इंदौर। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इंदौर पहुंचे, जहां उन्होंने भोपाल के वल्लभ भवन में लगी आग पर भाजपा सरकार को घेरा. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि ''वहां सिर्फ भ्रष्टाचार को दबाने के लिए आग लगाई जाती है. वहां हर साल आग लग रही है, मेरे कार्यकाल में एक बार भी आग नहीं लगी. कभी सतपुड़ा में तो कभी वल्लभ भवन में आग लग जाती है. भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए आग लगाई जाती है. आज तक नहीं पता चला कौन सी फाइल जली है. आग लगने के बाद जांच की केवल बात की जाती है, लेकिन सरकार जांच नहीं करवाती.''
आरएसएस के लोग मुझे चाहते थे
वहीं कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं पर दिग्विजय सिंह सिंह ने कहा कि ''मुझे नहीं लगता कांग्रेस से जाने वालों के मन में कोई विचारधारा की बात है. अगर विचारधारा की बात नहीं थी तो कांग्रेस में क्यों आए कांग्रेस से चुनाव लड़े क्यों? मेरे लिए सत्ता और कुर्सी का कोई महत्व नहीं है. मैं कांग्रेस की विचारधारा को जानकर ही कांग्रेस में आया था. जन संघ चाहती थी कि में उनकी पार्टी ज्वाइन करूं, आरएसएस के लोग भी मुझे अपने साथ लाना चाहते थे, लेकिन मैंने कांग्रेस की विचारधारा को जानकर कांग्रेस में जाने का फैसला लिया था.
अपूर्ण मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा सनातन धर्म के विपरीत
आमंत्रण के बावजूद राम मंदिर नहीं जाने के सवाल पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि ''अपूर्ण मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करना सनातन धर्म के विपरीत है. ऐसी स्थिति अनिष्ट होने का भाव दर्शाती है. मंदिर का जब तक निर्माण पूरा नहीं हो जाए, जब तक कलश और ध्वजा ना चढ़ जाए जब तक स्थापना नहीं करना चाहिए. भगवान राम के मंदिर के निर्माण में हम सब ने चंदा दिया है. मंदिर निर्माण के लिए नरसिम्हा राव ने चारों शंकराचार्य रामानंद संप्रदाय के एक-एक न्यास का गठन किया था. उन्हें मंदिर का निर्माण करना था. कई सदियों से वह सेवा करता रहा है, लेकिन उन्हें अलग कर दिया और विश्व हिंदू परिषद को बीच में ले आए जो यह गलत है.''
कांग्रेस के पास चेहरों की कमी नहीं
लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन के सवाल पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि ''लोक सभा चुनाव के लिए कांग्रेस के पास चेहरों की कमी नहीं है.'' वहीं, दिल्ली के रोड पर नमाज पढ़ने वाले युवकों को पुलिस कर्मी के द्वारा लात मारने की बात को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा '' कोई भी व्यक्ति अपने धर्म का पालन कर सकता है, उस पर किसी को रोक टोक नहीं करना चाहिए. यदि पुलिस को वहां नमाज पढ़ने देने से मना करना था पहले मना कर देते, जो भी हुआ वह गलत है.''