई नियम इसमें आड़े आ रहे हैं, जिसके बाद रिटायर्ड कर्मचारी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
क्या है पूरा मामला?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में काम करने को लेकर लगाई गई इस याचिका में कोर्ट ने केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय से जवाब मांगा था. हालांकि, अबतक जवाब नहीं मिलने से सुनवाई आगे बढ़ा दी गई है. ये याचिका लगाई है इंदौर के रिटायर्ड अधिकारी पुरुषोत्तम गुप्ता ने. उन्होंने पिछले साल इंदौर हाई कोर्ट में आचरण नियम को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी. याचिका में पुरुषोत्तम गुप्ता ने कहा कि वे केंद्र सरकार में अधिकारी के पद पर पदस्थ थे और सेवानिवृत होने के बाद वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को अपना बचा हुआ जीवन समर्पित करना चाहते हैं.
रिटायर्ड कर्मचारी के सामने ये दिक्कत
याचिका में कहा गया है कि वे आरएसएस से जुड़कर सेवा कार्य करना चाहते हैं लेकिन केंद्र सरकार के सेवानिवृत्त अधिकारियों के लिए कुछ नियम बने हुए हैं, जिसके चलते वह फिलहाल आरएसएस से जुड़कर काम नहीं कर सकते. कोर्ट ने इस मामले में गृह मंत्रालय पर नाराजगी भी जाहिर की कि 4 बार समय लेने के बाद भी मंत्रालय ने इस मामले पर अपना पक्ष नहीं रखा है.
इंदौर हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने अगली सुनवाई पर केंद्रीय गृह सचिव को विजुअली उपस्थित होकर इस मामले में जवाब देने को कहा है. इंदौर हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने यह निर्देश जारी किए हैं कि अब इस पूरे मामले की सुनवाई 22 मई को होगी.