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इंदौर में नाइट कल्चर पर लगी रोक, अब रात में नहीं खुलेंगी दुकानें, सरकार को क्यों लेना पड़ा यू-टर्न - Indore ban on night culture

मध्यप्रदेश के इंदौर में नाइट कल्चर (INDORE NIGHT CULTURE) के बढ़ते सामाजिक दुष्प्रभाव, नशाखोरी आदि की शिकायतों को देखते हुए आखिरकार राज्य सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया है. अब इंदौर में सारी रात दुकानें और रेस्टोरेंट आदि नहीं खुलेंगे.

Indore ban on night culture
इंदौर मे नाइट कल्चर पर लगी रोक (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 13, 2024, 8:53 AM IST

इंदौर। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान इंदौर में सारी रात दुकानें खोलने के निर्णय को लेकर विधायकों और नगरी प्रशासन मंत्री के साथ बैठक की थी. जिसमें सभी ने शहर में नाइट कल्चर के दुष्प्रभाव को लेकर चर्चा की. लिहाजा, राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से रात्रिकालीन बाजार एवं व्यावसायिक संस्थानों के संचालन पर रोक लगा दी है. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद इंदौर जिला प्रशासन ने इस आशय के आदेश जारी कर दिए हैं. माना जा रहा है कि इंदौर में रात्रिकालीन बाजार एवं व्यवसायिक संस्थानों के संचालन में नई व्यवस्था लागू होगी.

विशेष स्थानों पर पूरी रात खुलने लगे थे प्रतिष्ठान

दरअसल, इंदौर में आईटी सेक्टर की कई कंपनियों का कामकाज रात में होने के कारण और इन कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी और इससे जुड़े व्यावसायिक सेक्टर के लोगों ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने इस तरह की मांग की थी. शिवराज सरकार ने इन कर्मचारियों को रात्रिकालीन काम करने के लिए रेस्टोरेंट एवं अन्य व्यावसायिक संस्थान खासकर आईटी सेक्टर की कंपनियों से जुड़े क्षेत्र में रात में भी चालू करने की सौगात दी थी. इस आदेश पर तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह ने विगत 13 सितम्बर 2022 को कुछ विशेष स्थानों पर 24x7 अर्थात रात्रिकालीन सेवाओं के संचालन की अनुमति जारी की थी.

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नशाखोरी को देखते हुए नाइट कल्चर पर रोक

आदेश के बाद इंदौर के निरंजनपुर चौराहे से लेकर राजीव गांधी चौराहे के अलावा आईटी सेक्टर से जुड़े अन्य क्षेत्रों के बाजार और रेस्टोरेंट रातभर खुले रहते थे. हालांकि रात में दुकानों के अलावा शहर के तमाम बीयर बार और रेस्टोरेंट आदि के भी खुले रहने के कारण इंदौर में इस व्यवस्था के विपरीत परिणाम भी सामने आए. रात्रिकालीन बाजार खुले रहने के कारण सड़कों पर नशाखोरी और अन्य अनैतिक गतिविधियों होने के कारण कई बार इस व्यवस्था को बंद करने की मांग उठी. शिवराज सरकार में खुद पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन और कैलाश विजयवर्गीय भी नाइट कलर को लेकर आसहमति जता चुके थे. अब मुख्यमंत्री के निर्देश पर कलेक्टर एवं आशीष सिंह ने आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया.

इंदौर। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान इंदौर में सारी रात दुकानें खोलने के निर्णय को लेकर विधायकों और नगरी प्रशासन मंत्री के साथ बैठक की थी. जिसमें सभी ने शहर में नाइट कल्चर के दुष्प्रभाव को लेकर चर्चा की. लिहाजा, राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से रात्रिकालीन बाजार एवं व्यावसायिक संस्थानों के संचालन पर रोक लगा दी है. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद इंदौर जिला प्रशासन ने इस आशय के आदेश जारी कर दिए हैं. माना जा रहा है कि इंदौर में रात्रिकालीन बाजार एवं व्यवसायिक संस्थानों के संचालन में नई व्यवस्था लागू होगी.

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दरअसल, इंदौर में आईटी सेक्टर की कई कंपनियों का कामकाज रात में होने के कारण और इन कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी और इससे जुड़े व्यावसायिक सेक्टर के लोगों ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने इस तरह की मांग की थी. शिवराज सरकार ने इन कर्मचारियों को रात्रिकालीन काम करने के लिए रेस्टोरेंट एवं अन्य व्यावसायिक संस्थान खासकर आईटी सेक्टर की कंपनियों से जुड़े क्षेत्र में रात में भी चालू करने की सौगात दी थी. इस आदेश पर तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह ने विगत 13 सितम्बर 2022 को कुछ विशेष स्थानों पर 24x7 अर्थात रात्रिकालीन सेवाओं के संचालन की अनुमति जारी की थी.

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आदेश के बाद इंदौर के निरंजनपुर चौराहे से लेकर राजीव गांधी चौराहे के अलावा आईटी सेक्टर से जुड़े अन्य क्षेत्रों के बाजार और रेस्टोरेंट रातभर खुले रहते थे. हालांकि रात में दुकानों के अलावा शहर के तमाम बीयर बार और रेस्टोरेंट आदि के भी खुले रहने के कारण इंदौर में इस व्यवस्था के विपरीत परिणाम भी सामने आए. रात्रिकालीन बाजार खुले रहने के कारण सड़कों पर नशाखोरी और अन्य अनैतिक गतिविधियों होने के कारण कई बार इस व्यवस्था को बंद करने की मांग उठी. शिवराज सरकार में खुद पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन और कैलाश विजयवर्गीय भी नाइट कलर को लेकर आसहमति जता चुके थे. अब मुख्यमंत्री के निर्देश पर कलेक्टर एवं आशीष सिंह ने आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया.

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