नई दिल्ली: दिल्ली के सरोजिनी नगर डिपो में भारत का पहला ऑल-वुमन बस डिपो (सखी डिपो) की शुरुआत की गई है. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस पहल का उद्घाटन किया. यह महिला बस चालकों और कंडक्टरों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो परिवहन क्षेत्र में अपने हक और अधिकारों की ओर बढ़ने की दिशा में है. इस डिपो के माध्यम से महिला कर्मचारियों को उनकी कार्यस्थल पर सुरक्षा और सम्मान की भावना मिलेगी.
हालांकि, इस ऐतिहासिक शुरुआत के बावजूद महिला कर्मचारियों ने इसे लेकर विरोध भी किया. उनका कहना था कि डिपो में काम करने की शर्तें उचित नहीं हैं. महिला कर्मचारियों ने मंत्री कैलाश गहलोत से फिक्स सैलरी और फिक्स जॉब की मांग की. महिलाओं का आरोप था कि उन्हें कई किलोमीटर दूर से सुबह 6 बजे निकलना पड़ता है और फिर मुश्किल से समय पर ड्यूटी पर पहुंच पाती हैं. इसके अलावा, उन्हें वेतन और कामकाजी परिस्थितियों में सुधार की उम्मीद थी.
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मंत्री कैलाश गहलोत ने आश्वासन दिया
विरोध के बावजूद, मंत्री कैलाश गहलोत ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा और उन्हें बेहतर कार्य वातावरण प्रदान किया जाएगा. डीटीसी में कार्यरत महिलाओं ने इस दौरान जमकर विरोध प्रदर्शन किया. मंत्री कैलाश गहलोत ने जैसे ही हरी झंडी दिखाई, उसके बाद महिला कर्मचारीयो ने बसों के आगे बैठ गई. यह सिलसिला काफी देर तक चला. बाद में, महिलाओं ने अपना विरोध स्थगित कर दिया और डिपो का संचालन सुचारू रूप से शुरू हुआ.
याद रहे कि सरोजिनी नगर डिपो में महिला कर्मचारियों के लिए एक बड़ी सफलता और परिवर्तन की शुरुआत है, जो आने वाले समय में महिलाओं के लिए अन्य क्षेत्रों में भी रोजगार के नए अवसर पैदा कर सकता है.
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