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इंदौर में सड़क हादसे में मृत आरक्षक के पीड़ित परिजनों को 52 लाख हर्जाना देने के आदेश - indore district court Order - INDORE DISTRICT COURT ORDER

इंदौर की जिला अदालत ने सड़क हादसे के मामले में बीमा कंपनी के साथ ही ट्रक मालिक को 52 लाख रुपये हर्जाना पीड़ित परिवार को देने का आदेश दिया है.

indore district court Order
मृत आरक्षक के पीड़ित परिजनों को 52 लाख हजार्ना देने के आदेश
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 16, 2024, 5:13 PM IST

इंदौर। मामले के अनुसार सड़क हादसा हादसा 18 नवंबर 2018 को इंदौर के बायपास पर हुआ था. इंदौर बायपास पर आरक्षक कमल पादरी की ट्रक के नीचे दबने के कारण मौत हो गई थी. प्रत्यक्षदर्शियों ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी. पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच और सबूत एकत्र कर मामला अदालत के समक्ष पेश किया. इसी दौरान आरक्षक की पत्नी ने मुआवजे को लेकर एक याचिका भी कोर्ट में लगाई थी.

बीमा कंपनी ने क्लैम खारिज कर दिया था

मृत आरक्षक की पत्नी के अधिवक्ता एलएन यादव के मुताबिक कमल की पत्नी पूनम व परिजनों ने कोर्ट की शरण ली थी. इस मामले में बीमा कंपनी ने क्लैम की राशि को खारिज कर दिया था. इसके विरोध में पीड़ित परिवार ने अदालत से मदद मांगी. बीमा कंपनी ने कोर्ट में तर्क दिया था कि ये याचिका सुनने का अधिकार कोर्ट को नहीं है. लेकिन कोर्ट ने बीमा कंपनी की याचिका को खारिज कर दिया. 5 साल तक केस चलता रहा. विभिन्न पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया.

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इंदौर बायपास पर ट्रक ने कुचल दिया था

अदालत के आदेश के अनुसार बीमा कंपनी, ट्रक मालिक और ट्रक चालक को संयुक्त रूप से 52 लाख आरक्षक की पत्नी व परिजनों को देने पड़ेंगे. पुलिस के अनुसार आरक्षक बायपास पर वाहनों चेकिंग करने के दौरान खड़ा था, लेकिन इसी दौरान अनियंत्रित ट्रक आया और आरक्षक पर पलट गया. इस कारण उसकी मौत हो गई. पीड़ित परिवार में पत्नी व तीन बच्चों के साथ माता-पिता हैं. इन लोगों की देखरेख का जिम्मा आरक्षक पर ही था. हादसे के बाद परिवार की आर्थिक हालत खराब हो गई.

इंदौर। मामले के अनुसार सड़क हादसा हादसा 18 नवंबर 2018 को इंदौर के बायपास पर हुआ था. इंदौर बायपास पर आरक्षक कमल पादरी की ट्रक के नीचे दबने के कारण मौत हो गई थी. प्रत्यक्षदर्शियों ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी. पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच और सबूत एकत्र कर मामला अदालत के समक्ष पेश किया. इसी दौरान आरक्षक की पत्नी ने मुआवजे को लेकर एक याचिका भी कोर्ट में लगाई थी.

बीमा कंपनी ने क्लैम खारिज कर दिया था

मृत आरक्षक की पत्नी के अधिवक्ता एलएन यादव के मुताबिक कमल की पत्नी पूनम व परिजनों ने कोर्ट की शरण ली थी. इस मामले में बीमा कंपनी ने क्लैम की राशि को खारिज कर दिया था. इसके विरोध में पीड़ित परिवार ने अदालत से मदद मांगी. बीमा कंपनी ने कोर्ट में तर्क दिया था कि ये याचिका सुनने का अधिकार कोर्ट को नहीं है. लेकिन कोर्ट ने बीमा कंपनी की याचिका को खारिज कर दिया. 5 साल तक केस चलता रहा. विभिन्न पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया.

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