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इंदौर में देखी जा सकेगी अहिल्याबाई की वैभवशाली विरासत, पुरातत्व विभाग ने तैयार की गैलरी

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 11, 2024, 7:22 PM IST

Updated : Mar 11, 2024, 8:12 PM IST

Indore Ahilyabai Holkar Gallery: इंदौर के राजवाड़ा में अब अहिल्याबाई होल्कर की विरासत को संभाल कर रखा गया है. पुरातत्व विभाग ने अहिल्याबाई होल्कर से जुड़ी दुर्लभ चित्र वीथिका के अलावा होल्कर परिवार की सामग्री अस्त्र-शस्त्र और साजों समान की गैलरी तैयार की है.

Indore Ahilyabai Holkar Gallery:
इंदौर में देखी जा सकेगी अहिल्याबाई की वैभवशाली विरासत
इंदौर में देखी जा सकेगी अहिल्याबाई की वैभवशाली विरासत

इंदौर। होल्कर राजवंश का इतिहास जितना समृद्ध रहा है, उतनी ही दुर्लभ और दर्शनीय है. लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की विरासत, जो देशभर में आज भी लोक कल्याणकारी कार्य और दान पुण्य के लिए जानी जाती है. इंदौर के राजवाड़ा में अब अहिल्याबाई की यही धरोहर आम लोग भी देख सकेंगे. यहां पहली बार पुरातत्व विभाग ने अहिल्याबाई होल्कर से जुड़ी दुर्लभ चित्र वीथिका के अलावा होल्कर परिवार की सामग्री अस्त्र-शस्त्र और साजों समान की स्थाई गैलरी तैयार की है. जहां लोग निर्धारित शुल्क देकर अब होलकर राजवंश की विरासत और अहिल्याबाई होल्कर के लोक कल्याणकारी कार्यों से रूबरू हो सकेंगे.

होल्कर वंश से जुड़ी चित्र वीथिका हुई तैयार

दरअसल, हाल ही में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जीर्णोद्धार के बाद राजवाड़ा में होल्कर राजवंश की जानकारी से जुड़ी चित्र गैलरी की मांग की जा रही थी. लिहाजा पुरातत्व विभाग ने अब परिसर के एक हिस्से में होल्कर वंश से जुड़ी चित्र वीथिका तैयार की है. जिसे देशभर से राजवाड़ा आने वाले दर्शनार्थी और शोधार्थी स्थाई रूप से देख सकेंगे. यह पहला मौका है, जब अहिल्याबाई होल्कर के दुर्लभ चित्रों के अलावा उनकी मूर्ति और तरह-तरह की सामग्री सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित की जाएगी. इस सामग्री में न केवल उनके दुर्लभ क्षेत्र बल्कि अस्त्र-शास्त्र उनके द्वारा उपयोग किए जाने वाले बर्तन अहिल्याबाई की पालकी के अलावा उनके कुल देवता मल्हार मार्तंड के दर्शन भी परिसर में किया जा सकेंगे.

यहां पढ़ें...

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गैलरी में मौजूद होल्कर वंश से जुड़े चित्र और सामान

इस चित्र गैलरी में इंदौर के इंद्रेश्वर महादेव से जुड़ी जानकारी भी चित्र सहित दर्शाई गई है. जो इंदौर की सबसे पुरानी इमारत मानी जाती है. इसके अलावा इंदौर विंटेज में लता मंगेशकर के अलावा होल्कर राजवंश के स्क्रैच और चित्रों की जानकारी मिलती है. इसके अलावा इसी परिसर में उनके कुल देवता के मंदिर परिसर में भी अहिल्याबाई के जीवन से जुड़ी तमाम घटनाओं और झाबुआ की गुड़िया के कथानक में भी दर्शाया गया है. इसके अलावा अहिल्याबाई होल्कर के जन्म से लेकर उनके स्वर्गवास होने तक की तमाम जानकारी और होल्कर राजवंश के अंग्रेजों के अलावा मुगल काल में हुए युद्ध की भी मिश्रा जानकारी यहां चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित की गई है.

इंदौर में देखी जा सकेगी अहिल्याबाई की वैभवशाली विरासत

इंदौर। होल्कर राजवंश का इतिहास जितना समृद्ध रहा है, उतनी ही दुर्लभ और दर्शनीय है. लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की विरासत, जो देशभर में आज भी लोक कल्याणकारी कार्य और दान पुण्य के लिए जानी जाती है. इंदौर के राजवाड़ा में अब अहिल्याबाई की यही धरोहर आम लोग भी देख सकेंगे. यहां पहली बार पुरातत्व विभाग ने अहिल्याबाई होल्कर से जुड़ी दुर्लभ चित्र वीथिका के अलावा होल्कर परिवार की सामग्री अस्त्र-शस्त्र और साजों समान की स्थाई गैलरी तैयार की है. जहां लोग निर्धारित शुल्क देकर अब होलकर राजवंश की विरासत और अहिल्याबाई होल्कर के लोक कल्याणकारी कार्यों से रूबरू हो सकेंगे.

होल्कर वंश से जुड़ी चित्र वीथिका हुई तैयार

दरअसल, हाल ही में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जीर्णोद्धार के बाद राजवाड़ा में होल्कर राजवंश की जानकारी से जुड़ी चित्र गैलरी की मांग की जा रही थी. लिहाजा पुरातत्व विभाग ने अब परिसर के एक हिस्से में होल्कर वंश से जुड़ी चित्र वीथिका तैयार की है. जिसे देशभर से राजवाड़ा आने वाले दर्शनार्थी और शोधार्थी स्थाई रूप से देख सकेंगे. यह पहला मौका है, जब अहिल्याबाई होल्कर के दुर्लभ चित्रों के अलावा उनकी मूर्ति और तरह-तरह की सामग्री सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित की जाएगी. इस सामग्री में न केवल उनके दुर्लभ क्षेत्र बल्कि अस्त्र-शास्त्र उनके द्वारा उपयोग किए जाने वाले बर्तन अहिल्याबाई की पालकी के अलावा उनके कुल देवता मल्हार मार्तंड के दर्शन भी परिसर में किया जा सकेंगे.

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गैलरी में मौजूद होल्कर वंश से जुड़े चित्र और सामान

इस चित्र गैलरी में इंदौर के इंद्रेश्वर महादेव से जुड़ी जानकारी भी चित्र सहित दर्शाई गई है. जो इंदौर की सबसे पुरानी इमारत मानी जाती है. इसके अलावा इंदौर विंटेज में लता मंगेशकर के अलावा होल्कर राजवंश के स्क्रैच और चित्रों की जानकारी मिलती है. इसके अलावा इसी परिसर में उनके कुल देवता के मंदिर परिसर में भी अहिल्याबाई के जीवन से जुड़ी तमाम घटनाओं और झाबुआ की गुड़िया के कथानक में भी दर्शाया गया है. इसके अलावा अहिल्याबाई होल्कर के जन्म से लेकर उनके स्वर्गवास होने तक की तमाम जानकारी और होल्कर राजवंश के अंग्रेजों के अलावा मुगल काल में हुए युद्ध की भी मिश्रा जानकारी यहां चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित की गई है.

Last Updated : Mar 11, 2024, 8:12 PM IST
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