इंदौर : पारिवारिक विवाद में पति-पत्नी एक-दूसरे के खिलाफ हद से बाहर जाने लगे हैं. ऐसा ही एक मामला इंदौर में सामने आया. घरेलू विवाद को लेकर एक महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कर अपने पति के खिलाफ दुष्कर्म के साथ ही दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज करा दिया. पति-पत्नी के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि पति ने भी तलाक का आवेदन लगा दिया. इसके बाद जब पति के खिलाफ गंभीर धाराओं में पुलिस ने केस दर्ज कि या तो उसने परेशान होकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में गुहार लगाई.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने पेश किए सबूत
हाई कोर्ट में महिला के पति के अधिवक्ता ने ठोस तर्क रखे. अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि पति ने अपनी पत्नी के खिलाफ तलाक का केस दर्ज करवाया था. इसके बाद पत्नी ने आक्रोशित होकर पति के खिलाफ झूठी शिकायत पुलिस में की. पुलिस ने भी पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज किया. अधिवक्ता ने हाई कोर्ट में कुछ दस्तावेज भी सबूत के तौर पर पेश किए. कई तथ्यों और सबूतों को देखते हुए कोर्ट ने पति के खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त करने का आदेश सुनाया.
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बिना ठोस सबूत के एफआईआर कैसे दर्ज की
हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि बिना ठोस साक्ष्य के किसी व्यक्ति के खिलाफ गंभीर आरोप नहीं लगाया जा सकते. पुलिस की ओर से इस दौरान कोर्ट के समक्ष किसी तरह के कोई साक्ष्य भी प्रस्तुत नहीं किया गया. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिजीत दुबे ने बताया "पत्नी ने रंजिशन पति के खिलाफ झूठा केस दर्ज कराया. पुलिस ने भी बगैर जांच और सबूत के केस दर्ज कर लिया."